आजकल सोशल मीडिया पर बॉडी पॉज़िटिविटी की लहर आई हुई है। हर कोई आपको ट्रोल्स को एक करारा जवाब देते हुए मिल जाएगा, जो कई सेलेब्रिटीज को बिना वजह बॉडी शेम करने में लगे रहते हैं। अभिनेत्री निम्रत कौर बॉलीवुड की नई हस्ती हैं, जिन्होंने एक फिल्म के लिए वजन बढ़ाने की प्रक्रिया में होने के दौरान “भद्दी टिप्पणियों” का सामना करने के बारे में अपने मन की बात साझा की।
हमने निम्रत को कई दिलचस्प मूवीज जैसे – ”द लंचबॉक्स” , ”एयरलिफ्ट और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होमलैंड और वायवर्ड पाइन्स में भी देखा है। उन्होंने हाल ही में हिंदी फिल्म दसवीं में अभिनय किया है। बिमला देवी के रूप में उनकी भूमिका के लिए उन्हें वजन बढ़ाने की आवश्यकता थी, और इसके लिए उन्होनें कड़ी मेहनत करके वेट गेन (Weight gain) किया।
लेकिन 10 महीने की परिवर्तन प्रक्रिया के दौरान, उन्हें बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ा। ज्यादातर लोग जो सुंदरता के ‘सामाजिक मानदंड’ में फिट नहीं होते हैं, लगभग हर दिन इस भेदभाव का सामना करते हैं।
इस क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए और लोगों से थोड़ा अधिक संवेदनशील होने का आग्रह करते हुए, निम्रत ने इंस्टाग्राम पर एक स्ट्रॉन्ग नोट लिखा। न केवल उन लोगों के लिए जो शर्मिंदगी का सामना करते हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी जो भद्दी टिप्पणियां करने से पहले नहीं सोचते हैं।
हम एक ऐसे समाज में जी रहे हैं, जो हर समय हमें सिर्फ यह सोचने पर मजबूर करता है कि, जो हम पहन रहे हैं, वो सही है कि नहीं। हम कैसे दिख रहे हैं – क्या कर रहे हैं? आज मैं अपने जीवन का एक छोटा सा किस्सा आपसे साझा कर रही हूं, जिसने मुझे काफी कुछ सिखाया है।
उन्होंने इस बारे में बात की कि वह कैसे पैदा हुई थी। लेकिन दसवी में यह उनकी भूमिका थी जिसके लिए उन्हें “साइज़ अप” करने की आवश्यकता थी। जबकि मन में कोई लक्ष्य नहीं था, मगर उन्हें काफी अलग दिखने को कहा गया था।
मूवी के लिए वज़न बढ़ाने की कोशिश करते – करते, उनका वज़न करीब 15 किलो तक बढ़ गया। जिसे देखकर वह खुद भी दहशत में आ गईं थी। ”अब मुझे खुद को इसी तरह पसंद करना था। इन सब में मेरा साथ देने के लिए मेरे परिवार वाले मेरे साथ थे।”
धीरे-धीरे, निम्रत को अपने आस-पास के लोगों से एक बदला हुआ नजरिया दिखने लगा। “कभी-कभी, मुझे पहले से ही कुछ आकार बड़ा होने के कारण हाई कैलोरी डाइट लेते देखकर, मेरे आस-पास के कुछ लोग मेरे ऊपर टिप्पणियां करने लगे थे।”
हालांकि, वो यह नहीं बताती थीं कि वे अपना वज़न क्यों बढ़ा रही हैं। मगर इस चीज़ नें उन्हें लोगों को सझने का मौका दिया कि वो क्या सोचते हैं, कैसे सोचते हैं। वह लिखती हैं, “मैं अनहेल्दी हो सकती थी, क्या पता मेरा कोई इलाज चल रहा होता, या मैं किसी समस्या से जूझ रही होती तब भी लोग यही बोलते
अब जब निम्रत वापस अपने पहले के वज़न में आ गई हैं – तो उन्हें लोगों और चीजों को देखने समझने का नया नज़रिया देखने को मिला है।
“इस लंबे सफर को पूरा करने के बाद, आज सही मायने में मैंने सीखा है कि कैसे बाहरी परिप्रेक्ष्य को खुद पर हावी होने नहीं देना है।”
अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स के साथ इसे साझा करने का उनका उद्देश्य इस बात का संकेत है कि कैसे वो लोगों के बीच इस बात को लेकर जागरूकता फैलाना चाहती हैं। खासकर उन लोगों के लिए जो लोगों के बनाए हुए तौर – तरीकों से अपनी जिंदगी जी रहे हैं। वे कहती हैं कि “पहचानें कि वे जो कुछ भी कहते हैं और देखते हैं वह एक मानसिकता का प्रतिबिंब है।
अंत में निम्रत यही कहती हैं कि : लोगों के प्रति दयावान बनें उनसे सहानभूति रखें। अगर आप किसी के दिन को बेहतर नहीं बना सकते, तो उसका दिन खराब भी न करें। अपने काम से काम रखें।”
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