Coping with the loss of a pet : अपने पालतू पशु को खोने का गम नहीं भुला पा रहीं हैं, तो ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं

पालतू कुत्ते हों या बिल्ली, ये स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन को कम करते हैं। साथ ही अकेलापन दूर करते हैं। यही पेट जब मर जाते हैं या खो जाते हैं, तो हमारा मेन्टल हेल्थ प्रभावित हो जाता है। जानते है अपने प्यारे पशु को खोने के गम से किस तरह निकला जाए।
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पालतू पशु से लगाव मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा है। चित्र अडॉबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 22 Jan 2024, 12:05 pm IST
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दुनिया भर में लाखों लोग अपने पालतू पशु से प्यार करते हैं। वे उनके परिवार का हिस्सा होते हैं! उनके साथ घूमना-फिरना, खेलना, यहां तक कि उनसे बात करना और गाने का आनंद लेना सब करते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पालतू पशु से लगाव मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा है। लेकिन ऐसा भी होता है। जब वे आपसे हमेशा के लिए जुदा हो जाएं। जानिये आप उस स्थिति का सामना कैसे कर सकती  (Coping with the loss of a pet) हैं?

पेट से क्या मिल सकते हैं स्वास्थ्य को फायदे (health benefits to keep pet)

अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन की एक स्टडी कहती है कि पालतू पशु हमारी ख़ुशी में बड़ा योगदान दे सकते हैं। पालतू कुत्ते हों या बिल्ली, वे स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन को कम करते हैं। इस के साथ ही ये अकेलापन भी दूर करते हैं। बहुत-सी महिलाएं एक्सरसाइज करने में आलस करती हैं। तब ये पालतू कुत्ते उन्हें एक्सरसाइज करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जिन लोगों के पास कुत्ते होते हैं, उनका ब्लड प्रेशर कम होता है। हार्ट अटैक की आशंका कम होती है। यह भी देखा गया है कि कुत्ते के साथ खेलने मात्र से मस्तिष्क में अच्छा महसूस कराने वाले केमिकल्स, ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन का स्तर बढ़ जाता है। इससे व्यक्ति और उनके पालतू जानवर के बीच जुड़ाव पैदा होता है।

पालतू जानवरों को खोने का प्रभाव (impact of losing pet on health) 

मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) के रिसर्चर्स के एक नए अध्ययन के अनुसार, पालतू जानवर की मौत से बच्चों में लंबे समय तक गहरा प्रभाव पड़ता है। वे दुखी रहने लगते हैं, जो अंतत: मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर सकती है। अनुसंधानों से यह भी पुष्टि होती है कि अधिकांश लोगों के लिए उनके पालतू कुत्ते का जाना किसी प्रियजन को खोने के बराबर होता है। साइंटिफिक अमेरिकन की स्टडी कहती है कि किसी पालतू जानवर को खोने के बाद तीव्र दुःख के लक्षण एक से दो महीने तक रह सकते हैं। कुछ में यह पूरे एक वर्ष तक (औसतन) बना रह सकता है।

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पालतू जानवर की मौत से बच्चों में लंबे समय तक गहरा प्रभाव पड़ता है।चित्र-शटरस्टॉक

कैसे सामना करें पालतू जानवरों के जाने के दुख को (how to cope the loss of a pet animal) 

किसी पालतू जानवर को हमेशा के लिए खोने का अनुभव हर किसी के लिए अलग हो सकता है। हर कोई अपने तरीके से रिएक्ट करता है। ये अनुभव अक्सर आपकी उम्र और व्यक्तित्व, आपके पालतू जानवर की उम्र और उनकी मृत्यु की परिस्थितियों जैसे कारकों पर निर्भर करती है। आइए जानते हैं कि कैसे इस गम का सामना करें।

1. लोगों से बात करें जिन्होंने पालतू जानवर खोया हो (talk to people who have lost their pet) 

अगर आपके किसी दोस्त या परिवार के सदस्य ने अपने पालतू जानवर को खोया है, तो ऐसे व्यक्ति की खोज करें। वे आपके दुख को समझेंगे और सहानुभूति रखेंगे।

2. अंतिम संस्कार से मिलेगी मदद (last rites can be helpful) 

आप अगर अपने मृत पालतू पशु का अंतिम संस्कार करती हैं, तो आपको और आपके परिवार को अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने में मदद मिलती है। उन लोगों को नज़रअंदाज़ करें जो सोचते हैं कि किसी पालतू जानवर का अंतिम संस्कार करना अनुचित है। वही करें जो आपको सही लगे।

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किसी पालतू जानवर को खोने का तनाव आपकी एनर्जी एवं इमोशंस को प्रभावित कर सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

3. अपनी सेहत का ख्याल रखें (take care of yourself) 

किसी पालतू जानवर को खोने का तनाव आपकी एनर्जी एवं इमोशंस को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अगर अपनी शारीरिक एवं भावनात्मक ज़रूरतों का ध्यान रखते हैं, तो इस मुश्किल समय से निपटने में मदद मिलेगी। उन लोगों के साथ समय बिताएं, जो आपकी परवाह करते हैं। न्यूट्रिशन युक्त डाइट लें, भरपूर नींद लें और मूड को बेहतर बनाने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें।

4 भूलने का प्रयास करें

पेट के लॉस होने पर उसे भूलने का प्रयास करें। इसके लिए कहीं घूमें-फिरें। एक अच्छी सी किताब पढ़ें। इससे भूलने में मदद मिलेगी।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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