सुबह उठते ही अगर आप सुस्ती से भर जाते हैं और थकान महसूस करने हैं। तो इसका असर दिनभर के कार्यों पर नज़र आने लगता है।आजकल की इस दौड़भाग से भरी जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए सुस्ती और आलस्य का दामन छोड़कर एक्टिव रहना बेहद ज़रूरी है। कुछ लोग एक्टिव रहने के लिए बार बार चाय और कॉफी का सेवन करते हैं। जो आपको कुछ देर के लिए एलर्ट तो कर सकती है। मगर थकान को पूरी तरह से दूर नहीं कर सकती है। अपने शरीर को एक्टिव और हेल्दी बनाए रखने व आलस्य को त्यागने में कुछ योगासन आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। शारीरिक थकान को दूर करने के लिए इन योगासनो का करें अभ्यास ( yoga to get rid of sleepiness)।
इस मूल योग आसन को करने से शरीर की मांसपेशियों को मज़बूती मिलने लगती है। शरीर स्वस्थ रहता है और ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) नियमित होने लगता है। पीठ और गर्दन में होने वाले दर्द से भी राहत मिल जाती है। फैट बर्न करने में सहायक इस योग को करने से गठिया के रोगियों को भी फायदा मिलता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों को आपस में जोड़कर रखें।
ताड़ासन में खड़ होने के बाद पेट को अंदर की ओर खींचे और दो से तीन गहरी सांस लें और छोड़ें।
दोनों पैरों में थोड़ा सा गैप बनाएं और पीठ को सीधा कर लें। इसके बाद कमर से नीचे की ओर झुकें।
हाथों से दोनों पैरों को पकड़ लें। उसके बाद गर्दन को दोनों टांगों के मध्य रखें। अब सीधे हो जाएं।
योगासन को 10 से 15 सेकण्ड तक करने के बाद ताड़ासन की मुद्रा में आएं और कुछ देर शरीर को रिलैक्स होने दें।
दिनभर रहने वाली सुस्ती से राहत पाने के लिए कुछ देर सुप्त मत्स्येन्द्रासन को अवश्य करें। इससे टांगों के अलावा पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव महसूस होने लगता है। इससे पाचनतंत्र (digestive system) को मज़बूती मिलती है और आप खुद को एक्टिव महसूस करते हैं। दो बार इस योग को दोहराने से शरीर कई बीमारियों के जोखिम से बचा रहता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपनी दोनों बाजूओं को फैला लें।
इसके बाद दाहिनी टांग को घुटने से मोड़कर बाहिनी टांग के साथ जमीन पर टिका लें। बाहिनी टांग को सीधा कर लें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंअब बाहिने हाथ से दाहिनी टांग को बाईं टांग के उपर रख दें। धीरे धीरे दाहिने घुटने को जमीन से छूने का प्रयास करें
दाहिने हाथ को उपर की ओर ले जाएं और उपर की ओर देखें। अब बाहिनी टांग से भी पूरी प्रक्रिया को दोहरांए।
10 से 15 सेकण्ड तक इस योग को करने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें
तन और मन को हेल्दी बनाए रखने के लिए उपविष्ठ कोणासन का अभ्यास करना आवश्यक है। इसे आप मैट और दीवार दोनों की मदद से कर सकते हैं। इस योगासन में टांगों को पूरी तरह से स्ट्रेच किया जाता है। जो पैरों को मज़बूती प्रदान करने में सहाक साबित होता है। इससे हाथों और कंधों में होने वाले दर्द से भी राहत मिल जाती है।
इस योग को करने के लिए पीठ के बल जमीन के बल लेट जाएं और दोनों टांगों को दीवार से चिपका लें।
कमर के बाद के निचले हिस्से को दीवार से लगाएं और तीन से चार बार गहरी सांस लें और छोड़ें।
दोनों आंखों को बंद कर लें दोनों पैरों को आपस में जोड़कर टांगों को घुटनों से मोड़ लें और टांगों को नीचे लेकर आएं।
कुछ देर योग करने के बाद दोनों टांगों को सीधा कर लें। इस योग को दिन में 2 से 3 बार अवश्य करें।
शोल्डर स्टैण्ड पोज़ से गर्दन और कंधों में दर्द दूर होता है। साथ ही शरीर में रक्त प्रवाह नियमित हो जाता है। इससे ब्रेन एलर्ट होता है और आपका शरीर एक्टिव बना रहता है। इस योगासनको रोज़ाना करने से शरीर को मज़बूती मिलने लगती है। इससे पीठ संबधी समस्याएं भी हल हो जाती हैं।
इस योग को करने के लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं। उसके बाद दोनों घुटनों को मोड़ लें और पैरों को टोज़ के बल पर टिकाएं।
अब दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं। इस योग के दौरान पीठ को सीधा कर लें और कमर को भी उपर ओर रखें।
योगासन को बेहतर तरीके से करने के लिए आप दीवार का भी सकारा ले सकते है। इसे करने के दौरान गर्दन के नीचे एक तकिया रखें।
बॉडी की बैलेंसिंग के लिए दोनों हाथों से कमर को पकड़ें और उपर की ओर रखें। कुछ देर बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
कुछ देर योग करने के बाद दोनों टांगों को सीधा कर लें। इस योग को दिन में 2 से 3 बार अवश्य करें।
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