गर्मी जैसे जैसे बढ़ती है खान पान में भी उसी प्रकार से बदलाव आने लगते है। जहां ठण्ड में गर्म पेय पदार्थ शरीर को गर्माहट प्रदान करते हैं, वहीं गर्मी में कोल्ड ड्रिंक्स हर किसी की पहली पंसद बन जाते है। चिलचिलाती गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने के लिए अक्सर लोग सदियों से पारंपरिक और रिवायती रेसिपी ठंडाई का सेवन करते हैं। ये न केवल स्वाद से भरपूर है बल्कि इसे तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंग्रीडिएंटस भी स्वास्थ्यवर्धक साबित होते हैं। होली और शिवरात्रि के मौके पर खासतौर से इस पेयपदार्थ को घरों में तैयार किया जाता है। जानते हैं ठण्डाई को बनाने का तरीक और इसके फायदे भी (Benefits of Thandai )।
ठंडाई के गिलास के बिना होली की कल्पना नहीं की जा सकती है। जश्न के माहौल में स्वाद से भरपूर ठंडाई शरीर को हाइड्रेट रखती है और ऊर्जा से भर देती है, जिससे व्यक्ति देर तक होली का आनंद उठा सकता है। आयुर्वेद की दृष्टि से भी ठंडाई बेहद फायदेमंद है। इसमें प्रयोग की जाने वाली सौंफ, काली मिर्च, खसखस और सीड्स स्वास्थ्य को गर्मी के प्रकोप से बचाने और पाचनतंत्र को उचित बनाए रखने में मदद करती हैं। वहीं भांग की पत्तियों को भी ठंडाई में मिलाकर सेवन किया जाता है, जो शरीर को यूटीआई से बचाता है और सेक्सुअल हेल्थ को भी बूस्ट करता है।
होली ऐसे समय में आती है जब देश के अधिकांश हिस्सों में सर्दी के बाद गर्मी का आगमन होता हैं। ठंडाई नाम का अर्थ है गर्मी से राहत दिलाने वाला पेय पदार्थ। इसके सेवन से शरीर गर्मी के कारण शरीर में आने वाले परिवर्तनों को सहजता से अपनाने में मदद करता है। ठंडाई को उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में शरदाई कहकर पुकारा जाता है।
ठण्डा शब्द से ठंडाई की शुरूआत हुई। शिवारात्रि के मौके पर खासतौर से ठंडाई पीने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। शिवजी को भोग लगाने के बाद लोग इसका सेवन करते हैं। उत्तर प्रदेश में फाल्गुन के महीने में ठंडाई पीने का खास चलन है।
इस बारे में डायटीशियन नुपूर पाटिल का कहना है कि दूध और पानी को मिलाकर तैयार की जाने वाली ठंडाई शरीर के लिए कूलिंग और हाइड्रेटिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है। गर्म मौसम में इसका सेवन करने से शरीर एक्टिव बना रहता है। इसमें डाले जाने वाले बादाम, पिस्ता, केसर और विभिन्न बीजों से शरीर को पोशण की प्राप्ति होती है। इसके सेवन से शरीर में विटामिन ई, बी.कॉम्प्लेक्स और मिनरल की कमी पूरी होती है। वहीं सौंफ, इलायची और काली मिर्च से पाचनतंत्र उचित बना रहता है। एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर ठंडाई से शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम होने लगता है, जिससे शरीर में क्रानिक डिज़ीज़ का खतरा कम हो जाता है।
ठंडाई को बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कालीमिर्च, सौफ और केसर में विटामिन और मिनरल उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। इससे पेट दर्द, निर्जलीकरण और ब्लोटिंग से राहत मिलती है। गर्मी के मौसम में इसका सेवन पेट को ठंडक प्रदान करने में मदद करता है।
इस रेसिपी को तैयार करने के लिए कई प्रकार के सीड्स का प्रयोग किया जाता है, जो इस पारंपरिक रेसिपी की रिचनेस को बढ़ा देते हैं। इसके सेवन से शरीर में एनर्जी और स्टेमिना दोनों बने रहते हैं। इसमें पाए जाने वाले हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है।
शरीर को हेल्दी रखने के साथ ठंडाई तनाव, एंग्जाइटी और मूड सि्ंवग को दूर करने में मदद करता है। इसमें पाई जाने वाली गुलाब की पंखुड़ियां और केसर स्वास्थ्य को रिलैक्स रखता है। इससे शरीर होर्मोनल बैलेंस बना रहता है, जिससे व्यक्ति खुद को हेल्दी और हैप्पी महसूस करता है।
हालांकि ठंडाई में शक्कर मिली होने के कारण इसका कैलोरी लोड काफी ज्यादा होता है। पर आप इसमें अपनी पसंद के इंग्रीडिएंट्स मिलाकर इसे पौष्टिक भी बना सकती हैं। इसमें ढेर सारे ड्राईफ्रूट्स मिलाकर इसमें प्रोटीन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा जोड़ी जा सकती है। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है और शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है।
दूध 2 गिलास
इलायची पाउडर 1 चम्मच
शक्कर 4 चम्मच
कटे बादाम 2 चम्मच
कटा पिस्ता 2 चम्मच
रोज पेटल्स 1/2 चम्मच
खसखस 1 चम्मच
खरबूजे के बीज 1 चम्मच
सौंफ 1 चम्मच
केसर के रेशे 4 से 5
ब्राउन शुगर 2 चम्मच
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कस्टमाइज़ करेंसबसे पहले बादाम, खरबूजे के बीज, खसखस और पिस्ता भिगोकर रख दें। 30 मिनट सोक करने के बाद उन्हें एक बाउल में निकालें।
अब इसमें सौंफ और काली मिर्च मिलाकर ब्लैण्ड कर दें। इसके बाद इसमें 4 से 5 केसर के रेशे और ब्राउन शुगर एड करें।
गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए इसमें थोड़ा सा पानी भी एड कर दें। अब मिश्रण को तैयार करें और उसे इलायची पाउडर डालकर दोबारा से ब्लैण्ड करें।
इस पेस्ट को एक कांच की बर्नी में निकालकर रख लें। 1 चम्मच पेस्ट को गिलास में निकाल लें।
गिलास में पेस्ट के बाद अब दूध डालें और मिक्स कर दें। इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए बादाम, पिस्ता और रोज़ पेट्ल्स से गार्निश करके सर्व करें।
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