भारतीय परंपरा में सामुहिक स्नान (Bathing in river) की परंपरा रही है। जहां लोग नदियों में एक साथ स्नान करते हैं। गंगा दशहरा (ganga dussehra 2022) ऐसा ही पर्व है। वहीं वैज्ञानिक स्विमिंग को कैलोरी बर्न करने वाली एक बेहतरीन एक्सरसाइज मानते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि ये परंपरा और एक्सरसाइज आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है! गंगा दशहरा (ganga dussehra) के बहाने आइए जानते हैं तैरने के आपके मानसिक स्वास्थ्य (Swimming benefits for mental health) को होने वाले फायदों के बारे में।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए स्विमिंग (Swimming) या तैराकी सबसे अच्छी एक्सरसाइज हैं। सभी एक्सरसाइज के अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन पानी में तैरने से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। रोज आधे घंटे स्विमिंग करने पर आप हर तरह के तनाव और निराशा से दूर रह सकती हैं। तैराकी ब्रेन को बूस्ट करती है। यह मेमोरी, संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function), इम्यून सिस्टम और मूड को भी बेहतर बनाता है। यह स्ट्रेस के कारण होने वाले नुकसान को भी ठीक करता है। मगर वैज्ञानिकों के लिए अभी-भी यह जानना मुश्किल है कि स्विमिंग किस तरह मस्तिष्क को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है।
अमेरिका के कुछ रिसर्चर्स ने चूहों पर स्विमिंग के फायदों के लिए स्टडी की। उन्होंने पाया कि स्विमिंग ने ब्रेन के उन हिस्सों में नई ब्रेन सेल्स जेनरेट करने में मदद की, जहां स्ट्रेस के कारण सेल डिजेनरेशन हुआ था। इस प्रक्रिया को उन्होंने हिप्पोकैम्पल न्यूरोजेनेसिस (hippocampal neurogenesis) नाम दिया। हालांकि इस रिसर्च का निष्कर्ष यह बता पाने में असफल रहा कि मनुष्यों के लिए यह कितनी कारगर है।
तैराकी से मन और मस्तिष्क पर होने वाले प्रभाव के बारे में जानने के लिए हमने बात की स्विमिंग कोच अश्विन राणा से। अश्विन इस बात पर जोर देकर कहते हैं कि शरीर के साथ-साथ तैराकी मन और मस्तिष्क दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। आप नदी में तैरें, पोखर या तालाब में तैरें या फिर स्विमिंग पूल में तैरें, सभी का फायदा एक जैसा होता है। सिर्फ नियमित तौर पर 20 मिनट या आधे घंटे तैरना बहुत जरूरी होता है।
अश्विन राणा कहते हैं, “आप हर तरह के व्यायाम करें, लेकिन तैराकी जितना मजेदार और रिलैक्सिंग कोई व्यायाम नहीं है। जैसे ही आप पूल या नदी में उतरती हैं, आप इस बात को स्पष्ट रूप से महसूस करने लगती हैं कि पानी के संपर्क में आते ही शरीर और दिमाग दोनों तनावमुक्त हो रहे हैं। यहां तक कि चेहरे की शिकन भी गायब होने लगती है।
पानी में तैरना, तैरते समय शरीर को पानी में कुछ देर डुबोये रखना मन को शांत कर देता है। आप स्फूर्ति से भर जाती हैं और यह ऊर्जा दिन भर बरकरार रहती है। यदि आप एक रिद्म के साथ नियमित तौर पर स्विमिंग करती हैं, तो आपका मन इधर-उधर की बातों से हट कर तैराकी पर केंद्रित होने लगता है। यह अवस्था आपको मेडिटेशन की ओर भी ले जा सकती है।’
यदि दिन भर में सिर्फ आधा घंटा नियमित रूप से स्विमिंग की जाए, तो एंग्जाइटी और डिप्रेशन, दोनों कम होते हैं। स्लीप पैटर्न में सुधार हो जाता है, जो साउंड स्लीप के लिए मददगार होता है। स्विमिंग एंडोर्फिन रिलीज करती है, जिसे नेचुरल फीलगुड हार्मोन माना जाता है। इस हार्मोन की वजह से हम दिन भर खुशी महसूस करते रहते हैं। माना जाता है कि डिमेंशिया, मेमोरी लॉस आदि को रोकने में भी यह मदद करता है। यह कॉन्सन्ट्रेशन को भी बढ़ाता है।
ऑस्ट्रेलिया के एक प्रसिद्ध संस्थान ग्रिफिथ इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशनल रिसर्च के अध्ययन में पाया गया कि जो बच्चे पहले तैरना सीखते हैं, वे अपने दोस्तों और अन्य नॉन स्विमर की तुलना में ओरल एक्सप्रेशन, लेटर और नंबर पहचानने, किसी भी न्यूमेरिकल प्रोब्लम को जल्दी हल करने की क्षमता तथा अन्य विजुअल मोटर स्किल में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि पानी में कुछ देर समय बिताने से ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया हो जाता है। यह ऑक्सीजन, ग्लूकोज और न्यूट्रीएंट्स की आपूर्ति को बढ़ा देता है। इससे ब्रेन हेल्थ पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है।
स्विमिंग से व्यक्तिगत रूप से हम लाभान्वित तो होते ही हैं। वहीं यदि आप नदी, तालाब या स्विमिंग पूल तैरने जाती हैं, तो कई लोगों से मुलाकात भी हो जाती है। अपने जैसे लोगों से बातचीत करने, एक-दूसरे से अपने अनुभव साझा करने और विचारों के आदान-प्रदान से भी तनाव मुक्त हुआ जा सकता है। यदि बातचीत करते हुए तैराकी का मजा लिया जाए, तो यह एक पंथ दो काज जैसा हो जाएगा। रिलैक्स होने और सोशल कम्यूनिकेशन बढ़ाने के लिए ही इन दिनों सोसायटीज में स्विमिंग पूल डेवलप किए जाते हैं।
ह्यूमन बॉडी में 70 प्रतिशत पानी ही है। इसलिए पानी हमें प्रभावित करता है। हालांकि पानी रंगहीन होता है, लेकिन स्विमिंग पूल या नदी में पानी का रंग नीला दिखता है। नीला रंग सुख और शांति का प्रतीक है। नीला आसमान, नीला समुद्र, नीला महासागर, इन सभी के दृश्य मिलकर हमें शांति और सुकून देते हैं और हमारा मेंटल हेल्थ मजबूत होता है।
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