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गुड़ एक ऐसा खाद्य पदार्थ, जो आपको हर घर की रसोईघर में ज़रूर मिलेगा। बुजुर्गों की खाने की थाली में गुड़ की एक खास जगह होती थी। जिसे वो हमेशा खाने के बाद खाया करते थे। उत्तर भारत (North India) से लेकर दक्षिण भारत तक किसी न किसी प्रकार से व्यंजनों में गुड़ का इस्तेमाल होता आया है। सर्दियों में गुड़ (Jaggery) की खपत और भी बढ़ जाती है। इस लोकप्रिय स्वीटनर को लोग इन दिनों कई फॉर्मस (Forms) में खाने लगे हैं और कई चीजों को मिलाकर बनाने भी लगे हैं। सेहत के लिए लाभाकारी माने जाने वाले गुड़ खुद में कई स्वास्थ्य लाभ (Health benefits of jaggery) समेटे हुए है।
भारतीय घरों में गुड़ का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह मोटापा, अपच, एसिडिटी और कम चयापचय गतिविधि जैसी आधुनिक समस्याओं के खिलाफ एक उपयोगी उपचार के रूप में कार्य करता है। गुड़ के फायदों से लेकर इससे जुड़ी तमाम तरह की जानकारी हम तक पहुंचा रहे हैं, वेदा क्योर के आयुर्वेद एक्सपर्ट विकास चावला।
इस बारे में एक्सपर्ट वेदा क्योर के आयुर्वेद एक्सपर्ट विकास चावला का कहना है साफ गुड़ के नियमित सेवन से कफ दोष का बुरा प्रभाव कम होता है। वहीं, पित्त दोष संतुलित रहता है और हमारी बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने का भी काम करता है। गुड़ में विटामिन और कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जो शरीर को मज़बूती प्रदान करने का काम करते हैं। गुड़ ऊर्जा का एक प्रमुख स्त्रोत है, जो सर्दियों में इसके सेवन से सर्दी जुकाम से राहत मिलती है।
गुड़ खाने से पहले ध्यान रखें कि वो एक साल पुराना होना चाहिए। पोटेशियम, मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर गुड़ शरीर को कई प्रकार के रोगों से दूर रखने में कारगर साबित होता है। गुड़ जितना पुराना होता है। उतना ही अधिक फायदेमंद भी कहलाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक पुराना गुड़ खुद में कई तरह के स्वास्थ्य लाभों को समेटे हुए होता है। पुराने गुड़ का रंग गहरा होता है और स्वाद में हल्का नमकीन पाया जाता है। जो उसके एडलटरेटिड होने की निशानी है। वहीं नया गुड़ कई बार शरीर में सर्दी जुकाम का कारण सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा बैक्टिरियल इफे्क्शन का भी खतरा बना रहता है।
गुड़ को कभी भी आप दूध के साथ न खाएं। दरअसल, दूध और गुड़ की तासीर अलग अलग होती है। जहां गुड़ की तासीर गर्म है, तो वहीं दूध की तासीर ठंडी होती है। जो शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
गुड़ खरीदते समय ध्यान रखें कि उसका रंग गोल्डन ब्राउन की होना चाहिए। अगर आप हल्के रंग का गुड़ खरीद रहे हैं, तो उसे सोडियम और कैल्शियम कार्बोंनेटस होने का खतरा बना रहता है। इससे शरीर को कोई भी फायदा प्राप्त नहीं होता है। अगर आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। तो गुड़ के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह भी ज़रूरी है।
आयरन के गुणों से भरपूर गुड़ को खाने से शरीर में खून की कमी नहीं रहती है।
गुड़ खाने से शरीर में मैग्निशियम की कमी पूरी होती है। 10 ग्राम गुड़ में 16 मिलीग्राम मैग्निशियम पाया जाता है।
गुड़ में पोटेशियम के गुण पाए जाते है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं।
जोड़ों के दर्द में भी गुड़ का सेवन लाभकारी साबित होता है।
गुड़ को एक क्लींजर के रूप में भी जाना जाता है। जो शरीर में ब्लड प्यूरिफाई करने में कारगर साबित होता है।
गुड़ न केवल खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि पाचनतंत्र को मज़बूती प्रदान करता है। कब्ज समेत पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं में छुटकारा भी दिलाता है। गुड़ पाचन एंजाइमों को सक्रिय करके
कब्ज के प्रभाव को शांत करने का काम करता है। गुड़ हमारे रेसपिरेटरी सिस्टम को भी फायदा पहुंचाता है।