आजकल की लाइफस्टाइल, गलत खान-पान की आदत शारीरिक स्थिरता के साथ नियमित जीवन शैली की कई ऐसी गलतियां हैं, जो हम सभी को हृदय संबंधी समस्याओं के करीब ले जा रही हैं। वहीं आजकल हार्ट अटैक, स्ट्रोक सहित तमाम हृदय रोग के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। इस स्थिति में हार्ट अटैक के मरीज का खान-पान अक्सर सीमित हो जाता है (heart patient diet)। वहीं अधिकतर हार्ट पेशेंट फैट से पूरी तरह परहेज करना शुरू कर देते हैं। वह अपनी डाइट में घी मक्खन जैसे पौष्टिक चीजों को भी शामिल नहीं करते।
क्या हृदय के मरीज को अपनी डाइट से फैट को पूरी तरह से बाहर कर देना चाहिए? क्या हार्ट पेशेंट को देसी घी और देसी मक्खन से पूर्ण रूप से परहेज करना चाहिए (heart patient ghee kha sakte hain)? हेल्थ शॉट्स ने इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए एम्स के पूर्व सलाहकार साओल हार्ट सेंटर, नई दिल्ली के निदेशक, डॉ. बिमल छाजेड़ को संपर्क किया। डॉक्टर ने इस विषय पर सही और उचित जानकारी दी है, ताकि आप सही पोषण ग्रहण करने से न चुके (diet for heart patient)। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
जब हृदय रोगियों द्वारा घी और मक्खन खाने की बात आती है, तो इस बारे में अक्सर लोगों के बीच भ्रम बना रहता है। हृदय स्वास्थ्य पर विभिन्न डेयरी उत्पादों का प्रभाव ज्यादातर रोगी के समग्र आहार विकल्पों के साथ-साथ उनके आहार में कैसे अवशोषित होता है, इस पर निर्भर करता है।
घी और मक्खन दोनों में भरपूर मात्रा में सैचुरेटेड फैट पाया जाता है, जिसके अधिक सेवन से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल, जिसे “खराब” कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, वे सैचुरेटेड फैट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बढ़ जाते हैं।
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कारण एथेरोस्क्लेरोसिस और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। परिणामस्वरूप, यह सलाह दी जाती है कि हृदय संबंधी समस्या वाले लोग सैचुरेटेड फैट का सेवन कम करें।
एक्सपर्ट के अनुसार अगर सही तरीके से और हृदय-स्वस्थ आहार के हिस्से के रूप में उपयोग किया जाए, तो घी और मक्खन को हृदय रोग वाले व्यक्ति के आहार में शामिल किया जा सकता है। इन बातों का ध्यान रखें :
घी या मक्खन का उपयोग करते समय, पोर्शन साइज पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है। खाना पकाने या मसाले के रूप में छोटी मात्रा में उपयोग की जाने वाली चीजें, गंभीर जोखिम का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती हैं। खासकर यदि हार्ट के मरीज इसे ट्रांस फैट या हाइड्रोजेनेटेड ऑयल जैसे अन्य खतरनाक फैट की जगह लेते हैं।
घी और मक्खन की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। व्यावसायिक रूप से प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स की तुलना में जिनमें योजक और गंदे सामग्री हो सकती हैं। इसकी जगह उच्च गुणवत्ता वाले मक्खन से तैयार पारंपरिक, घर का बना घी एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
हृदय रोगियों के आहार में घी और मख्खन को सीमित मात्रा में शामिल किया जा सकता है, लेकिन उन्हें सैचुरेटेड फैट का प्राथमिक या अत्यधिक स्रोत नहीं होना चाहिए। हृदय रोगियों को ढेर सारे फल, सब्जी एवं साबुत अनाज युक्त संतुलित आहार खाने पर ध्यान देना चाहिए।
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