सब्जियां सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती हैं। चाहें वह ग्रीन हों या रुट वेजिटेबल सब्जियों के सेवन से तमाम बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। मेडिकल साइंस से लेकर डाइटीशियन तक हर प्रकार के सब्जी का सेवन करने की सलाह देते हैं। ठीक इसी प्रकार सलाद में इस्तेमाल होने वाली मूली के तमाम फायदे हैं। हरे पत्तों के साथ आने वाली सफेद मूली रुट वेजिटेबल है। परन्तु कई बार मूली का सेवन आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। आखिर क्यों होता है ऐसा और क्या है मूली खाने का सही तरीका (best way to eat radishes), बता रहे हैं एक आहार विशेषज्ञ।
यदि इसके दोनों पहलुओं की बात करें तो एक तरफ मूली का सेवन दिल से संबंधित बीमारियों में फायदेमंद होता है तो वहीं दूसरी और कई लोगों के लिए एसिडिटी, गैस की समस्या का कारण बन सकती है। इस दौरान खट्टे डकार, और गैस की समस्या पूरी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है। वहीं कई लोगों को पेट दर्द की समस्या भी हो जाती है। हालांकि, मूली का सेवन काफी फायदेमंद है परन्तु इसे खाने का गलत समय और तरीका आपके पेट के लिए परेशानिया खड़ी कर सकता है।
ऐसे में मूली खाने से होने वाली असुविधाओं को अवॉयड करने के लिए इससे जुडी अहम जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य है। हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर इंडियन मेडिकल एसोसिशन के डॉक्टर उत्कर्ष बाजपेई से बातचीत की। उन्होंने मूली खाने के सही समय और तरीके से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं। आइये जानते हैं इस बारे में थोड़ा और।
डॉक्टर कहते हैं कि “पहले के समय में मौसम के अनुसार सब्जियां बाजार में मिलती थी। लेकिन आजकल बेमौसम कोई भी सब्जी आसानी से बाजार में मिल जाती है। इन्हे बनाने में तरह तरह के कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी सब्जियां दुकानदार की पॉकेट लिए फायदेमंद हैं तो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक।”
आईएमए के फीजिशयन डॉक्टर उत्कर्ष ने आगे बताया की “किसी भी चीज का सेवन सही समय पर नहीं करना बिमारियों को बुलावा देने जैसा है। डॉक्टर के अनुसार हर रोज़ चौथा इंसान खानपान के मानकों का ज्ञान नहीं होने से बीमार हो रहा है।” डॉ उत्कर्ष की मानें तो अस्पतालों में पेट की समस्या से संबंधित ज्यादा मरीज़ आते है। हर रोज़ एक हजार में 250 मरीज पेट का मर्ज लेकर आते हैं। जिसमें 200 मरीज़ ज्यादा गंभीर हालत में होते हैं।
गैस और एसिडिटी अवॉइड करने के लिए इस तरह करें मूली का सेवन (best way to eat radishes)
अमूमन लोग मूली को सलाद के रूप में कच्चा खाना पसंद करते हैं और कई बार सिर्फ मूली खाते हैं। परन्तु पेट से जुड़ी असुविधाओं से बचने के लिए मूली के साथ अन्य सब्जियों को भी शामिल करें। इस तरह मूली खाने से न तो खट्टी डकार आएगी, न ही बदबूदार गैस से शर्मसार होना पड़ेगा। डॉक्टर के अनुसार पतली और छोटी मूली का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही सलाद में मूली के साथ ककड़ी, खीरा, गाजर, टमाटर, मूंगफली और नींबू का सेवन करना आपके पेट के लिए उचित रहेगा।
मूली को पचने में दो घंटे से अधिक समय लगता है, इस दौरान अन्य सब्जियां गैस बनने से रोकने में मददगार करेंगी। सभी सब्जियों को बारीक काटकर उसमे काला नमक मिलाएं और फिर इनका सेवन करें।
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उत्कर्ष कहते हैं, “कुछ सब्जियों को खाली पेट कभी नहीं खाना चाहिए। इससे सब्जी नुकसान कर सकती है। इसी कड़ी में मूली भी है। मूली का सेवन कभी खाली पेट नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही रात के वक्त खाने में कभी भी मूली को सलाद के तौर पर नहीं खाना चाहिए। इसके सेवन से पाचनतंत्र पर दबाव पड़ता है।
डॉक्टर उत्कर्ष के अनुसार “पकी हुई सब्जियों के साथ कभी कच्ची सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। मूली के सेवन का सही समय लंच और डिनर के बीच का होता है, जिसे ब्रंच टाइम के नाम से जाना जाता है। इस दौरान सेवन करने से पूरे तत्व मिलेगें और कोई समस्या भी नहीं होगी।”
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कस्टमाइज़ करेंडॉक्टर के अनुसार जिन लोगों के शरीर में दर्द रहता है, उनको इसके सेवन से परहेज करना चाहिए। क्युकी इसके सेवन से पेट सहित अन्य समस्या हो सकती हैं। यदि इसका सेवन करते ही स्थाई रूप से बैठ जाती हैं तो मूली पेट के लिए समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए इसे खाने के बाद शारीरिक रूप से सक्रीय रहना जरूरी है।
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