ज्चार, बाजरा, मक्का ये वो मोटे अनाज हैं, जिन्हें हमने बचपन से खाया है। तब किसी को ग्लूटन इनटॉलरेंस जैसी कोई समस्या होती होगी, याद नहीं पड़ता। खासतौर से बाजरा तो सर्दियों का सुपरफूड रहा है। मां अकसर सर्दियों में बाजरे की खिचड़ी (Bajre ki khichadi) बनाया करती थी। ऐसा नहीं है कि ये सामान्य खिचड़ी की तरह आसान या हल्की थी, बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व वह ताकत दिया करते थे, जिसकी हमें साल भर जरूरत होती है। अब जब दुनिया भर में बाजरे का महत्व समझा जाने लगा है, तो क्यों न इस बार मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) के अवसर पर फिर से इस सुपरफूड की गुडनेस का लाभ उठाया जाए।
भारत सरकार ने 2023 को बाजरे का वर्ष घोषित किया है। ताकि इस सुपरफूड के पोषक तत्वों के बारे में सारी दुनिया जान सके। इसके साथ ही हम भारतीय जो फैंसी और कम हेल्दी ब्रेकफास्ट की ओर दौड़ रहे हैं, वे भी इस लोकल फूड की ताकत को पहचान सकें।
यहां संयुक्त राष्ट्र संघ के उस संकल्प को याद करना जरूरी है, जिसमें वर्ष 2030 तक दुनिया भर से भूख को खत्म करने का आह्वान किया गया है। यूएनओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में कुछ देश जहां ओवर न्यूट्रिएंट अर्थात अति पोषण से ग्रसित हैं, तो कुछ अंडर न्यूट्रिएंट्स से। इसकी वजह है उन महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों को इग्नोर करना है, जो कम मूल्य में ज्यादा पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं। इनमें से बाजरा एक महत्वपूर्ण अनाज है।
इसे यूं ही सुपरफूड नहीं कहा गया है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फोर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन) के मुताबिक बाजरा में कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, डायटरी फाइबर्स, प्रोटीन ओर कई अत्यावश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। जिंक और मैग्नीशियम का भी बाजरा महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स इसे आपकी हार्ट हेल्थ के लिए भी बेहतरीन बनाते हैं। इसलिए इसे हाई एनर्जी और हार्ट हेल्दी फूड भी कहा जाता है।
इतने सारे पोषक तत्वों से भरा बाजरा सर्दियों की डाइट में शामिल करना महत्वपूर्ण है। गर्म तासीर होने के कारण यह आपको अंदर से गर्म रखता है। पर मुझे बाजरे की रोटी से ज्यादा इसकी खिचड़ी पसंद है। सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुजा दिवेकर भी बाजरा की खिचड़ी को खास बताती हैं। असल में भारतीय खानपान की खासियत यह है कि वह न सिर्फ पोषक तत्वों से भरा होता है, बल्कि उसे इस तरह परोसा जाता है, कि जो उसे और संपूर्णता प्रदान करता है।
यही बात बाजरे की खिचड़ी के साथ भी सही बैठती है। बाजरा की खिचड़ी को अमूमन ढेर सारा देसी घी डालकर ताजी छाछ या दूध के साथ परोसा जाता है। इससे इसके हाई फाइबर कंटेंट पेट में भारीपन का अहसास नहीं होने देते। जबकि घी मिलाने के कारण यह कॉन्स्टिपेशन नहीं होने देता।
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बाजरे की खिचड़ी बनाने के लिए सबसे पहले बाजरे को हल्का गीला करके, इसके टिप का हिस्सा कूटकर अलग कर लिया जाता है। हालांकि मां इसे इमाम दस्ते में किया करतीं थीं। पर आजकल न इतना वक्त किसी के पास है और न ही इमाम दस्ते। तो इसे आप मिक्सी में भी तैयार कर सकती हैं।
अगर आप तीखा खाने की शौकीन हैं, तो इसे मसाले एड कर तड़का भी दे सकती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
सबसे पहले बाजरे को साफ करके उसे हल्का सा पानी लगाकर गीला कर लें। थोड़ी देर बाद इसे मिक्सी में 5 से 6 सैकेंड के लिए चला लें। इससे बाजरे का टिप या छिलका टूटकर अलग हो जाएगा।
अब इसे एक गहरी थाली या परात में डालें और फटक लें। फटकने पर छिलका आगे की तरफ आ जाएगा। ताकि आप इसे आसानी से निकाल सकें। इसे दो-तीन बार दोहराएं, ताकि बाजरा अच्छी तरह साफ हो जाए।
अब एक कूकर में लगभग तीन से चार गिलास पानी डालकर उबलने रखें। उबाल आने पर इसमें बाजरा, चने की दाल और चावल, तीनों को अलग-अलग धोकर इस उबलते पानी में डाल दें। इसे यूं ही नहीं छोड़ देना है। यह तली में चिपके न इसके लिए इसे बीच-बीच में चलाती रहें।
कूकर के पानी में जब बाजरा, चने की दाल और चावल में उबाल आने लगे, तब आप प्रेशर कूकर के ढक्कन को बंद कर सकती हैं। इसमें स्वादानुसार नमक मिलाएं और ढक्कन को बंद कर दें। यह अब प्रेशर कुकिंग का समय है। दो से तीन सीटी आने पर कूकर बंद कर दें।
व्यंजनों का स्वाद और पोषण उसके परोसने के अंदाज पर भी निर्भर करता है। इसलिए बाजरे की खिचड़ी को पराेसते समय उसके साथ घी, गुड़, ताज़ी छाछ या दूध के साथ परोसा जाता है। यकीन मानिए यह बाउल में नहीं गहरी थाली में खाने में ज्यादा स्वाद लगती है।
किसी गहरी थाली में बाजरे की खिचड़ी को फैलाकर परोसिए, उसके ऊपर चम्मच भर घी डालिए। साथ में थोड़ा सा गुड़ रखिए और एक छाछ का गिलास। लीजिए आपकी हेल्दी बाजरे की खिचड़ी खाने के लिए तैयार है। इसकी खुशबू आपकी भूख न बढ़ा दे, तो कहिएगा।
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