आमतौर पर इन्सुलिन रेसिस्टेंस को हाई ब्लड शुगर से जोड़ कर देखा जाता है। साथ ही यह कहा जाता है कि किसी व्यक्ति को हाई ब्लड शुगर की समस्या है, तो उसे भोजन में शुगर नहीं खाना चाहिए। डायबिटीज के कुछ मरीज में यह भी देखा जाता है कि नमक का अधिक सेवन ब्लड शुगर बढ़ने का कारण बन जाता है। क्या सोडियम शुगर को बढ़ा देता है? क्या सोडियम और ब्लड शुगर में संबंध (salt and high blood sugar) है? इस बारे में विशेषज्ञ से जानते हैं।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अध्ययनों से पता चलता है कि सॉल्ट युक्त आहार का सेवन वास्तव में भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज के विकास का कारण बन सकता है। अध्ययन में पाया गया कि एक दिन में प्रत्येक एक्स्ट्रा ग्राम सोडियम के सेवन से मधुमेह के विकास का खतरा 43 प्रतिशत बढ़ जाता है। यह भी पाया गया कि जो लोग 3.15 ग्राम से अधिक सोडियम खाते हैं, उनमें मधुमेह विकसित होने की संभावना 58 प्रतिशत थी।
डिब्बाबंद और सॉल्टी फ़ूड का सेवन करने वाले ज्यादातर लोग 50 प्रतिशत अधिक सोडियम का सेवन करते हैं।14 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्ति को प्रतिदिन नमक का सेवन 2,300 मिलीग्राम से अधिक नहीं करना चाहिए। अध्ययनों से पता चला है कि ज्यादा नमक का सेवन हृदय रोग की 17 प्रतिशत अधिक संभावना और स्ट्रोक के 23 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़ा है।
डायबिटीज अनिवार्य रूप से एक सूजन संबंधी बीमारी है। सूजन का खतरा सबसे अधिक हृदय प्रणाली को होता है। डायबिटीज रोगियों में यह खतरा अक्सर मोटापे के कारण और अधिक बढ़ जाता है।
मधुमेह वाले लोगों में आमतौर पर लंबे समय तक पोटैशियम की कमी होती है। सोडियम और पोटैशियम का बहुत जटिल संबंध है। इनका उद्देश्य उचित सेलुलर कार्यप्रणाली के लिए एक-दूसरे को संतुलित करना है। आप जितना अधिक सोडियम खाएंगी, आपके शरीर में सापेक्ष पोटैशियम उतना ही कम होगा।
इसलिए मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति जो बहुत अधिक नमक खाता है वह और भी अधिक आवश्यक पोटैशियम खो देता है। बहुत कम पोटैशियम लेवल ब्लड शुगर और इंसुलिन साइकिल के प्रोसेस को और भी अधिक बिगाड़ देता है। लो पोटैशियम शुगर के सेवन के जवाब में इंसुलिन सीक्रेशन को कम कर देता है। यह ग्लूकोज टोलीरेंस को कम कर देता है।
बहुत अधिक ब्लड शुगर पहले से ही सूजे हुए नर्व और वेसल में जमा हो जाते हैं। इससे वे और अधिक बंद हो जाती हैं। इससे एथेरोस्क्लेरोसिस और हाई ब्लड प्रेशर होता है। इसके कारण नॉन डायबिटीज के रोगियों की तुलना में डायबिटीज वाले लोगों में दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी होती है।
यहां हैं आहार में नमक कम करने के तरीके (Tips to reduce salt in diet)।
बाहर के खाने में आवश्यकता से अधिक नमक डला होता है। वहीं घर पर बने ताज़ा भोजन में नमक कम होता है। घर पर नमक कम प्रयोग करने के साथ-साथ सूजन रोधी मसालों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी, जीरा, दालचीनी, लाल मिर्च, सेज, पुदीना, अदरक, मेथी और लहसुन जैसे स्पाइसेज सूजन घटाते हैं।
यदि आपके सिस्टम में पहले से ही बहुत अधिक सोडियम है, तो पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे पत्तेदार साग, फलियां, एवोकैडो, नट और सीड्स, नारियल पानी, ब्रोकोली, का सेवन करके इससे छुटकारा पा सकती हैं। खूब सारा पानी पिएं। पोषक तत्वों से भरपूर आहार और दैनिक व्यायाम के साथ शरीर से नमक बाहर निकाला जा सकता है।
जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो शरीर ब्लड स्ट्रीम में कोर्टिसोल हार्मोन छोड़ता है। कोर्टिसोल इस बात पर प्रभाव डालता है कि आपका शरीर ब्लड शुगर को कैसे प्रबंधित करता है।
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कस्टमाइज़ करेंएडरीनल ग्लैंड एल्डोस्टेरोन जारी करती हैं। यह सोडियम और पोटैशियम के स्तर पर प्रभाव डालता है। सोडियम रिटेंशन पोटैशियम की कमी को बढ़ावा देता है। इससे डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। इंसुलिन रेसिस्टेंस खराब हो सकता है।
कई सारे खाद्य पदार्थ में स्वाभाविक रूप से नमक होते हैं। सेब, अमरूद, एवोकैडो, पपीता, आम, अनानास, केला, खरबूजे और नाशपाती में स्वाभाविक रूप से नमक मौजूद होते हैं। इसलिए एडेड सॉल्ट फ़ूड (salt and high blood sugar) स्मोक्ड, क्यूरेटेड, नमकीन या कैन वाले मीट, मछली या पोल्ट्री, पिज़्ज़ा आदि को खाते समय विशेष सतर्कता बरतें।
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