बदलते मौसम में हर व्यक्ति को खांसी, जुकाम और वायरल इंफेक्शन की समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए अधिकतर लोग एंटीबायोटिक का सहारा लेने लगते हैं। मगर नज़ला, जुकाम और बुखार से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी मददगार साबित हो सकते हैं। मम्मी की रसोई में मौजूद कुछ बेहतरीन इंग्रीडिएंटस़ की मदद से सांस लेने में होने वाली परेशानी और नाक बंद की तकलीफ से बचा जा सकता है। इस बारे में आचार्य प्रतिष्ठा बता रही हैं कि वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए किस प्रकार रसोई में पाई जाने वाली सामग्री से एक पारंपरिक रेसिपी (Traditional recipe) तैयार की जा सकती हैं। जानते हैं योग गुरू और आयुर्वेद अध्येता आचार्य प्रतिष्ठा से बेसन का हलवा यानि हलीरा बनाने की खास रेसिपी (Besan halwa aka haleera)।
जिंक, प्रोटीन, फाइबर और पोटेशियम से भरपूर बेसन (Besan) पूरी तरह से ग्लूटन फ्री (gluten free) होता है। इसका प्रयोग आटे के विकल्प के तौर पर भी किया जाता है। इसे खाने से शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म को भी हेल्दी बनाए रखता है। इसके सेवन से रेड ब्लड सेल्स बढ़ने लगते हैं। इससी एनीमिया की कमी से छुटकारा मिलने लगता है। इसके अलावा बेसन का ग्लाइसेमिक इंडैक्स (glycemic index) लो पाया जाता है । जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित बनाए रखती हैं।
इसे बनाने के लिए हमें चाहिए
घी 1/2 कप
मखाने 1/2 कप
बेसन दो बड़े चम्मच
पानी एक कप
काजू 1 चम्मच
बादाम 1 चम्मच
शक्कर 1 चम्मच
सबसे पहले कढ़ाई को गर्म कर लें और उसमें घी डालें। घी के हल्का गर्म होने के बाद सामग्री डालें।
अब मखाने, काजू और बादाम को घी में कुछ देर पकाएं। इन्हें घी में डालकर थोड़ी थोड़ी देर में हिलाते रहें।
हल्का सुनहरा होने के बाद सामग्री को कढ़ाई से बाहर निकाल लें। आप चाहें, तो इन चीजों को तलने के बाद बारीक पीस लें।
अब कढ़ाई में दो चम्मच घी डालकर उसमें दो चम्मच बेसन डालें और उसे हिलाते रहें।
बेसन को अच्छी तरह से पकाएं। कोशिश करें कि किसी प्रकार के लंप्स न बचें।
हल्का सुनहरा रंग होने तक बेसन को पकाते रहें।
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कस्टमाइज़ करेंपकने के बाद बेसन में हल्का गर्म पानी मिलाएं और उसे कुछ देर तक पकाते रहें।
उसके बाद इसमें 2 चम्मच शक्कर डालें और उबलने दें।
जब तैयार बेसन उबलने लगे, तो इसमें भुनी हुई सामग्री डालें।
इसे खाते समय पंखा व एसी न चलाएं।
बेसन से तैयार होने वाले हलीरे की तासीर गर्म होती है। जो गले की शुष्कता को कम करने में मदद करता है। इससे गले में होने वाले दर्द व खराश से राहत मिलती है। गर्म हलीरे का सेवन करने से गले को राहत मिलती है। इसके अलावा बार बार आने वाली खांसी की समस्या हल हो जाती है।
मौसम में आए बदलाव के कारण वायरल फीवर की समस्या बढ़ने लगती है। बुखार की चपेट में आते ही लोग कई प्राकर की एंटीबायोटिक दवाएं लगते हैं। ऐसी स्थिति में बेसन से तैयार इस रेसिपी का सेवन फायदेमंद साबित होता है। अगर आप बुखार से ग्रस्त हैं, तो गले को लपेटकर इसका सेवन करें। इसे खाने के बाद पसीना आना आम बात है।
नाक बहने की समस्या को रोकने के लिए हलीरा का सेवन बेहद लाभप्रद साबित होता है। इसे रात में सोने से पहले खाने से गले को राहत मिलती है, जिससे नाक बहने की समस्या हल हो जाती है। इसका तासीर गर्म होती है। जो शरीर में गर्माहट पहुंचाता है।
सर्दी के कारण अगर आपको लगातार छींकें आ रही हैं। तो बेसन से तैयार हलीरे का सेवन फायदेमंद होता है। इससे आपका गले में जमा कफ निकलने लगती है। इसके अलावा एलर्जी की समस्या से राहत मिल जाती है। बार बार छींक आने से सिरदर्द की समस्या भी बढ़ने लगती है। ऐसे मे हलीरे का सेवन करना ज़रूरी है।
हलीरा को गर्म गर्म ही खाएं। साथ ही इसे खाते वक्त एसी व पंखा न चलाएं। इसे खाने के दौरान शरीर पसीने से तर बतर होने लगता है। ऐसे में वे लोग जो बुखार से ग्रस्त हैं। वे गले पर कपड़ा लपेटकर इसका सेवन करें। इसे खाने के बाद आपको आराम मिलने लगता है। तासीर गर्म होने के कारण ये शरीर को खांसी और जुकाम से राहत दिलाने में कारगर साबित होता है।
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