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ज्यादा नमक भी बन सकता है हाई ब्लड शुगर का कारण, जानिए क्या है दोनों का कनैक्शन

हाई शुगर हाई ब्लड शुगर लेवल का कारण बनते हैं। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि नमक भी हाई ब्लड शुगर का कारण बन सकते हैं। विशेषज्ञ से जानते हैं कि सोडियम और हाई ब्लड शुगर में क्या कनेक्शन है?
Updated On: 24 Apr 2024, 11:54 am IST
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डॉ. संगीता तिवारी
मेडिकली रिव्यूड
सभी चित्र देखे expert inke limited intake ki salah dete hain
सॉल्ट युक्त आहार का सेवन वास्तव में भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज के विकास का कारण बन सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

आमतौर पर इन्सुलिन रेसिस्टेंस को हाई ब्लड शुगर से जोड़ कर देखा जाता है। साथ ही यह कहा जाता है कि किसी व्यक्ति को हाई ब्लड शुगर की समस्या है, तो उसे भोजन में शुगर नहीं खाना चाहिए। डायबिटीज के कुछ मरीज में यह भी देखा जाता है कि नमक का अधिक सेवन ब्लड शुगर बढ़ने का कारण बन जाता है। क्या सोडियम शुगर को बढ़ा देता है? क्या सोडियम और ब्लड शुगर में संबंध (salt and high blood sugar) है? इस बारे में विशेषज्ञ से जानते हैं।

नमक और टाइप 2 डायबिटीज में संबंध (salt and type 2 diabetes connection)

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अध्ययनों से पता चलता है कि सॉल्ट युक्त आहार का सेवन वास्तव में भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज के विकास का कारण बन सकता है। अध्ययन में पाया गया कि एक दिन में प्रत्येक एक्स्ट्रा ग्राम सोडियम के सेवन से मधुमेह के विकास का खतरा 43 प्रतिशत बढ़ जाता है। यह भी पाया गया कि जो लोग 3.15 ग्राम से अधिक सोडियम खाते हैं, उनमें मधुमेह विकसित होने की संभावना 58 प्रतिशत थी।

डिब्बाबंद और सॉल्टी फ़ूड (Canned and salty food) 

डिब्बाबंद और सॉल्टी फ़ूड का सेवन करने वाले ज्यादातर लोग 50 प्रतिशत अधिक सोडियम का सेवन करते हैं।14 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्ति को प्रतिदिन नमक का सेवन 2,300 मिलीग्राम से अधिक नहीं करना चाहिए। अध्ययनों से पता चला है कि ज्यादा नमक का सेवन हृदय रोग की 17 प्रतिशत अधिक संभावना और स्ट्रोक के 23 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़ा है।
डायबिटीज अनिवार्य रूप से एक सूजन संबंधी बीमारी है। सूजन का खतरा सबसे अधिक हृदय प्रणाली को होता है। डायबिटीज रोगियों में यह खतरा अक्सर मोटापे के कारण और अधिक बढ़ जाता है।

पोटैशियम की भूमिका (potassium role)

मधुमेह वाले लोगों में आमतौर पर लंबे समय तक पोटैशियम की कमी होती है। सोडियम और पोटैशियम का बहुत जटिल संबंध है। इनका उद्देश्य उचित सेलुलर कार्यप्रणाली के लिए एक-दूसरे को संतुलित करना है। आप जितना अधिक सोडियम खाएंगी, आपके शरीर में सापेक्ष पोटैशियम उतना ही कम होगा।

इसलिए मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति जो बहुत अधिक नमक खाता है वह और भी अधिक आवश्यक पोटैशियम खो देता है। बहुत कम पोटैशियम लेवल ब्लड शुगर और इंसुलिन साइकिल के प्रोसेस को और भी अधिक बिगाड़ देता है। लो पोटैशियम शुगर के सेवन के जवाब में इंसुलिन सीक्रेशन को कम कर देता है। यह ग्लूकोज टोलीरेंस को कम कर देता है।

सूजे हुए नर्व में जमा हो जाते हैं ब्लड शुगर ( sugar stores in Inflammatory nerves)

बहुत अधिक ब्लड शुगर पहले से ही सूजे हुए नर्व और वेसल में जमा हो जाते हैं। इससे वे और अधिक बंद हो जाती हैं। इससे एथेरोस्क्लेरोसिस और हाई ब्लड प्रेशर होता है। इसके कारण नॉन डायबिटीज के रोगियों की तुलना में डायबिटीज वाले लोगों में दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी होती है।

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बहुत अधिक ब्लड शुगर पहले से ही सूजे हुए नर्व और वेसल में जमा हो जाते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

अपने आहार में नमक कैसे कम करें (How to reduce salt intake in diet)

यहां हैं आहार में नमक कम करने के तरीके (Tips to reduce salt in diet)।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

1. ऑर्डर देने की बजाय घर का बना खाना खाएं (home made food) 

बाहर के खाने में आवश्यकता से अधिक नमक डला होता है। वहीं घर पर बने ताज़ा भोजन में नमक कम होता है। घर पर नमक कम प्रयोग करने के साथ-साथ सूजन रोधी मसालों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी, जीरा, दालचीनी, लाल मिर्च, सेज, पुदीना, अदरक, मेथी और लहसुन जैसे स्पाइसेज सूजन घटाते हैं।

2. शरीर से नमक बाहर निकालना (Potassium food) 

यदि आपके सिस्टम में पहले से ही बहुत अधिक सोडियम है, तो पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे पत्तेदार साग, फलियां, एवोकैडो, नट और सीड्स, नारियल पानी, ब्रोकोली, का सेवन करके इससे छुटकारा पा सकती हैं। खूब सारा पानी पिएं। पोषक तत्वों से भरपूर आहार और दैनिक व्यायाम के साथ शरीर से नमक बाहर निकाला जा सकता है।

3. तनाव मुक्त रहें (stress free) 

जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो शरीर ब्लड स्ट्रीम में कोर्टिसोल हार्मोन छोड़ता है। कोर्टिसोल इस बात पर प्रभाव डालता है कि आपका शरीर ब्लड शुगर को कैसे प्रबंधित करता है।

एडरीनल ग्लैंड एल्डोस्टेरोन जारी करती हैं। यह सोडियम और पोटैशियम के स्तर पर प्रभाव डालता है। सोडियम रिटेंशन पोटैशियम की कमी को बढ़ावा देता है। इससे डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। इंसुलिन रेसिस्टेंस खराब हो सकता है।

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ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने के लिए तनावमुक्त रहें। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 सोडियम वाले खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें (sodium food) 

कई सारे खाद्य पदार्थ में स्वाभाविक रूप से नमक होते हैं। सेब, अमरूद, एवोकैडो, पपीता, आम, अनानास, केला, खरबूजे और नाशपाती में स्वाभाविक रूप से नमक मौजूद होते हैं। इसलिए एडेड सॉल्ट फ़ूड (salt and high blood sugar) स्मोक्ड, क्यूरेटेड, नमकीन या कैन वाले मीट, मछली या पोल्ट्री, पिज़्ज़ा आदि को खाते समय विशेष सतर्कता बरतें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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