एनसीबीआई के मुताबिक भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां मरीज़ सबसे ज्यादा हृदय रोग यानि कार्डियोवसकुलर डिज़ीज़ से घिरे हुए हैं। साल 1990 में हार्ट अटैक से मरने वाले लोगों की संख्या 2.26 मिलियन थी, जो 2020 में बढ़कर 4.77 मिलियन तक पहुंची गई। भारत में ग्रामीण इलाकों में जहां हृदय रोग से 1.6 से 7.4 फीसदी लोगों के ग्रस्त होने की संभावना है, वहीं शहरों में ये आबादी में 1 से 13.2 फीसदी के मध्य बताई जा रही है। इसलिए यह जरूरी है कि आप न सिर्फ अपने हृदय स्वास्थ्य का ख्याल रखें, बल्कि उन चेतावनी संकेतों (sudden heart attack symptoms) को भी समझें, जो हार्ट अटैक से पहले आपका शरीर देता है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक ब्रिटेन में लगभग 11 प्रतिशत पुरुष और नौ प्रतिशत महिलाएं हृदय संबधी समस्याओं से ग्रस्त हैं। गलत खानपान, मोटापा, डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर धीरे धीरे हमारे शरीर को हृदय संबधी बीमारियों से घेर लेते हैं। चेस्ट के बाई ओर मौजूद हमारा हार्ट दिनभर में 5,000 गैलन ब्लड को पंप करने में सक्षम होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दिल के दौरे हर साल करीब 18 मिलियन लोगों की जान जाती है।
हृदय संबधी रोग से ग्रस्त होने पर रोगी को दिल की धड़कन बढ़ने के अलावा ठीक से सांस न ले पाने की भी समस्या आने लगती है। सांस पूर्ण रूप से न ले पाने के कारण लंग्स में भारीपन महसूस होने लगता है। इसके चलते व्यक्ति कई बार तेज़ तेज़ सांस लेने लगता है। यूं तो ब्रीदिंग प्रोब्लम कई बार एनीमिया या एलर्जी के कारण भी हो सकती है। मगर इसका मुख्य कारण लंग्स या हार्ट डिजीज ही होते हैं। सांस लेने में तकलीफ हार्ट से जुड़ी बीमारी का प्राथमिक संकेत है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक सीने में दर्द उठना और असहजता का अनुभव होना हार्ट संबधी समस्या का एक लक्षण है। हार्ट अटैक होने पर भी चेस्ट में हैवीनेस, जकड़न और एक दबाव का अनुभव होने लगता है। ये भारीपन उस प्रकार महसूस होता है, जैसे कोई वज़नदार चीज़ को आपकी छाती पर रखा हो। जब आप तेज़ तेज़ सांस लेने लगते हैं, तो ये हैवीनेस बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना बेहद ज़रूरी है।
हृदय संबधी समस्या उत्पन्न होने पर बाएं हाथ व कंधे की नर्वस में दर्द महसूस होने लगता है। जो हमें हार्ट डिजीज का संकेत देते हैं। इसके चलते बाएं हाथ या कंधे में लगातार कुछ देर तक दर्द या दबाव महसूस होने लगता हैं। अगर आपको दर्द के साथ ब्रीदिंग की समस्या भी घेर रही है, तो हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ने लगता है।
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने पर घबराहट होना, जी मचलना और उल्टी आने जैसा लगने लगता है। इसके अलावा लगातार ठण्डे पसीने आना भी इसका एक संकेत है।
देर तक सीने में दर्द और भारीपन होने से आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है। हाथों और पैरों में दर्द का अनुभव होने के साथ ये दर्द गर्दन और जबड़े तक भी पहुंचने लगता है।
वहीं महिलाओं में हार्ट संबधी समस्याओं से अधिकतर एसिडिटी की समस्या होने लगती है। गैस बनना और पीठ में दर्द होगा इसके संकेत हो सकते हैं। वहीं थकान और गैस से पीठ में दर्द की समस्या कई बार बढ़ जाती है।
डॉ आशीष गोविल के मुताबिक अगर कोई मरीज़ इन सभी लक्षणों को महसूस कर रहा है, तो तुरंत पास के अस्पताल ले जाएं। जहां ईसीजी करवाएं। आधे घंटे बाद दोबारा फिर से ईसीजी करवाना ज़रूरी है। इससे सही रिजल्टस मिल पाते हैं। इसके बाद टोपोनिन ई और आई ;ब्लड टेस्टद्ध करवाएं। अगर आपका घर अस्पताल से दूर है, तो उस व्यक्ति को एक डिस्प्रीन तुरंत 1/4 गिलास में डिजॉल्व करके पिलाएं।
स्मोकिंग करने से बचें और डायबिटीज़ को नियंत्रित करें। इन दोनों चीजों को करने के परिणामस्वरूप 80 फीसदी हार्ट अटैक के मामलों से बचा जा सकता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंइसके अलावा हाई ब्लड प्रैशर भी परेशानी का कारण सिद्ध हो सकता है। अनहेल्दी ऑयली फास्ट फूड, अल्कोहल इनटेक और सेचुरेटिड फैट्स को लेने से बचें।
हेल्थ हार्वर्ड के मुताबिक अगर आप कोई व्यायाम या योग नहीं करते हैं, तो रोज़ाना 10 मिनट की वॉक करना शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। इससे आपका डाइजेशन सिस्टम और हार्ट हेल्दी रहता है। वहीं ब्रिस्क वॉक भी शरीर के लिए फायदेमंद होती है। इसके अलावा योगासन को दिनचर्या का हिस्सा बनाने से ब्रीदिंग संबधी समस्याएं भी दूर होने लगती है।
फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स की कमी को पूरा करने वाले मौसमी फलों को सब्जियों का सेवन करें। इससे शरीर हेल्दी और फिट रहता है। ये हमारे मांइड से लेकर गट हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होती है। रूटीन डाइट में एक कच्ची सब्जी या फल ज़रूर एड करें।
अत्यधिक नमक का सेवन आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ने से वॉटर रिटेंशन का खतरा रहता है। वहीं ज्यादा नमक का सेवन हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। साथ ही हाइपरटेंशन का जोखिम बढ़ने लगता है।
डेयरी प्रोडक्टस में हाई कैलोरी फैट्स होने से कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ने लगता है। अगर आप दूध दही और पनीर को हेल्दी तरीके से खाते हैं, तो ये शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
खाने में मस्टर्ड सनफलावर और राइसब्रेन तेल का प्रयोग करें। तेल को इतना बर्न न करें कि बर्न होने पर स्मोक निकलने लगे। एक ही ऑयल को बार बार प्रयोग में न लाएं।
ये भी पढ़ें- ये 5 संकेत बताते हैं कि बढ़ने लगा है आपका थायराइड लेवल, तुरंत कंट्रोल करना है जरूरी