नवंबर और दिसंबर आते-आते दिल्ली एनसीआर सहित कई मेट्रो सिटीज़ की हवा बदलने लगती है। सर्दियों के दिनों में कई कारणों की वजह से यह हवा प्रदूषित हो जाती है, जो अलग-अलग तरह से हमारे शरीर को डैमेज करना शुरू कर देती है। इसके साथ ही बढ़ता हुआ वायु प्रदूषण हमें कई तरह की बीमारियों की चपेट में ले लेता है और हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है।
भारत सरकार द्वारा हवा की गुणवत्ता बताने वाली संस्था सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में प्रतिदिन AQI का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली एनसीआर में इन दिनों AQI 350 पहुंच गया है, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
हवा की गुणवत्ता हमारे स्वास्थ्य में फेफड़ों, स्किन, ब्रेन सहित आंखों को भी बहुत प्रभावित करती है। इसी बीच अगर आपकी आंखों में भी प्रदूषण को लेकर कुछ समस्याएं आती हैं, तो साधारण तरह से उसका बचाव कर के आप अपनी इस समस्या को दूर कर सकतीं हैं।
बढ़ता प्रदूषण हमारी आंखों को कई तरह से प्रभावित करता है। जिससे आंखों की विभिन्न समस्याएं काफी हद तक बढ़ सकती हैं। इस पर ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट डॉ. जयपाल रेड्डी बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण आंखों में कई तरह की समस्याएं हो सकती है।
हवा में मौजूद पॉल्यूटैंट आंखों से आंसू को बहुत तेज़ी से इवैपोरेट करते है, जिससे ड्राई आइज़ की समस्या देखने को मिलती है। साथ ही हवा में अक्सर धूल, धुंआ और सूक्ष्म कण जैसी ‘एयरबोर्न’ चीज़ें होती है, जो आंखों के संपर्क में आ सकती है और इससे असुविधा हो सकती है।
हवा में मौजूद तमाम तरह के प्रदूषक तत्व आंखों सहित शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस उत्पन्न कर सकते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस आंखो में मौजूद सेल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे आंखों में सूजन आ सकती है और देखने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
प्रदूषित हवा में मौजूद प्रदूषक और हानिकारक तत्व आंखो को गंभीर रूप से प्रभावित करते है, जिससे लालिमा, खुजली, आंखो में किरकिरापन या जलन हो सकती है।
वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से संक्रमण के खिलाफ आंखों की प्राकृतिक सुरक्षा कमजोर हो सकती है, जिससे यह बैक्टीरिया और वायरस आंखों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते है और इसके कारण आंखो के संक्रमण का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है।
वायु प्रदूषण के गंभीर परिणामों में लाइट सेंस्टिविटी यानी फोटोफोबिया होने का खतरा भी बढ़ सकता है। फोटोफोबिया के कारण व्यक्ति को तेज रोशनी के संपर्क में आने पर असुविधा और दर्द होने जैसे लक्षण दिखाई पड़ते है।
डॉ. रेड्डी बताते हैं कि आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और संभावित जलन या क्षति को रोके रखने के लिए वायु प्रदूषण से अपनी आंखों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। आपकी आंखों को वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचाने में मदद के लिए हम कुछ आम लेकिन असरदार कदम स्वतः ही उठा सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंप्रदूषित हवा में बाहर निकलने से पहले या उसके दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखना न सिर्फ आपकी आंखों के लिए बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। डॉ रेड्डी बताते हैं कि हाइड्रेटेड रहना आपकी आंखों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
साथ ही वे बताते है कि आंसू के उत्पादन के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत आवश्यक है, क्योंकि इससे आंसू की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। जिससे आपकी आंखों के संपर्क में आने वाले पॉल्यूटैंट और उसके कारण होने वाली जलन को दूर करने के लिए पर्याप्त मात्रा में आंसू आते है, जिससे वायु प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, सूखापन और लालिमा का खतरा कम हो जाता है।
खराब गुणवत्ता वाली हवा में रहने के कारण होने वाली आंखों की समस्या को प्रबंधित करने के लिए यूवी प्रोटेक्टेड चश्मा पहनने से भी इसका बचाव होता है। डॉ. रेड्डी के अनुसार वायु प्रदूषण में अक्सर धूल, आंखों में एलर्जी करने वाले तत्व , और बहुत ही बारीक कण होते हैं, जो आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं। सुरक्षात्मक चश्में इन जलन पैदा करने वाले तत्वों के कारण होने वाली जलन और परेशानी को कम करने में मदद करते हैं, जिससे आंखों को आराम मिलता है।
ल्युब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स वायु प्रदूषण के कारण होने वाले सूखेपन, जलन और परेशानी से राहत दिलाने में मदद करते हैं। ड्राई आइज़ के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्रेज़रवेटिव फ्री आई ड्रॉप डालने से कुछ हद तक राहत मिल सकती है ।
डॉ रेड्डी बताते हैं कि प्रदूषित हवा के संपर्क में आने के बाद, आप बार-बार अपनी आंखो को पानी से धोएं, ऐसा करने से आंखों या पलकों में यदि कोई हानिकारक कण होगा, तो वो निकल जाएगा और आपकी आंखों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
अपने घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने से घर के अंदर वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है, जिससे एक स्वच्छ वातावरण बनता है जो आपकी आंखों के स्वास्थ्य सहित आपके समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।
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