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शरीर में आयोडीन और नींद की कमी बन सकती है थायरॉइड का कारण, एक्सपर्ट से जाने इससे बचाव के कुछ जरूरी टिप्स

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में यदि आप भी इसकी शिकार हो चुकी हैं, तो एक्सपर्ट के सुझाये इन 5 टिप्स से मिलेगी मदद।
Published On: 11 Jan 2023, 07:08 pm IST
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Kya badhta hypothyroidism chinta ka kaaran ho skta hai
बढ़ता हाइपोथायरायडिज्म कोल्ड इनटॉलरेंस का एक अन्य मुख्य कारण है। चित्र शटरस्टॉक।

थायरॉइड हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो शरीर के अलग-अलग प्रणालियों की भूमिका निभाता है। परंतु आजकल इससे जुड़ी समस्या काफी तेजी से फैल रही है। वहीं यह आमतौर पर महिलाओं को अपना शिकार बनाती है। थायरॉइड की समस्या आपके शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर देती है। इस समस्या में असामान्य रूप से वजन बढ़ने लगता है साथ ही बाल और त्वचा ड्राई होने लगती है। वहीं घबराहट, अनिद्रा, मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने से लेकर बार बार मल त्याग करने की समस्या भी थायरॉइड में नजर आने वाले कुछ सामान्य लक्षण है। इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए आज हम लेकर आये हैं थायरॉइड से बचने से कुछ जरूरी उपाय (tips to prevent thyroid)।

भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने थायराइड की स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए कुछ जरूरी और प्रभावी उपाय सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में थोड़ा और विस्तार से।

यहां है इस समस्या से बचाव के कुछ जरूरी टिप्स

1. इन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखें

गोइट्रोजेन युक्त खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज रखने की कोशिश करें। कइ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमे गोइट्रोजेन की मात्रा मौजूद होती है। खासकर सोया प्रोडक्ट जैसे टोफू साथ ही कुछ सब्जियां जिनमे पत्ता गोभी, ब्रोकली और गोभी शामिल है। वहीं शकरकंद, बैर, स्ट्राबेरी और मूंगफली से भी दूरी बनाए रखने की कोशिश करें। क्योंकि यह खाद्य स्रोत थायरॉइड की स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकते हैं।

thyroid diet tips
पत्ता गोभी, ब्रोकली और गोभी से परहेज रखें। चित्र शटरस्टॉक।

2. इन खाद्य पदार्थों के सेवन से मिलेगी राहत

शरीर में आयोडीन की कमी थायरॉइड की समस्या का एक बड़ा कारण है। ऐसे में शरीर मे आयोडीन की मात्रा बनाये रखने के लिए डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें। साथ ही सेलेनियम से युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि सनफ्लावर सीड्स, ब्राउन राइस और योगर्ट लेना जरूरी है। हाइपोथाइरॉएडिज्म की स्थिति में इन खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद रहेगा।

3. योगाभ्यास की मदद ले सकती हैं

योग टीएसएच (thyroid stimulating hormones) को रिलीज करने में मदद करता है। कुछ प्रभवि योगासन हैं जो न केवल थायराइड ग्लैंड के सर्कुलेशन में मदद करते हैं बल्कि पिट्यूटरी ग्लैंड को भी एक्टिवेट करते हैं। यदि आप हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या से पीड़ित है तो भुजंगासन, धनुवक्रासन, उष्ट्रासन, और चक्रासन का अभ्यास कर सकती हैं। क्योंकि थायराइड की समस्या में व्यक्ति को अंदर से आत्मविश्वास ऊर्जा शक्ति की जरूरत होती है। ऐसे में इन योगासनों का अभ्यास आपको ऊर्जा शक्ति प्राप्त करने में मदद करेगा।

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पर्याप्त नीद जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

4. पर्याप्त नींद लें

कई सारे रिसर्च ऑन स्टडी में देखा गया है कि नींद की कमी हाइपरथाइरॉएडिज्म का कारण बनती है। वहीं जरूरत से ज्यादा सोने से हाइपोथाइरॉएडिज्म के लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट के अनुसार सोने का एक उचित समय लगभग 7 से 8 घंटे का होता है। पर्याप्त नींद लेने से T3 और t4 हॉर्मोन्स को रिलीज होने में मदद मिलती है।

5. मेडिटेशन से मिलेगी राहत

तनाव लगभग सभी एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याओं का एक बड़ा कारण है। स्ट्रेस TS3 और TS4 के उत्पादन को भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है। ऐसे में मेडिटेशन का अभ्यास आपके दिमाग को शांत रहने में मदद करता है। साथ ही आपके शरीर से टेंशन को रिलीज करता है। हंसा जी के अनुसार इसके लिए आप शांत जगह पर खुले वातावरण में कुछ देर टहल सकती हैं। साथ ही एक मुद्रा में शांत बैठकर ध्यान लगाने की कोशिश करना भी फायदेमंद रहेगा।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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