वेटलॉस जर्नी पर जाते ही लोग अक्सर खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषण और कैलोरीज़ को लेकर कंफ्यूज़ रहते हैं। शरीर में चर्बी न बढ़ने के डर से वे कई प्रकार की फैंसी डाइट को फॉलो करने लगते हैं। मगर फिर भी मन ही मन ये निर्णय लेना बेहद मुश्किल भरा लगता है कि क्या खाएं और क्या न खाएं। जानते हैं कुछ ऐसे ज़ीरो कैलोरी फूड्स (zero calorie foods) के बारे में जो आपनकी वेटलॉस यात्रा को आसान बनाने में करेंगे आपकी मदद।
इस बारे में डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि कुछ भी खाने से पहले कैलोरी इनटेक पर अवश्स ध्यान दें। इसके लिए प्रोसेस्ड व जंक फूड से दूरी बनाकर रखें। लेट नाइट हैवी फूड आइट्म्स को खाने से बचें। अगर आप खाने में स्वाद और पोषण को एड करना चाहते हैं, तो डेली डाइट में हेल्दी फूड एड करें। शुगरी फूड से नेचुरल शुगर रिच फ्रूट्स को रिप्लेस करें। लो कैलोरी हैवी प्लैटर्स की जगह छोटी मील्स लें। इससे पाचनतंत्र भी मज़बूत बना रहता है। हार्वर्ड हेल्थ की एक रिसर्च के अनुसार वेट कंट्रोल करने के लिए व्यक्ति को कैलोरी बर्न करने पर ध्यान देना होगा। अधिक कैलोरी बर्न करने से वेटलॉस में मदद मिलती है।
पॉपकॉर्न हेल्दी स्नैक्स का बेहतरीन विकल्प है। इसके सेवन से शरीर में विटामिन, आयरन, मैगनीशियम और जिंक की कमी पूरी होती है। इस लो कैलोरी फूड में फाइबर भी पाया जाता है, जिसके चलते पॉपकॉर्न का सेवन करने से लंबे वक्त तक भूख नहीं लगती है। नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट की साल 2019 की एक स्टडी के अनुसार इसमें पाए जाने वाले पॉलीफैनोल्स से शरीर फ्री रेडिकल्स के खतरे से मुक्त हो जाती है। इस वेटलॉस फ्रैंडली फूड को खाने से शरीर में एनर्जी का लेवल बना रहता है और वेटगेन से मुक्ति मिल जाती है।
वेटलॉस के लिए हेल्दी फूड्स ट्राई करना चाहती हैं, तो खीरा इसमें आपकी मदद कर सकता है। एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर खीरा शरीर को हाइड्रेट बनाए रखने में मदद करता है। यूएसडीए के अनुसार आधा कप खीरे में 8 कैलोरी पाई जाती है, जो वेटगेन का कारण साबित नहीं होता है। इसका रिफ्रेशिंग स्वाद शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन, आयरन और फॉलि एसिड शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करने में मदद करते हैं। खीरा ओवरऑल हेल्थ के साथ साथ स्किन के लिए भी एक सुपरफूड है।
एंटीऑक्सीडेंटस और एंटीइंफलामेटरी गुणों से भरपूर ब्लेबेरी शरीर में बढ़ने वाली सूजन की समस्या को दूर करने में मदद करती है। ब्लूबेरी ग्लूटेन फ्री होती है और इसके सेवन से वेटगेन की समस्या से भी बचा जा सकता है। इसमें पाई जाने वाली फाइबर की मात्रा बार बार बढ़ने वाली क्रेविंग को रोकने में मदद करता है। यूएसडीए के अनुसार 1 कटोरी ब्लूबेरी का सेवन करने से शरीर को 4 ग्राम फाइबर मिलता है।
मूली की गिनती रूट वेजिटेबल में की जाती है। इसके स्वाद में हल्का तीखापन पाया जाता है। इसे खाने से शरीर में विटामिन, पोटेशियम और फोलेट की कमी पूरी होती है। साथ ही शरीर में बढ़ने वाली कैलोरीज़ की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है एक कप मूली में सिर्फ 19 कैलोरीज़ पाई जाती हैं। इससे शरीर वेटगेन की समस्या से मुक्त बना रहता है।
वेटलॉस जर्नी में कीवी को शामिल करके शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को आसानी से बर्न किया जा सकता है। इसके लिए कीवी को स्मूदी, सलाद या फिर पील करके खा सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला डाइटरी फाइबर बार बार भूख लगने की समस्या को हल हर देता है। इसके अलावा इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से राहत मिल जाती है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल हेल्थ उचित बनी रहती है। कीवी के सेवन से शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनने लगता है।
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