दिनों दिन बदल रहा लाइफस्टाइल कई प्रकार से हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा है। इसके चलते लोग प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं और इन्हीं में से एक है थायराइड। दरअसल, ये एक ग्लैंड है, जो गर्दन में मौजूद होता है। इसके असंतुलन से शरीर को हार्ट हेल्थ से लेकर मेटाबाॅलिज्म तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बार बार थकान का अनुभव और वज़न का बढ़ना इसके मुख्य लक्षण। हांलाकि लोग इससे राहत पाने के लिए कई प्रकार की दवाएं भी खाते हैं। मगर योग के माध्यम से भी आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं (Yoga poses to improve thyroid)।
असंतुलित जीवनशैली के चलते थायराइड की समस्या बढ़ने लगती है। इस हेल्थ कंडीशन को हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म के नाम से जाना जाता है। हाइपोथायरायडिज्म से हमारा तात्पर्य उस स्थिति से हैं, जब शरीर में थायरॉयड ग्लैंड पूर्ण रूप से थायराइड हार्मोन प्रोडयूस नहीं कर पाते है। वहीं हाइपरथायरायडिज्म का अर्थ है, जिससे शरीर में अत्यधिक मात्रा में हार्मोन की उत्पित्त होती है।
कमर में स्टिफनेस, हेयर फाॅल, डल स्किन और थायरॉइड की स्थिति में इसका अभ्यास बेहद कारगर साबित होता है। इससे हमारा शरीर संतुलित होने लगता है। इसके अलावा घुटनों के दर्द में भी ये बेहद फायदेमंद साबित होता है। योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि इस योगासन के दौरान गर्दन में खिंचाव महसूस होता है। इससे थायरॉइड में फायदा मिलता है।
इस योग को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। इसके बाद घुटनों के बल खड़े हो जाएं और पैरों को मज़बूती से ज़मीन पर टिकाएं रखें।
इसके बाद अब धीरे धीरे खुद को पीछे की ओर झुकाएं। दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाएं और दोनों पैरों के तलवों पर हाथों को टिका लें।
गर्दन को पीछे की ओर रखें। शरीर को आर्क की स्थिति में ले जाना। इस योग के दौरान आप गले पर खिंचाव का अनुभव करेंगे।
कुछ देर इसी योगमुद्रा में रहने के बाद दोबारा से आगे की आ जाएं और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। दोबारा से वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
इस योगासन को आप 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक 2 से 3 बार दोहराएं। इसे करने से शरीर को मज़बूती मिलने लगती है और थायराइड को कम किया जा सकता है।
अगर आप थायराइड से परेशान हैं, तो इस योग का नियमित तौर पर अभ्यास करें। इसे निरंतर करने से गले पर खिंचाव महसूस होता है। इसे थायराइड ग्लैण्ड को राहत मिलने के साथ खर्राटे की परेशानी से भी मुक्ति मिल जाती है। इस योग मुद्रा को आप दिन से 5 से 10 बार कर सकती हैं।
योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि इस योग को करन के लिए एक दम सीधा बैठें और हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें। कमर को भी सीधा रखें और जीभ को अंदर की ओर फोल्ड कर लें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइस योग को करने के दौरान नाक से सांस लेना है और नाक से ही सांस को छोड़ना है। इस दौरान खर्राटे जैसी ध्वनि का उच्चारण करना है।
सांस लेने के दौरान ऐसा अनुभव करें कि जैसे हवा गले को टच करती हुई अंदर की ओर जा रही हो। इसे करते वक्त आंखे बंद रखें।
15 से 20 सेकण्ड तक इसे करने के बाद अपने गले को और अपने शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। कुछ देर आंखे बंद रखें और फिर आंखों को खोल दें।
इस योग को अभ्सास आप आरंभ में 5 बार कर सकते हैं। फिर धीरे धीरे 10 बार करें।