बारिश के मौसम में कभी-कभी उमस भरी गर्मी महसूस होती है। उमस के कारण पूरे दिन थका हुआ महसूस होता है। हममें से ज्यादातर लोग राहत की तलाश में वातानुकूलित कमरों में रहना पसंद करते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि हमारा नियमित फिटनेस शेड्यूल (Fitness Schedule) गड़बड़ाने लगता है। जबकि कई बार गर्मी और उमस में एक्सरसाइज करने से डिहाइड्रेशन और हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में हमें फिटनेस एक्सपर्ट से यह जरूर जानना चाहिए कि बरसात और उमस के मौसम में एक्सरसाइज करनी चाहिए (Exercise in Humid Weather) या नहीं।
एक्सरसाइज करने से पसीना बहुत अधिक निकलता है। इसके कारण थकान का अनुभव होता है। हवा में पहले से ही आद्रता के रूप में वाटर स्टीम मौजूद है। इसके कारण स्किन की नमी जल्दी खत्म नहीं होती है। इसके कारण हार्ट फंक्शन पर अधिक दवाब पड़ता है। मांसपेशियों में ब्लड फ्लो बाधित होता है। यही वजह है कि एक्टिविटी करने के बाद हम थकान महसूस करते हैं।
फिटनेस एक्सपर्ट विनीता वालिया बताती हैं, ‘गर्म, आर्द्र मौसम में व्यायाम करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इससे शरीर की प्राकृतिक शीतलन प्रणाली (Natural cooling system) पर दबाव पड़ता है। दरअसल, यह शरीर के सामान्य कामकाज को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करता है। यदि सावधानियां नहीं बरती गईं, तो इससे गर्मी संबंधी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। अगर ध्यान नहीं दिया जाये तो अत्यधिक गर्मी में तीव्र फिजिकल एक्टिविटी के परिणामस्वरूप शरीर के हाई टेम्प्रेचर के साथ तेज प्यास, मतली, कमजोरी, एंग्जायटी, चक्कर आना जैसे अनुभव हो सकते हैं।
विनीता के अनुसार, गर्मी और उमस में नियमित रूप से व्यायाम करने पर शरीर भी मौसम के अनुकूलित होगा। खुद को ठंडा करने की अपनी क्षमता में सुधार करेगा। ड्राई मौसम की अपेक्षा गर्म और आर्द्र मौसम शरीर पर अधिक दबाव डालता है। इसलिए समायोजित करने के लिए शरीर को समय देना जरूरी है। इससे अधिक गर्मी और थकावट से बचा जा सकेगा।
कुछ दिनों बाद शरीर से अधिक और जल्दी पसीना निकलना शुरू हो जाएगा। इससे उसे तापमान नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। ब्लड फ्लो भी सही होगा। इससे हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन को लाभ मिलेगा। शुरुआत में हलके वर्कआउट करें। धीरे-धीरे दो – तीन सप्ताह में अवधि और तीव्रता बढ़ाई जा सकती है।
आर्द्रता शरीर के तापमान को बढ़ा सकती है। इसलिए व्यायाम करते समय स्किन को ठंडा रखना जरूरी है। व्यायाम करते समय त्वचा को हवा के संपर्क में रखें, जिससे पसीने का वाष्पीकरण आसान हो जाए। धूप से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। तेजी से सूखने वाले या नमी सोखने वाले कपड़े पहनें। स्किन को तौलिये से सुखाना या गीली टी-शर्ट से पसीना पोंछना इस समय अधिक आरामदायक बना सकता है। लेकिन इससे स्किन की नमी हट सकती है। बेहतर होगा कि पसीना बहने दें, लेकिन इससे आंखों को बचाएं।
अधिक पसीना सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स को कम कर देते हैं। व्यायाम करने से पहले हाइड्रेट करें, ताकि वर्कआउट के समय डिहायड्रेशन नहीं हो। वर्कआउट करने से कुछ घंटे पहले एक ग्लास पानी पीएं। ओवरहाइड्रेटिंग से बचें। इससे ब्लड में सोडियम पतला हो सकता है, जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
दिन भर में कई बार अपने क्षेत्र में नमी के स्तर की नियमित रूप से जांच करना शुरू करें। उसी के अनुसार अपने वर्कआउट की योजना बनाएं। व्यायाम करने के लिए छायादार स्थान का चुनाव करें। इससे आपका शरीर ठंडा रहेगा और आप एक्सरसाइज कर पाएंगी।
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