तन और मन को शांत रखने के लिए योगाभ्यास बेहद ज़रूरी है। कभी स्टडीज़, तो कभी एग्ज़ाम के स्ट्रेस के चलते टीनएजर्स अपना सही तरीके से ख्याल नहीं रख पाते हैं। इसके चलते उन्हें पीसीओएस, फोक्स में कमी और हाईट न बढ़ने जैसी समस्याएं घेरने लगती है। ऐसेमें खुद को हेल्दी और फिट रखने के लिए इन योगासनों का अभ्यास करना ज़रूरी है। इससे युवा उम्र में होने वाली समस्याओं को यही हल किया जा सकता है। अन्यथा ये समस्याएं दिनों दिन बढ़ने लगती है। जानते हैं, वो तीन योगासन, जिन्हें युवावस्था में करने से हम कई समस्याओं से बच सकते हैं (Must do asana in teenage)।
टीनएज गर्ल्स को अपनी दिनचर्या में इस योगासन को ज़रूर शामिल करना चाहिए। इससे हाईट बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा डाइजेशन संबधी समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है। ताड़ासन को अगर आप नियमित तौर पर करते हैं, तो इससे आपका बॉडी पोस्चर बेहतर होता चला जाता है। वे युवतियां जो काम पर फोक्स नहीं कर पाती है। इसे करने से आपकी याददाश्त और कंसनटरेशन पावर दोनों ही बढ़ने लगते हैं।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और एड़ियों को उंचा उठाएं। अब दोनों हाथों को उपर की ओर लेकर जाएं।
हाथों को उपर की ओर और दोनों हाथों को कानों से चिपकाकर उपर की ओर खींचें।
दोनों पैरों के मध्य गैप बनाए रखें। गहरी सांस लें और कुछ देर इसी मुद्रा में खड़े रहें।
धीरे धीरे सांस छोड़ें और एड़ियां नीचे की ओर ले जाएं। अब शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
इस योग मुद्रा को 1 मिनट के लिए 2 से 3 बार दोहराएं।
तन और मन को शांति प्रदान करने वाले इस योगासन को करने से काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही आपका माइंड क्रिएटिव होने लगता है। तनाव और उलझनों से दूर रहने लगते हैं। काम के प्रति आपका फोक्स बढ़ने लगता है। इसे रोज़ाना करने से रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है और चेहरे पर ग्लो भी बरकरार रहता है।
इस योगासन को करने के लिए मैट पर एकदम सीधा खड़े हो जाएं। दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें और लंबी सांस लें।
अब धीरे धीरे दोनों हाथों को उपर की ओर ले जाएं। बाजुएं कोहनी से एकदम सीधे हो और कानों को छूकर उपर की ओर उठाएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइसके बाद दांई टांग को घुटने से मोड़ते हुए इनर थाई पर टिका लें। इस संतुलन का बनाए रखने के लिए आप दीवार की भी मदद ले सकते हैं।
आंखों को बंद रखें और उपर की ओर उठाए हुआ हाथों की नमस्कार मुद्रा बनाएं।
30 से 50 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहने के बाद आप वापिस दोनों टांगों को ज़मीन पर रख दें।
इस योगासन को आप 1 से 2 बार दोहरा सकते हैं।
पादोत्तनासन एक ऐसी योग मुद्रा है, जो डाइजेशन संबधी समस्याओ से बचाती है और कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाती है। इसे करने से पीरियड साइकिल के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिल जाती है। मगर इस योगासन को पीरियड्स के दौरान करने से बचें इसके अलावा ये फर्टिलिटी बढ़ाने में भी फायदेमंद है।
इस योग मुद्रा को करने के लिए योग मैट पर बिल्कुल सीधा लेट जाएं। आंखे बंद कर लें और गहरी सोस लें। शरीर के निचने हिस्से को मज़बूती से उपर की इोर उठाएं।
अब दोंनों बाजूओं को ज़मीन से चिपका लें। इसके बाद दोनों पैरों को सीधा रखें और उपर की ओर लेकर चलें। ध्यान रखें की पैरों को एक साथ उपर करें।
पैर उपर करने के बाद पैरों की उंगलियों को हिलाएं और आगे पीछे करें। उसके बाद दोनों टांगों को नीचे की ओर लेकर आएं। सांस छोड़ें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
कुछ देर शरीर को आराम दें। इसके बाद अब टांगों को 3 से 4 बार उपर नीचे करें। इस मुद्रा में शरीर को 50 सेकण्ड तक रखें। इससे शरीर को मज़बूती मिलती है।
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