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फल सुबह खाएं या शाम, ऐसे ही फल खाने से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब दे रही हैं एक आयुर्वेद विशेषज्ञ

फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। जानकारी के अभाव में हम कभी भी और किसे भी तरह फल खा लेते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं कि फल खाने सम्बन्धी कुछ प्रश्नों और उनके जवाब सभी को आने चाहिए।
Published On: 17 Dec 2023, 09:30 am IST
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Dr. Neetu Bhatt
मेडिकली रिव्यूड
Hydrating superfoods ke fayde
ताजे फल पचाने में आसान होते हैं। ये प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं और ताकत देते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

प्रकृति ने उपहार के रूप में हमें तरह-तरह के फल और सब्जी खाने को दिए हैं। फल हमारे लिए बहुत हेल्दी होते हैं। ये नेचुरल शुगर और माइक्रो न्यूट्रीएंट से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार फल अमृत के समान हैं। ये पौष्टिक द्रव या पाचक रस (Nutritional Fluid) में सुधार करते हैं और त्वचा में चमक लाते हैं। ताजे फल पचाने में आसान होते हैं। ये प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं और ताकत देते हैं। हमें प्रति दिन ताजे, मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। इससे आप अधिक ऊर्जा और संतुष्टि महसूस कर सकती हैं। ताजे फल शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की भी क्षमता रखते हैं। आयुर्वेद फल खाने के सही तरीके और सही समय पर खाने के लिए जोर देता है। आइये जानते हैं फल के सेवन से जुड़े कुछ प्रश्न और उत्तर (consuming fruits FAQs) ।

कैसे करना चाहिए फलों का सेवन (How to eat Fruits)?

फलों का सर्वोत्तम लाभ पाने के लिए उन्हें अकेले ही खाना (consuming fruits FAQs) चाहिए। इसके साथ टेस्ट बढ़ाने के लिए कुछ भी एड नहीं करें। बहुत से लोग फलों में नमक, काली मिर्च और चाट मसाला मिला कर खाते हैं। इससे फल की मूल मिठास और पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। फल के साथ नमक या मसाला मिलाने से आंत में एसिड-अल्केलाइन में असंतुलन हो सकता है। दूध या दही के साथ फल मिलाने पर भी यह नुकसानदायक हो जाता है। यही वजह है कि आयुर्वेद स्मूदी और मिल्कशेक पीने की मनाही करता है।

कब खाएं (When to consume fruit)?

फल खाने का सबसे अच्छा समय सुबह है। फल सुबह दस बजे से शाम पांच बजे के बीच लिए जा सकते हैं।सूर्यास्त के बाद का समय स्वाभाविक रूप से कफ दोष बढाने वाला माना जाता है। रात में कभी भी ज्यादा मीठे या खट्टे फल नहीं खाना चाहिए। अपने दिन की शुरुआत फलों से न करें। रात भर पेट खाली रहने के बाद सुबह पाचन अग्नि अपने चरम पर होती है। फलों की प्रकृति ठंडी होती है। इसलिए ये चयापचय या मेटाबोलिज्म को धीमा कर सकते हैं। ये पाचन में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इससे बार-बार सर्दी, खांसी हो सकती है। साइनस बढ़ सकता है।

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फलों को अन्य खाद्य पदार्थों से अलग खाना सबसे अच्छा है। चित्र : अडोबी स्टॉक

डेयरी प्रोडक्ट के साथ फल खाएं या नहीं (Fruits with Dairy Products)

फलों को अन्य खाद्य पदार्थों से अलग खाना सबसे अच्छा है। भोजन या अन्य खाद्य समूहों, विशेष रूप से डेयरी के साथ फल खाने से खट्टा प्रभाव पैदा हो सकता है। इससे ब्लोटिंग, अपच और गैस की समस्या हो सकती है। यदि आप भोजन के साथ फल खाने जा रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि उन्हें या तो पकाया गया हो या अन्य व्यंजनों से पहले खाया जाए। इससे पाचन तंत्र पर उनका प्रभाव कम हो पाता है।

कितना फल खाना चाहिए (How much fruit should be taken)?

किसी भी तरह का भोजन भूख लगने पर ही खाना (consuming fruits FAQs) चाहिए। आप दिन में दो बार या अपनी भूख के अनुसार एक बाउल फल खा सकती हैं। हमेशा खाने से पहले मात्रा पर ध्यान देना चाहिए। कभी भी बहुत ज्यादा फल नहीं खाना चाहिए। फाइबर से भरपूर होने के कारण यह मेटाबोलिज्म को तो एक्टिव करते हैं। लेकिन ये चीनी से भी भरपूर होते हैं। इसलिए फलों के ज्यादा सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए फलों की मात्रा के प्रति हमेशा सावधान रहें। जितना हो सके डिब्बाबंद जूस, प्रोसेस्ड जूस पीने से बचें।

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जितना हो सके डिब्बाबंद जूस, प्रोसेस्ड जूस पीने से बचें। चित्र-अडोबीस्टॉक

क्या कई सारे फल एकसाथ खाए जा सकते हैं (can mixed fruit be healthy)?

एकसाथ कई सारे फल खाने से बचें। एक समय में एक ही फल खाएं। जामुन या संतरे जैसे अम्लीय फलों को अनार या नाशपाती जैसे अल्केलिन फलों के साथ मिला कर खाने (consuming fruits FAQs) से बचें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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