बंदिश बैंडिट्स में अपनी भूमिका के लिए मशहूर श्रेया चौधरी ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर अपने 30 किलो वजन घटाने के पीछे की कहानी साझा की। पोस्ट में, श्रेया ने उन चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की जिनकी वजह से उसका वजन बढ़ा, लेकिन खुद के लिए एक फैसले ने उनकी जिंदगी को बदल दिया। अपनी वेट लॉस जर्नी के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे सिर्फ 19 साल की उम्र में उन्होंने अपनी सेहत के साथ ‘धोखा’ करना शुरू किया और एक्सरसाइज करना पूरी तरह से बंद कर दिया, जिस वजह से उनका वजन काफी बढ़ने लगा था।
श्रेया चौधरी ने अपनी वेट लॉस जर्नी के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि ब्रेकिंग प्वाइंट तब आया जब उन्हें स्लिप डिस्क का सामना करना पड़ा। स्लिप डिस्क एक ऐसी स्थिति है, जो स्पाइनल कॉड (रीड की हड्डी) को इफेक्ट करता है। इसके बाद ही उन्होंने हेल्थ को सीरियसली लेना शुरू किया।
श्रेया ने अपने उस समय को याद करते हुए कहा, ‘मैं अच्छी स्थिति में नहीं थी। इस दौरान मेरा वजन बहुत बढ़ गया था। इससे मेरी फिटनेस और हेल्थ पर असर पड़ने लगा था।’ इतने एम्बिशस और करियर पर फोकस करने वाले इंसान के लिए यह बहुत बड़ी समस्या थी। उन्होंने कहा कि सभी तरह की फिजिकल एक्टिविटी पूरी तरह से बंद कर दी थी, जिससे उनकी हेल्थ और भी खराब हो गई। श्रेया के लिए ये वेकअप कॉल था, जिसने उनको ये एहसास कराया कि श्रेया ने अन्य चीजों की तलाश में अपने शरीर पर धयान नहीं दिया है।
हेल्थ खराब होने के कारण श्रेया चौधरी ने अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरु किया। उन्होंने बताया , ‘मुझे याद है, एक दिन, अपने बिस्तर पर लेटे हुए, मैंने खुद से कहा कि मुझे अपना ख्याल रखना होगा। मुझे अपने लिए, अपने परिवार के लिए और अपनी महत्वाकांक्षाओं और आकांक्षाओं के लिए खुश रहना जरूरी था।’ ये वही समय था जब मैंने वेटलॉस करने का फैसला कर लिया था।
श्रेया के लिए ये ट्रांसफॉर्मेशन आसान नहीं था। उनके लिए, फिटनेस वजन कम करने से भी ज्यादा जरूरी हो गई थी। यह उनके जीवन को दोबारा सही रास्ते पर लाने के बारे में था। श्रेया चौधरी ने अपने ट्रांसफॉर्मेशन के लिए शानदार मेहनत की और इसके लिए उन्हें कई महीनों तक लगातार कोशिश करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि मुझे कई महीने लग गए, लेकिन मैंने अपनी फिटनेस और सेहत पर फोकस किया और जब मैं 21 साल की हुई, तो मेरा शरीर और दिमाग बिल्कुल नए जगह पर थे। मैं धीरे-धीरे फिट हो गई और मैंने 30 किलो वजन कम कर लिया। उन्होंने कहा कि इस ट्रांसफॉर्मेशन ने न केवल उन्हें शारीरिक रूप से फिट किया बल्कि उनकी मैन्टल हेल्थ को भी सुधारा।
अपने पूरे सफर के दौरान श्रेया चौधरी को एहसास हुआ कि खुद का ख्याल रखना न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए बल्कि उनके करियर के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘जीवन हमेशा हमारे सामने चुनौतियां लाएगा, हमें बस आगे बढ़ने और फोकस करने की जरूरत है।’ स्लिप डिस्क से निपटने से लेकर इमोशनल स्ट्रगल का सामना करने तक, श्रेया की आगे बढ़ने और अपने गोल्स पर फोकस करने की लगन ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। उन्होंने कहा- टचवुड,उस समय जब मुझे स्लिप डिस्क की समस्य थीं, मैं आज बहुत अच्छी स्थिति में हूं। अब मैं बॉक्सिंग कर सकती हूं, मैं डांस कर सकती हूं, शूटिंग के दौरान घंटों तक अपने दोनों पैरों पर खड़ी रह सकती हूं।’
उन्होंने फैंस को इंस्पायरिंग मैसेज देते हुए कहा, ‘अगर मैं वापस नहीं लौटी होती, तो मुझे नहीं पता कि मेरी लाइफ कैसी होती। ये जीवन हमारे लिए एक गिफ्ट है। हमें इसे पूरी तरह से जीने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करके आज मैं अपने सपनों को जी रही हैं और दूसरों को इंस्पायर कर रही हैं।’
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