दिनों दिन बढ़ रहा तनाव, डिप्रेशन और एंग्जाइटी के चलते व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमज़ोर हो रहा है। अपनी भावनाओं को नियंत्रित न कर पाने के चलते न केवल उससे सोशल सर्कल कम होने लगता है, बल्कि अपने इमोशंस को एक्सप्रेस करने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। दरअसल, किसी व्यक्ति का शारीरिक रूप से हेल्दी होने के अलावा भावनात्मक रूप से मज़बूत होना भी ज़रूरी है। जानते हैं अपने इमोशंस को नियंत्रित करने वाले कुछ योगासन।
इस बारे में बातचीत करते हुए योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी का कहना है कि दिनभर तनाव और चिंता से घिरे रहने के कारण व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए योगासनों का अभ्यास ज़रूरी है। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोनद रिलीज होते हैं, जो स्टैस हार्मोन के स्तर को कम करता है। इसके अलावा बालासन और अंजनेयासन का अभ्यास बेहद कारगर है।
मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए अंजनेयासन एक बेहतरीन विकल्प है। इसके निरंतर प्रयास से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित हो जाता है। साथ मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन से भी मुक्ति मिल जाती है, जिससे व्यक्ति तनाव रहित होने लगता है।
इसे योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और शरीर को एकदम सीधा कर लें।
अब घुटनों के बल मैट पर बैठें। बाएं पैर को जमीन पर मज़बूती से टिका लें और दांएं पैर को पीछे लेकर जाएं।
योगासन के दौरान पीठ को एकदम सीधा कर लें। दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं और खीचें।
फिर हथेलियों से नमस्कार की मुद्रा बनाएं और गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं। आंखें बंद कर ले।
कुछ देर बाद दांए पैर को जमीन पर रखें और बाई टांग को पीछे की ओर लेकर जाएं। 30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में बैठें।
शरीर को आराम प्रदान करने के लिए विपरीत करणी आसन का अभ्यास फायदेमंद है। इससे दिमाग को सुकून की प्राप्ति होती है। ब्लड सर्कुलेशन नियमित होने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। इससे मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है। इसे करने से पेट की मांसपेशियों को भी मज़बूती मिलती है।
मानसिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं और गहरी सांस लें व छोड़ें।
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बीएमआई चेक करेंअब दोनों टांगों को कमर से उठाएं और सीधा कर लें। चाहें, तो इस योगासन के लिए दीवार की मदद ले सकते हैं।
इस दौरान घुटनों को एकदम सीधा रखें और एड़ियों को दीवार पर टिकाए रखें। इससे शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है।
अपने शरीर के स्टेमिना के अनुसार इस मुद्रा को करने के बाद दोनों पैरां को नीचे लेकर आएं।
मन की भावनाओं को नियंत्रित करने और दिमाग को सुकून पहुंचाने के लिए बालासन का अभ्यास करें। इसे करने से बढ़ रहे तनाव और चिंता से मुक्ति मिलने लगती है। इससे शरीर में ब्लड फ्लो नियमित बना रहता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
बालासन को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा कर लें।
अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं और कमर से शरीर को आगे की ओर झुकाएं और गहरी सांस लें।
आंखें बंद कर लें और सांस पर ध्यान केंद्रित करें। अब दोनों बाजूओं को आगे की ओर फैला लें और नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में बैठे रहने से शरीर को मज़बूती मिलती है और अनियंत्रित विचारों को कन्ट्रोल किया जा सकता है।
मन में उठने वाले विचारों को शांत करने के लिए योग का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए। इससे भावनात्मक रूप से मज़बूत होने के साथ लोअर बैक पेन से राहत मिलती है। इसके अलावा मांसपेशियों का स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करने के लिए मैट पर सीधे लेंटे और कमर व टांगों को घुटनों से सीधा कर लें।
अब दोनों बाजूओं को फैला लें और फिर दाई टांग को बाई टांग के उपर से ले जाते हुए जमीन से छुएं।
बाएं हाथ से दाएं पैर को पकड़े और गर्दन को भी बाई ओर घुमा लें। अब दाएं हाथ को जमीन पर सीधा रखें।
इस योगासन को करने के दौरान आंखों को बंद रखें और गहरी सांस लें व छोड़ें। इसके नियमित प्रयास से मानसिक स्वासथ्य उचित बना रहता है।
3 से 5 मिनट तक इस योगासन को करने के बाद बाई टांग को दाई टांग से होते हुए जमीन पर रखें।
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