ये 5 संकेत बताते हैं कि आपकी बॉडी को है अधिक इलेक्ट्रोलाइट की आवश्यकता, जानें इन्हें कैसे करना है बैलेंस

शरीर में जब इलेक्ट्रोलाइट की कमी होती है, तो इससे व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। जानिए इलेक्ट्रोलाइट में कमी के संकेत और इसे दूर करने के उपाय।
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इलैक्ट्रोलाइट बूस्टर की जरूरत किन लोगों को होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक
Updated On: 1 Feb 2024, 05:59 pm IST
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बॉडी को सही रूप से फंक्शन करने के लिए पर्याप्त इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रोलाइट्स आपके ब्लड में मौजूद मिनरल्स और अन्य बॉडी फ्लूइड को कहते हैं, जो बॉडी में इलेक्ट्रिक चार्ज कैरी करते हैं। शरीर के कई फंक्शंस इन पर निर्भर करते हैं। जैसे कि बॉडी में पानी की मात्रा, ब्लड का पीएच लेवल और मसल्स फंक्शन। शरीर में जब इलेक्ट्रोलाइट की कमी होती है, तो इससे व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। जानिए इलेक्ट्रोलाइट में कमी के संकेत और इसे दूर करने के उपाय।

इस दौरान शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं, जो दर्शाते हैं कि आपकी बॉडी को इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यकता है। यदि आप इन्हें नजरअंदाज न करें और समय रहते इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस कर लें, तो आपकी बॉडी फंक्शन दोबारा से पूरी तरह नॉर्मल हो सकती है।

आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे इलेक्ट्रोलाइट की कमी होने पर शरीर कौन से संकेत देता है (symptoms of electrolyte deficiency), साथ ही जानेंगे इन्हें वापस से किस तरह बैलेंस किया जा सकता है। आपकी बॉडी में ऐसा कोई भी लक्षण नजर आ रहा है या भविष्य में नजर आता है, तो इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें।

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ओवर हाइड्रेशन से भी मसल्स में पेन होता है। चित्र-शटरस्टॉक

जानें इलेक्ट्रोलाइट की कमी होने पर नजर आने वाले संकेत (symptoms of electrolyte deficiency)

1. मांसपेशियों में कमजोरी और क्रैंप्स आना

मांसपेशियों को सही से कार्य करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यकता होती है। यदि आपकी मांसपेशियां कमजोर हो गई हैं, या मांसपेशियों में क्रैंप्स आ रहे हैं, तो यह इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी का संकेत हो सकते हैं। इस संकेत को नजरअंदाज न करें और इलेक्ट्रोलाइट मैनेजमेंट पर ध्यान दें।

2. लो फील करना

यदि आपको बार-बार मूड स्विंग्स हो रहा है, और आप बहुत ज्यादा लो फील कर रही हैं, तो यह इलेक्ट्रोलाइट की कमी का संकेत हो सकता है। बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट की कमी होने से व्यक्ति अधिक सेंसिटिव महसूस करता है और बहुत जल्दी इरिटेट हो जाता है। इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस कई बार ब्रेन फंक्शन को भी प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से मूड स्विंग्स, इरिटेशन और मेंटल कन्फ्यूजन जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यदि ऐसा लगातार हो रहा है तो इन्हें नजरअंदाज न करें।

3. पेट खराब होना

यदि आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे की गैस, ब्लोटिंग, एसिडिटी आदि बार-बार परेशान कर रही है, तो यह इलेक्ट्रोलाइट की कमी का संकेत हो सकते हैं। शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के बाद यदि उल्टी जैसा महसूस होता है, या फिर पेट संबंधी समस्याएं परेशान करती हैं, तो आपको इलेक्ट्रोलाइट मैनेजमेंट पर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।

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सिर में तेज दर्द की शिकायत होने लगती है। चित्र:एडॉबीस्टॉक

4. सिर में अधिक दर्द महसूस होना

यदि आपको बार-बार सिर दर्द हो रहा है, या सिर दर्द शुरू होने के बाद आसानी से कम नहीं होता, तो यह इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस के संकेत हो सकते हैं। सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट की कमी बॉडी में फ्लूइड बैलेंस को प्रभावित करती है, जिसकी वजह से ब्लड फ्लो पर नकारात्मक असर पड़ता है। वहीं ये स्थिति सिर दर्द को ट्रिगर कर सकती है।

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5. इरेगुलर हार्ट रेट

यदि आपकी हार्टबीट नियमित नहीं रह रही है और यह अचानक से बढ़ जाती है, या कम हो जाती है, तो यह इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस के संकेत हो सकते हैं। पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं, साथ ही ये बॉडी में अन्य ऑर्गन्स के फंक्शन को भी रेगुलेट करते हैं। ऐसे में इनका इमबैलेंस होना इरेगुलर हार्ट रेट के साथ-साथ अन्य कार्डियक संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।

अब जानें इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस के कुछ इफेक्टिव टिप्स

1. प्लेन वॉटर में जोड़ें नमक और नींबू की गुणवत्ता

यदि आप अपने इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस करना चाहती है, तो इसके लिए आपको अपने प्लेन H2o में दो चुटकी नमक और आधे नींबू निचोड़कर पीने की आवश्यकता है। यह बिल्कुल कोकोनट वॉटर की तरह काम करता है। आप कोकोनोट वॉटर भी ले सकती हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से भरपूर मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट पाए जाते हैं।

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लेमन मिंट ड्रिंक रखेगा आपको तरोताज़ा। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. फूड्स के माध्यम से ले सकती हैं इलेक्ट्रोलाइट

आपको अपनी नियमित डाइट में पर्याप्त मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने की आवश्यकता है।

कैल्शियम: दूध, योगर्ट, मीट, मछली, अंडे, फोर्टीफाइड ब्रेकफास्ट, बींस सहित कुछ खास फल और सब्जियां जैसे की ड्रॉयड अपरिकोट, अंजीर आदि को अपनी डाइट में शामिल करें।

क्लोराइड: ऑलिव, टमाटर, लेटस, सेलरी आदि क्लोराइड के एक समृद्ध स्रोत हैं। आप इन्हें अपनी नियमित डाइट में शामिल कर सकती हैं।

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मैग्नीशियम: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि केल, पालक, शलगम के अलावा अनाज, नट्स, पीनट बटर, ड्रॉयड बींस और दालों के माध्यम से शरीर को उचित मात्रा में मैग्नीशियम प्रदान कर सकती हैं।

पोटैशियम: पके हुए पालक, स्वीट पोटैटो, योगर्ट, केला, एवोकाडो, मटर, बींस, टमाटर, संतरा और किशमिश में पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। आप इन्हे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

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नारियल पानी में विटामिन और मिनरल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. कोकोनट वॉटर

कोकोनट के पानी में शुगर की मात्रा बेहद कम होती है, जिससे कि ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता। साथ ही साथ इसमें नॉरमल वॉटर की तुलना में अधिक कैलरी पाई जाती है। वहीं इसमें प्राकृतिक रूप से इलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद होते हैं, इसलिए इसे एक बेहद प्रभावी इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक माना जाता है। इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस की स्थिति में इसे जरूर पीना चाहिए।

4. वाटरमेलन जूस

वाटरमेलन जूस हाइड्रेशन को मेंटेन रखने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है। वहीं यह बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को भी मेंटेन रखता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोटैसियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी मौजूद होते हैं, जो इसे एक बेहद खास इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक बना देते हैं। साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो फ्री रेडिकल से बॉडी को प्रोटेक्ट करते हैं।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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