दिनों दिन वर्कप्रेशर बढ़ने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक तौर पर खुद को कमज़ोर महसूस करने लगता है। दिनभर की चिंताएं शरीर में थकान और कमज़ोरी का कारण साबित होती है। ऐसे में योग के माध्यम से बॉडी बैलेंस को आसानी से मेंटेन किया जा सकता है। दरअसल, शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए नियमित योगाभ्यास बेहद फायदेमंद साबित होता है। शरीर के उपरी और निचले भाग को मज़बूत बनाने के लिए योग अवश्य करना चाहिए। इसके चलते शरीर में लचीलापन बढ़ता है और शरीर का संतुलन भी बना रहता है। जानते हैं शरीर के बैलेंस को बनाए रखने के लिए किन योगासनों का करें रोज़ाना अभ्यास (Yoga poses to improve body balance)।
इस बारे में बातचीत करते हुए योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी बताती हैं कि योग से दिन की शुरूआत करने से शरीर हेल्दी और फिट बना रहता है। इससे शरीर की मांसपेशियों में आने वाले खिंचाव से ब्लड सर्कुलेशन नियमित होता है। बैलेंस मेंटेन रखने के लिए अपर और लोअर शरीर को मज़बूती प्रदान करना आवश्यक है। इसके लिए दिनभर में दो बार योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। इससे शरीर में संतुलन बनाए रखने के साथ गट हेल्थ मज़बूत होती है और वेटगेन की समस्या को भी सुलझाया जा सकता है।
शरीर के पोश्चर में आने वाले बदलाव को ठीक करने के लिए इस योगासन का प्रयास करें। इससे शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन दूर होती है और इम्यून सिस्टम को भी मज़बूती मिलती है। इस योगासन के नियमित प्रयास से शरीर का संतुलन बना रहता है।
इस योगासन को करने के लिए मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं और कमर को एकदम सीधा कर लें।
अब दाहिने हाथ को मज़बूती से मैट पर टिका लें और गहरी सांस लें व छोड़ें।
इसके बाद हाथ के सहारे शरीर को एक तरफ से उपर की ओर उठाएं। इस दौरान पैरों को सीधा रखें।
योगासन के दौरान दाएं पैर पर बायां पैर टिका लें और दूसरे हाथ को सीधा कर लें।
स्टेमिना के अनुसार इस योगासन को करने के बाद शरीर को दंडासन की मुद्रा में लाएं और ढ़ीला छोड़ दें।
शरीर की फिटनेस का ख्याल रखने के लिए अंजनेयासन बेहद कारगर है। रेज़ाना इस योगासन को करने से शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है, जिससे गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है। साथ ही वेटगेन की समस्या से भी बचा जा सकता है।
इस योगासन को करने के लिए घुटनों के बल मैट पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्ी को सीधा कर लें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंदाहिने पैर के तलवे को जमीन पर टिका लें और बाहिने पैर को पीछे की ओर लेकर जाएं।
दोनों बाजूओं को उपर की ओर खीचें और हाथों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में लेकर आएं।
इसके बाद गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं। इस दौरान गहरी सांस लें व छोड़ें।
30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद वज्रासन में बैठें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
शरीर की मांसपेशियों में बढ़ने वाली स्टिफनेस के चलते शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है। उत्तानासन का नियमित अभ्यास शरीर में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करता है और शारीरिक अंगों में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। वे लोग जो इसका अभ्यास करते हैं, वे तनाव और डिप्रेशन से दूर रहते हैं।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने घुटनों को एकदम सीधा कर लें।
गहरी सांस लें और कमर से आगे की ओर झुकें। दोनों पैरों कें मध्य दूरी बनाकर रखें।
दोनों हाथों से पैरों की एड़ियों को छुएं और सिर को घुटनों से टच करें। सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
अब शरीर को 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रखने के बाद सीधे खड़े हो जाएं।
शरीर के निचले हिस्से की मज़बूती को बनाए रखने के लिए परिवृत्त उत्कटासन करें। इससे मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ने लगती है और शरीर संतुलित होने लगता है।
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो और घुटनों व कमर को एकदम सीधा रखें।
अब दोनों घुटनों को मोड़ते हुए कुर्सी के समान शरीर का पोश्चर बनाएं जैसे आप कुर्सी पर बैठे हों।
गहरी सांस लें और छोड़ें व दोनों हाथों से नमस्कार की मुद्रा बना लें। इसके बाद दाईं ओर मुड़ जाएं।
सांस पर नियंत्रण बनाए हुए लेफ्ट एल्बो को थाई पर टिका लें और 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें।
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