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खर्राटों से परेशान हैं तो आदि मुद्रा हो सकती है समाधान, जानिए कब और कैसे करना है योग मुद्रा का अभ्यास

आपके या आपके पार्टनर की नींद खराब कर सकते हैं खर्राटे। क्रोनिक स्टेज में यह कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। योग की आदि मुद्रा खर्राटे को दूर भगाने में कारगर है। इसे सिर्फ नियमित रूप से 40 मिनट तक करना है।
Published On: 26 May 2023, 03:30 pm IST
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snoring ko yoga mudra se theek iya ja sakta hai
खर्राटे को दूर करने में योग की एक मुद्रा आदि मुद्रा (Adi Mudra) बहुत अधिक कारगर है। खर्राटे को खत्म करने के लिए इसे नियमित रूप से अपने योग सेशन में शामिल करना बहुत जरूरी है। चित्र : एडोबी स्टॉक

खर्राटे (snoring) लेना एक सामान्य स्थिति है, जो किसी की भी नींद को बाधित कर सकती है। आप या आपके पार्टनर को खर्राटे लेने की आदत है, तो इससे दोनों को परेशानी हो सकती है। दरअसल खर्राटे तब लिए जाने लगते हैं, जब हवा नाक या मुंह से आसानी से नहीं फ्लो हो पाती है। हल्के या कभी-कभार लिए जाने वाले खर्राटे आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होते हैं। यदि क्रोनिक स्नोरिंग की स्थिति है, तो चिंताजंक है। इससे स्ट्रोक (Heart Stroke) और दिल का दौरा (Heart Attack) जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। कुछ योगासन (yoga poses for snoring) इसमें मदद कर सकते हैं।

स्लीप एपनिया का संकेत दे सकते हैं (Sleep apnea)

कुछ लोगों की नींद के दौरान नाक और मुंह से तेज या कुड़कुड़ाने वाली आवाज निकलती है। यह तब होता है, जब आपके वायुमार्ग (Airways) में रुकावट होती है। कई लोगों के लिए खर्राटे लेना सामान्य बात होती है। बड़ों के साथ-साथ कभी कभी शिशु और छोटे बच्चे भी खर्राटे लेते हैं। बहुत अधिक तेज आवाज वाले खर्राटे स्लीप एपनिया का संकेत दे सकते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण नींद के दौरान सांसों की आवाजाही में दिक्कत होने लगती है। यदि खर्राटे एपनिक एपिसोड, थकान या चिड़चिड़ापन जैसे अन्य लक्षणों के संयोजन में होते हैं, तो हेल्थकेयर एक्सपर्ट से बात करनी चाहिए।

क्यों आते हैं खर्राटे (Snoring Causes) 

योग टीचर और योग थेरेपिस्ट डॉ. स्मृति बताती हैं, ‘खर्राटे से छुटकारा पाना और इसके मूल कारण का पता लगाना जरूरी है। सोने की गलत मुद्रा, खराब स्लीप पैटर्न, धूम्रपान, अल्कोहल अधिक वजन, मोटापा, दिन में गलत पोश्चर के साथ बैठना और भारी भोजन करना भी खर्राटे के कारण हो सकते हैं।

आदि मुद्रा है कारगर (Adi Mudra for Snoring) 

डॉ. स्मृति बताती हैं खर्राटे को दूर करने में योग की एक मुद्रा आदि मुद्रा (Adi Mudra) बहुत अधिक कारगर है। खर्राटे को खत्म करने के लिए इसे नियमित रूप से अपने योग सेशन में शामिल करना बहुत जरूरी है।

क्या है आदि मुद्रा (Adi Mudra)

आदि मुद्रा संस्कृत के मूल शब्द आदि अर्थात प्रथम या मौलिक मुद्रा या भाव से आया है। आदि मुद्रा एक सांकेतिक इशारा है, जिसका उपयोग अक्सर आध्यात्मिक योग अभ्यास में मन को शांत (Calmness) करने के लिए किया जाता है।

adi mudra ke liye angooliyon par dhyan den
आदि मुद्रा  के लिए अंगूठे की नोक को छोटी उंगली के आधार को छूते हुए अंगूठे को हथेली में मोड़ें। चित्र : अडोबी स्टॉक

यह मुद्रा तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को आराम देती है। यह खर्राटों को कम करने में मदद करती है। यह मुद्रा मस्तिष्क में ऑक्सीजन के प्रवाह (Oxygen Flow) में सुधार करती है और फेफड़ों की क्षमता (Lungs Capacity) बढ़ाती है।

कैसे करें सही तरीके से यह मुद्रा (Right steps of Adi Mudra)

अंगूठे की नोक को छोटी उंगली के आधार को छूते हुए अंगूठे को हथेली में मोड़ें।
मुट्ठी बनाने के लिए चारों अंगुलियों को अंगूठे के ऊपर लपेट दें।
यह दोनों हाथों से किया जाना चाहिए।
हाथों के इस विन्यास को आदि मुद्रा कहा जाता है।
दोनों हाथों की मुट्ठी को अपने साइड के घुटनों पर रखें
मुडी हुई मुट्ठी ऊपर की ओर होनी चाहिए।
बैक और स्पाइन बिल्कुल सीधी होनी चाहिए।
सामान्य रूप से सांस लेती और छोडती रहें।
यह अभ्यास 25-40 मिनट तक किया जाना चाहिए।
ध्यान दें कि अंगूठे की नोक छोटी उंगली के आधार से ही लगी होनी चाहिए। सर्वोत्तम परिणाम के लिए 3 महीने तक लगातार अभ्यास करना चाहिए

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आदि  मुद्रा का अभ्यास दिन में कभी भी किया जा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

खर्राटों को भगाने के लिए कब करें (When to do Adi Mudra for Snoring)

इस मुद्रा का अभ्यास दिन में कभी भी किया जा सकता है। जब योग आसन किया जा रहा हो या ध्यान (Meditation) किया जा रहा हो, उस समय यह मुद्रा की जा सकती है। आदि मुद्रा योग सेशन समाप्त होने पर भी की जा सकती है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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