ज्यादातर लोग पढ़ाई करते वक़्त या ऑफिस का काम करते हुए एकाग्रता बनाये रखने, थकान दूर करने और नींद से बचने के लिए बार-बार कॉफी पीते हैं। क्या आप भी इन्ही में से एक हैं? क्या आपको भी काम के दौरान हर 1 घंटे पर कॉफ़ी की आवश्यकता होती है? यदि ऐसा है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। बार बार कॉफी पीने की आदत से शरीर कैफीन का आदि हो सकता है और यह आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। यह लेख उन सभी कॉफी प्रेमियों के लिए है जिन्हें खुदको जगाए रखने और काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कैफीन की आवश्यकता होती है।
हेल्थ शॉट्स ने थकान, हमारी सेहत और कॉफी के उस पर प्रभाव जानने के लिए मदरहुड हॉस्पिटल चेन्नई की डाइटिशियन और न्यूट्रीशनिस्ट डॉ हरि लक्ष्मी से बात की। उन्होंने अधिक कैफीन लेने के कुछ दुष्प्रभाव के बारे में बताया है (too much coffee side effects)।
कई लोग काम करते वक़्त या पढाई करते हुए नींद से बचने के लिए बार बार कॉफ़ी पीते हैं। इस स्थिति में कॉफी में मौजूद कैफीन आपको दिन में जागते रहने में मदद कर सकता है, परंतु इसका आपकी नींद की गुणवत्ता और मात्रा पर नकारात्मक असर पड़ता है। यदि आप लंबे समय तक लगातार कैफीन का सेवन करती हैं, तो आपमें इंसोम्निया का खतरा बढ़ जाता है। नींद की समस्याओं से बचने के लिए दोपहर लगभग 2 बजे के बाद से कॉफ़ी पीने से बचें।
कई लोग सुबह उठकर हेल्दी बॉवेल मूवमेंट के लिए कॉफी पीते हैं। कम और मध्यम मात्रा में कॉफी पीने से आंत की गतिशीलता में सुधार देखने की मिलता है, लेकिन बड़ी खुराक से दस्त या जीईआरडी हो सकता है। यदि आप खुदको रिफ्रेश रखने के लिए बार-बार कॉफ़ी का सेवन करती हैं, तो आपको कॉफी की जगह हर्बल टी का सेवन करना चाहिए। हर्बल टी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के आपको तरोताजा रहने में मदद करेंगी। हालांकि, हर्बल टी हो या कॉफी किसी भी चीज की अधिकता आपके लिए हानिकारक होती है।
कार्य पर फोकस्ड रहने के लिए लोग अक्सर अपना कैफीन इंटेक बढ़ा लेते हैं। हालांकि, कम-से-मध्यम खुराक सतर्कता बढ़ा सकती है, लेकिन अधिक मात्रा में या लंबे समय तक बार बार इस प्रक्रिया को अपनाना चिंता या चिड़चिड़ापन का कारण बन सकता है। आप कितना सहन कर सकते हैं यह निर्धारित करने के लिए अपनी प्रतिक्रिया पर नज़र रखें। वहीं दोपहर 2 बजे के बाद कॉफी का सेवन करने से बचें।
यह भी पढ़ें : ये वेट लॉस फ्रेंडली फूल गोभी की पुडिंग कैलोरी और कार्ब्स दोनों में है कम, ट्राय करें आसान रेसिपी
कैफीन का अधिक सेवन करने के बाद लोगों में रबडोमायोलिसिस या मसल्स ब्रेकडाउन का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप अपनी कैफीन की सहनशीलता को लेकर निश्चित नहीं हैं तो अपने कैफीन इंटेक को प्रति दिन 250 मिलीग्राम तक सीमित करें। रबडोमायोलिसिस एक बहुत ही गंभीर स्थिति है जिसमें डैमेज मसल्स फाइबर रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं, जिससे किडनी फेलिअर और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंब्लैडर पर कैफीन में मौजूद कंपाउंड के उत्तेजक प्रभाव के कारण बार-बार पेशाब जाने की स्थिति उत्त्पन हो सकती है। यह उच्च कैफीन के सेवन का एक आम दुष्प्रभाव है। आपने देखा होगा कि जब आप सामान्य से अधिक कॉफी या चाय पीती हैं तो आपको बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता होती है।
अधिक मात्रा में कैफीन के सेवन से कुछ लोगों में हार्ट बीट या हार्ट रिदम बढ़ सकता है। ये प्रभाव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत भिन्न दिखाई देते हैं। यदि कॉफी पीने के बाद आपको ऐसा कुछ महसूस हो रहा है तो अपने कैफीन इंटेक को सिमित करने पर विचार करें।
कैफीन की अधिकता से दिल की धड़कन की लय बदल सकती है, जिसे एट्रियल फ़िब्रिलेशन कहा जाता है, जो उन युवाओं में रिपोर्ट किया गया है जो कैफीन की अत्यधिक मात्रा वाले एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं।
यह भी पढ़ें : क्या वाकई हेल्दी ऑप्शन है चाय या कॉफी में घी मिलाकर पीना?