हर कोई ठंडे मौसम और खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाना चाहता है। मगर कई बार सर्दी की अधिकता होने के चलते, वो मौसम हमारे लिए सिरदर्द साबित होने लगता है। अक्सर चेहरे और शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी की ही तरह ज्यादा सर्द हवाएं भी शरीर को झंझोड़ देती है। इससे ठंड शरीर के अंगों के अलावा मांसपेशियों में दाखिल होकर, हमारी ब्लड सर्कुलेशन को अफेक्ट करता है। कोल्ड वेव्स के चलते शरीर कोल्ड बर्न या फ्रॉस्ट बाईट का शिकार हो जाता है। आइए जानते हैं, इससे बचने के उपाय(How to cure frostbite)
माइनस डिग्री टेम्प्रेचर के संपर्क में आने से त्वचा सुन्न पड़ने लगती है। इससे ईयरलोब्स, नोस टिप्स और फिंगर टिप्स पूरी तरह से फ्रीज़ होने की हालत में पहुंच जाती है। दरअसल, इन जगहों पर ब्लड सर्कुलेशन रूककर वापिस लौटता है। ऐसे में इन अंगों में फ्रॉस्ट बाईट का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
इसके चलते स्किन का रंग लाल, सफेद, पीला या नीला नज़र आने लगता है। अगर समय पर उपचार नहीं किया जाता है, तो वो अंग एकदम शुष्क पड़ जाते हैं। क्यों कि उस जगह के टिशु ज्यादा ठंडे मौसम में जमने लगते हैं। कई बार पर्वतारोही और सैनिक, जो लंबे समय तक सर्द इलाकों में रहते हैं। उनकी रक्त धमनियां श्रिंक होने लगती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशल सुचारू रूप से नहीं हो पाता है। विटामिन डी की कमी भी इन मौसमी बीमारियों का कारण साबित हो सकती हैं।
फ्रॉस्ट बाईट से पीडित होते ही उंगलियों में हल्की चुभन महसूस होने लगती है।
त्वचा लाल, नीली या पीली नज़र अरने लगती है।
पीडित उंगलियों को छूने से टच फील नहीं होता है।
गंभीर फ्रॉस्ट बाईट में पैरों यां हाथों की उंगलियों में सिहरन और सूजन बढ़ने लगती है। साथ त्वचा धीरे धीरे काली पड़ने लगती है।
इसके अलावा हाथों की उंगलियों के ज्वाईंटस में भी दर्द महसूस होने लगती है। साथ ही कई बार छाले भी बन जाते हैं।
1 सबसे पहले तापमान के साथ सामंजस्य बैठाने और अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करें। बेहतर होगा कि आप शरीर के उन अंगों को गर्म कपड़े से ढक दें। इस तरह की समस्या से बचने के लिए एक जगह पर बैठने की बजाय चलना-फिरना, वर्कआउट और वॉक करना ज़रूरी है।
2 अगर उंगलियों में फ्रॉस्ट बाइट की समस्या आ रही है, तो आप दोनों हाथों को रब करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। डॉक्टरी सलाह के बाद दी गई दवाओं के सेवन से भी इस समस्या को आसानी से सुलझाया जा सकता है। अगर आप चाहें, तो आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय भी इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करें3 फ्रॉस्ट बाईट से ग्रस्त उंगलियों को हल्के गुनगुने पानी में कुछ देर तक डुबोकर रखें। 15 से 20 मिनट तक उंगलियों को पानी में ही रखें। ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म न हो। अक्सर, गर्म पानी टिशू को ब्रेक करने का काम करता है। अगर आपकी उंगलिया फ्रॉस्ट बाईट जैसी दर्दनाक समस्या से जूझ रही हैं, तो उन्हें किसी कपड़े या तौलिए से रगड़ने से बचें। इससे उंगलियों में से खून आने का खतरा बना रहता है।
4 फ्रॉस्ट बाईट से प्रभावित उंगलियां पानी के टेम्परेचर का सही से अनुमान नहीं लगा पाती हैं। इस बात को याद रखें कि फ्रॉस्ट बाईट यानि कोल्ड बर्न होने की सूरत में आप किसी और गर्म चीज़ को हाथ लगाने से बचें। जैसे बॉनफायर और हीटर पर ज्यादा देर तक हाथों की सिकाई न करें। अन्यथा हाथ जलने का खतरा बना रहता है।
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