काम के दौरान अगर बढ़ने लगा है गर्दन में दर्द, तो इन 4 योगासनों से पाएं राहत

अत्यधिक तनाव और वर्कलोड के कारण बिना हिले डुले घंटों एक ही पोश्चर में बैठे रहना सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है। इससे गर्दन, कधों और पैरों में स्टिनेस बढ़ने लगती है। जानते हैं गर्दन में होने वाले दर्द के लिए किन योगासनों का अभ्यास लाभप्रद साबित होता है।
neck pain ke liye yoga
ये सुपर इफेक्टिव योगासन दे सकते हैं आपको गर्दन के दर्द से राहत। चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 13 Oct 2023, 09:30 am IST
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घंटों लगातार स्क्रीन के सामने बैठकर उंगलियां चलाने से गर्दन और कंधों में स्टिफनेस बढ़ने लगती है। जो नेक पेन (neck pain) का कारण बन जाता है। गर्दन में होने वाला दर्द न केवल वर्क प्रोडक्टिविटी को कम करता है बल्कि आप हर दम थकान का अनुभव करते रहते हैं। दरअसल, लंबे वक्त तक बैठे रहने या गलत पॉश्चर में बैठकर काम करने से होने वाली ये समस्या दिनों दिन बढ़ने लगती है। अगर आप गर्दन में होने वाली ऐंठन से परेशान हैं, तो कुछ आसान योगासन आपके लिए मददगार साबित हो सकते है। जानते हैं वो 4 योगासन जो गर्दन के दर्द को दूर करने में होंगे मददगार (yoga to prevent neck pain)।

गर्दन दर्द से राहत दिलाएंगे ये 4 योगासन

1. बालासन (Child pose)

गर्दन की मांसपेशियों में होने वाले दर्द को गंभीर होने से बचाने के लिए बालासन का अभ्यास फायदेमंद है। इसे रेगुलर पर करने से शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। इससे रक्त प्रवाह नियमित हो जाता है। जो गर्दन व कंधों में होने वाले दर्द से मुक्ति प्रदान करता है। इसके अलावा इस योग को करने से पीठ दर्द की समस्या भी हल हो जाती है।

बालासन को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। दोनों टांगों को एक दूसरे से जोड़कर रखें।

उसके बाद हिप्स को पंजों पर टिकाएं। पैरों के पंजों को बाहर की ओर रखें।

कमर को एकदम सीधा कर लें और दोनों बाजूओं को उपर की ओर खीचें। अब गहरी सांस लें।

उसके बाद दोनों बाजूओं को आगे की ओर फैलाएं और हाथों को जमीन से चिपका दें।

साथ ही अपना सिर भी जमीन से छूएं। अब हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लेकर आएं और धीरे धीरे सांस छोड़ें।

30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।

Flexibility ko banaye rakhne ke liye karein yoga
बालासन, जिसे चाइल्ड पोज़ के रूप में भी जाना जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

2. त्रिकोणासन (Triangle pose)

मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन और दर्द से राहत पाने के लिए इस योगासन का अभ्यास आवश्यक है। इसे रोज़ाना करने से मेंटल हेल्थ भी इप्रूव होती है। साथ ही पैरों के मसल्स में भी मज़बूती बढ़ने लगती है।

इस योग को करने के लिए मैट पर खड़े हो जाएं। अब दोनों टांगों के मध्य दूरी बना लें। जहां तक संभव हो लेग्स को स्ट्रेच करें।

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अब धीरे धीरे दाईं ओर झुक जाएं। साथ ही दाएं हाथ से दाएं पैर को पकड़ लें। वहीं बाएं हाथ को आसमान की ओर उठाएं।

गर्दन को नीचे ओर रखें और बाएं हाथ की ओर देखें। इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। इससे गर्दन के दर्द से राहत मिल जाती है।

सुविधा के मुताबिक 1 से 2 मिनट तक इस मुद्रा में बने रहने के बाद वापिस लौट आएं और सीधे खड़े हो जाएं।

इसके बाद अब बाएं हाथ को नीचे की ओर लेकर जाएं। उससे बाएं पैर को पकड़ने का प्रयास करें।

3. मार्जरी आसन (Cat pose)

शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाने के लिए इस योग को रोज़ाना करना चाहिए। इससे मांसपेशियों में होने वाले दर्द व ऐंठन से राहत मिल जाती है। इस योग से कंधों व गर्दन में लचीलापन बढ़ने लगता है। साथ ही शरीर एक्टिव रहता है और पाचनतंत्र भी निंयत्रित रहता है।

इस योग को करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों घुटनों को मोड़े और घुटनों के बल खड़े हों जाएं।

इसके बाद दोनों हाथों को उपर की ओर खीचें। धीरे धीरे उन्हें नीचे लेकर आएं और दोनों हाथों के सहारे जानवर के समान खड़े हो।

अब गर्दन को नीचे की ओर रखें और ज़मीन की ओर देखें। इसके बाद रीढ़ की हड्डी को उपर की ओर उठाएं।

गर्दन को अब धीरे धीरे उपर की ओर लेकर आएं और जितनी देर संभव हो तब तक इस मुद्रा में रहें।

उसके बाद कुछ देर सुखासन में बैठें और रिलैक्स हो जाएं।

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इस योग से कंधों व गर्दन में लचीलापन बढ़ने लगता है।  चित्र : शटरस्टॉक

4. सलंभ भुजंगासन (Sphinx pose)

पीठ और गर्दन में होने वाली ऐंठन की समस्या दूर करने के लिए सलंभ भुजंगासन का अभ्यास अवश्य करें। इससे कमर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलने लगती है। साथ ही टांगों के मसल्स में भी मज़बूती बढ़ने लगती है। कंधों को मज़बूती मिलती है और सांस संबधी समस्याएं हल हो जाती है।

इस योग को करने के लिए पेट के बल मैट पर लेट जाएं। इसके बाद दोनों टांगों के मध्य एक से दो कदम की दूरी बनाकर चलें।

इसके बाद दोनों बाजूओं को एल्बो से मोड़े कर जमीन पर चिपका लें। साथ ही शरीर के उपरी हिस्से को उपर की ओर उठाएं।

अब आसमान की ओर देखें। इससे गर्दन में होने वाला दर्द दूर होने लगता है। गहरी सांस लें और छोड़ें।

धीरे धीरे शरीर को नीचे की ओर लेकर आएं और उसे मैट पर टिका दें। कुछ देर रिलैक्स करें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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