सब कुछ आपके मन मुताबिक नहीं हो सकता, विपरीत स्थिति में इन 5 तरीकों से लें समझदारी से निर्णय

कभी-कभी जीवन में ऐसी स्थितियां भी आती हैं, जब आपको सब कुछ अपने खिलाफ लगता है। पर ऐसी स्थिति में धैर्य रखना और समझदारी से निर्णय लेना बहुत जरूरी है।

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इन 5 टिप्स आपकी मैच्योर होने में मदद कर सकती हैं। चित्र : शटरस्टॉक
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हर कोई बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक रूप से मैच्योर हो जाता है। मगर कई लोग मानसिक तौर पर मैच्योर या कहें परिपक्व नहीं हो पाते हैं। उनके सोचने – समझने में वो दृष्टिकोण नहीं आ पाता जिसकी उन्हें ज़रूरत होती है। इसकी वजह से कई लोगों को अपने सामाजिक और पारिवारिक जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, यदि आप मैच्योर नहीं हैं, तो आप प्रोफेशनल लाइफ में भी मात खा जाएंगे।

लोग आपको अपने स्तर का नहीं समझेंगे इसकी वजह से हो सकता है कि वे आपके साथ बात करना न पसंद करें। बचपना होना बुरी बात नहीं है, लेकिन यदि आपको समस्याओं और परिस्थितियों से मैच्योरिटी से निपटने की कला नहीं आती है तो आप मात खा जाएंगे।

तो जानिए कि खुद को मैच्योर कैसे बनाया जा सकता है। कुछ लोगों के अनुभव उन्हें मैच्योर बना देते हैं, लेकिन इन टिप्स की मदद से आप खुद को मैच्योर बना सकते हैं।

दूसरे लोगों की राय का सम्मान करें

अलग-अलग विषयों पर लोगों के अलग-अलग विचार होते हैं। बिना निर्णय के दूसरों के दृष्टिकोण का सम्मान करना इस बात का संकेत है कि आप समझदार हैं। भले ही आप किसी की राय से सहमत न हों, लेकिन उन्हें सुनना ही यह दर्शाता है कि आप मैच्योर हैं और खुले विचारों वाले हैं।

इमोशनली मैच्योर बनें

दूसरों को बुली करना अक्सर असुरक्षा या असुरक्षा की भावना से उभरता है। यह लोगों के लिए दूसरों को डोमिनेट करने का एक तरीका हो सकता है। यदि आप खुद को दूसरों को बुली करता हुआ पाते हैं, तो किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करें, जैसे माता-पिता या स्कूल काउंसलर, और उनसे पूछें कि इस व्यवहार को कैसे रोकें।

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समझदारी का मतलब ये नहीं है कि आप अपने अंदर के बच्चे को भूल जाएं। चित्र-शटरस्टॉक

आत्म-विश्वास का निर्माण करें

एक सफल जीवन कॉन्फिडेंट होना बहुत ज़रूरी है। आप जो करने में सक्षम हैं उसे कभी कम नहीं समझें और खुद से प्यार करना सीखें। आत्मविश्वास हासिल करने का एक शानदार तरीका है कि आप ऐसे काम करें जो आपके कम्फर्ट जोन से बाहर हों।

दूसरों की बात सुनें

अधिकांश लोग बातचीत को एक प्रतिस्पर्धी खेल की तरह मानते हैं, लेकिन यह दृष्टिकोण उस दृष्टिकोण के विपरीत है जिसे आपको लेना चाहिए। सुनना मैच्योरिटी की निशानी है क्योंकि जब आप सुनते हैं, तो आप एक बड़ी समझ विकसित करते हैं।

नकारात्मकता से बचें

नकारात्मकता कई तरह की भावनाएं पैदा करती है जो आपको बढ़ने में मदद नहीं करेगी। मैच्योर और जिम्मेदार लोग आमतौर पर सकारात्मकता के पक्ष में बात करते हैं। सकारात्मकता आपको कठिन परिस्थितियों से निकलने में मदद करेगी और उन बाधाओं को दूर करेगी।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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