दिवाली और उसके साथ सर्दियों का आगमन कुछ लोगों के लिए मुश्किल लेकर आता है। अब भी सुबह सैर करते समय हल्की धुंध दिखाई देने लगी है। असल में यह ठंड की धुंध नहीं बल्कि धूल और धुएं से बनने वाला स्मॉग है। जो श्वसन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इससे बचने के लिए आपको हरियाली भरे वातावरण में रहने की सलाह दी जाती है। पर शहरों में यह एक और दुर्लभ चीज होती जा रही है। तब क्या एयर प्यूरीफायर आपकी कुछ मदद कर सकते हैं? आइए पता करते हैं।
दिवाली पर अब भी बहुत से लोग पटाखे जलाकर खुशियां मनाते हैं। यह जानते हुए भी कि हर पटाखा प्रदूषण बढ़ाने में योगदान करता है। फिर चाहें वह कितना ही छोटा हो। और इसके साथ आप भी प्रदूषण को बढ़ाने में योगदान करते हैं। दिवाली के आसपास वायु प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि आपके आसपास की हरियाली भी इसे रोक नहीं पाती। ऐसे में एयर प्यूरीफायर लगाने की सलाह दी जाती है।
इस मौसम में हर साल हम स्मॉग ( smog ), वायु प्रदूषण (Air Pollution) और सांस लेने से जुड़ी समस्याओं (breathing problems) के बारे में बात करते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हर साल वायु प्रदूषण विकराल रूप धारण कर लेता है। धुंध और धुएं भरे इस मौसम के कारण कई लोगों को कई तरह के स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है। जिनमें फेफड़ों और अन्य अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचना भी शामिल है।
प्रदूषण का बढ़ता हुआ स्तर उन लोगों के लिए और ज्यादा हानिकारक हो जाता है, जो कोरोना वायरस संक्रमण से संक्रमित हैं या जिनके फेफड़ों में पैच हो गए थे। दुर्भाग्य से, यह धुंध भरी सर्दी उनके लिए थोड़ी अधिक भयानक हो सकती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम वास्तव में इसके लिए कुछ कर सकते हैं ? बिल्कुल कर सकते हैं। सबसे पहली चीज जो हम इसके बचाव में कर सकते हैं, वह है अपने घर में एयर प्यूरीफायर (air purifiers) का इस्तेमाल।
एक समय था जब लोग वाटर प्यूरीफायर ( Water Purifier) को भी गैरजरूरी मानते थे। मगर वक्त बदलने के साथ पानी का प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया कि हर घर में वाटर प्यूरीफायर की जरूरत महसूस की जाने लगी। कुछ ऐसा ही एयर प्यूरीफायर के साथ भी है। मुंबई के ज़ेन मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल ( Zen Multi Specialist Hospital ) के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ अरविंद केट ( Pulmonologist Dr Arvind Ket) एयर प्यूरीफायर के लिए 7 कारण गिनाते हैं।
हमारे घरों में धूल, फफूंदी व अन्य बैक्टीरिया नम वातावरण में पनपते हैं। जो सांस के साथ अंदर चले जाते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा करने लगते हैं। यह शरीर में प्रवेश करने के बाद अस्थमा के दौरे का कारण बन जाता है। एयर प्यूरीफायर इन कणों को पकड़कर हवा को प्रदूषण मुक्त कर देते हैं। जिससे अस्थमा के कारण सांस लेने में कठिनाई की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
अमोनिया, क्लोरीन और फ़ेथलेट्स जैसे खतरनाक और जहरीले केमिकल कैंसर,दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों को उत्पन्न कर सकते हैं। सक्रिय कार्बन वाले एयर प्यूरीफायर इन केमिकल दूषित पदार्थों को साफ करने में सहायता करता है। जिससे कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम से बचा जा सकता है।
सामान्य सर्दी और फ्लू जैसी बीमारियां आस पास रहने वाले छोटे कीटाणुओं के माध्यम से फैलती हैं। ऐसे में एयर प्यूरीफायर इन बैक्टीरिया और वायरस को पकड़ लेता है, जो संक्रमण को दूर रखने में मदद करते हैं।
अस्थमा के मरीजों के लिए एयर प्यूरीफायर काफी फायदेमंद उपकरण साबित होता है। क्योंकि यह हवा से बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करता है, जो जाहिर तौर पर उनमें सूजन पैदा करते हैं।
यह बीमारी तब होती है जब फेफड़ों में हवा ले जाने वाली ब्रोन्कियल नलियों में सूजन आने लगती है। एयर प्यूरीफायर ( Air purifier) हवा में मौजूद प्रदूषण को रोकता है।
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कस्टमाइज़ करें”डॉ केट हेल्थशॉट्स को बताते हैं, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) इसे पुरानी सूजन संबंधी फेफड़ों की बीमारी के रूप में वर्णित किया जा सकता है। जो फेफड़ों से बाधित वायु प्रवाह का कारण बनती है। एयर प्यूरीफायर हवा को साफ रखेंगे और सांस लेने में तकलीफ पैदा करने वाले एयरबोर्न टॉक्सिन्स को फिल्टर करता है।
मौसम बदलते ही सर्दी जुकाम जैसी समस्या आम हो गई है। सर्दी जुकाम के लक्षणों से जूझ रहे लोगों के लिए एयर प्यूरीफायर काफी अच्छा साबित होगा। एयर प्यूरीफायर हवा को साफ रखने में मदद करता है और खांसी जैसे लक्षणों में सुधार करता है।
डॉ केट के अनुसार निमोनिया एक संक्रमण है, जो एक या दोनों फेफड़ों में वायु थैली की सूजन का कारण बन जाता है। एयर प्यूरीफायर निमोनिया के रोगियों में सांस लेने की समस्याओं में सुधार करके सामान्य रूप से फेफड़ों के कार्य को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
जानकारी के अनुसार इस बीमारी को ऐसी स्थिति के रूप में जाना जाता है, जो श्वसन और पाचन तंत्र को बड़ा नुकसान पहुंचाती है। प्यूरीफायर बैक्टीरिया और एलर्जी को फिल्टर करता है और व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से सांस लेने में मदद मिलती है।
इसमें फेफड़ों पर निशान पड़ जाता है और स्थायी रूप में नुकसान पहुंचाता है। एयर प्यूरीफायर घरेलू वायु प्रदूषण को यहां तक की बेहतरीन कणों से लड़ता है। जो इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को काफी सहयोग देता है।
सर्दियों के मौसम में एक सामान्य घटना है जिससे सांस लेने में मुश्किलें पैदा होने लगती हैं और कई बीमारियां जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस,क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), निमोनिया और कई तरह के श्वसन संबंधी विकार होते हैं।
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