उम्र बढ़ने के साथ त्वचा को लेकर चिंताएं भी बढ़ने लगती है। मौसम में आने वाली तब्दीली भी कई स्किन संबधी समस्याओं का कारण बन जाती है। ऐसे में अधिकतर महिलाएं त्वचा की लोच को बनाए रखने के लिए पार्लर का रूख करती हैं। जहां केमिकल ट्रीटमेंट की मदद से स्किन को कुछ वक्त के लिए लिए हेल्छी बनाया जा सकता है। अगर आप त्वचा को नेचुरल ट्रीटमेंट के ज़रिए हेल्दी बनाए रखना चाहती हैं, जो एलोवेरा का इस्तेमाल बेहद कारगर साबित होता है। इससे न केवल एजिंग सांइस से मुक्ति मिलती है और स्किन भी हाइड्रेट रहती है। जानते हैं ऐलोवेरा जेल किस प्रकार से रखता है त्वचा का ख्याल (Skin benefits of aloe vera)।
एनआईएच की रिसर्च के अनुसार एलोवेरा जेल की मदद से सन बर्न, फ्रॉस्ट बाइट, कटने, छिलने, एक्ज़िमा व सोरायसिस की समस्या से राहत मिले जाती है। इसमें 95 फीसदी पानी की मात्रा पाइ जाती है, जो त्वचा को रूखेपन के अलावा कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मददगार साबित होता है। स्किन सेल्स प्रोडक्टशन को बूस्ट करने वाले एलोवेरा जेल के नियमित इस्तेमाल से त्वचा का लचीलापन बरकरार रहता है और सर्दी में बढ़ने वाली शुष्कता से भी राहत मिलती है।
त्वचा पर मौजूद डेड स्किन सेल्स को दूर करने के लिए एलोवेरा जेल एक कारगर उपाय है। इस हाइड्रेटिंग टोनर की मदद से स्किन को एक्सफोलिएट करने में मदद करती है। इसे चेहरे पर अपलाई करके कुछ देर मसाज करने से त्वचा पर जमा अतिरिक्त डस्ट और पॉल्यूटेंटस से राहत मिलने लगती है।
एलोवेरा जेल के प्रयोग से त्वचा का लवीलापन बरकरार रहता है। दरअसल, इसमें स्टेरोल तत्व पाया जाता है, जो मेलेनिन के प्रभाव को कम करने कोलेजन को बूस्ट करने में मदद करता है। इससे स्किन की इलास्टिसिटी बरकरार रहती है। इसके नियमित प्रयोग से समय से पहले दिखने वाली झुर्रियों और फाइन लाइंस की समस्या ये बचा जा सकता है।
एलोवेरा में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लामेटरी गुण त्वचा पर बढ़ने वाली मुहांसों की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इससे राहत पाने के लिए एलोवेरा जेल को ओवरनाइट पिंपल पर लगाकर सो जाएं। इसे कॉटन बॉल या किसी सूती कपड़े की मदद से मुहांसों पर अप्लाई कर सकती है। इसमें पाई जाने वाली एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज त्वचा में मौजूद पॉल्यूटेंटस के प्रभाव को कम करके त्वचा को क्लीन और मॉइश्चराइज़ बना देती है। इससे एक्ने की समस्या कम होने लगती है।
रिसर्च गेट के अनुसार सनबर्न के कारण सूर्य की किरणें स्किन सेल्स को नुकसान पहुंचाती है। इससे कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, जिसे एपोप्टोसिस कहा जाता है। ऐसे में इम्यून सिस्टम त्वचा में इंफ्लामेटरी प्रोटीन को रिलीज़ करता है, जो त्वचा पर रेडनेस और रैशेज का कारण बन जाता है। इससे शरीर में ब्लड का फ्लो बढ़ने लगता है। ऐसे में एलोवेरा जेल को रैशेज व जलन वाले स्थान पर अप्लाई करने से स्किन को ठण्डक प्राप्त होती है, जिससे यूवी किरणों का प्रभाव त्वचा पर कम होने लगता है।
1 चम्मच एलोवेरा जेल को 2 चम्मच बेसन और दही के साथ मिक्स कर लें। अब इसे चेहरे पर लगाएं और दो से तीन मिनट तक मसाज करें। इसे चेहरे पर लगा रहने दें और हल्का ड्राइ होने पर चेहरे को धो दें।
इसे बनाने के लिए 2 चम्मच एलोवेरा जेल में आधा चम्मच विटामिन सी पाउडर और विटामिन ई का कैप्सूल मिलाएं। इस घोल में ऑलिव ऑयल मिलाकर इसे मॉइश्चराइजिंग क्रीम की तरह चेहरे पर अप्लाई करें। इससे त्वचा की ड्राइ कम होती है और लोच बरकरार रहती है।
स्किन को हाइड्रेट रखने और बैक्टीरियल इंफ्ेक्शन से बचाने के लिए फेस सीरम बेहद कारगर साबित होता है। 1 चम्मच एलोवेरा जेल में आधा चम्मच टी ट्री ऑयल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे ऐकने की समस्या दूर होती है और त्वचा की फ्रेशनेस बनी रहती है।
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