साेशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दौर में रिश्ते जितने जल्दी बनते हैं, उतनी ही जल्दी टूट भी जाते हैं। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह बहुत सामान्य हो सकता है। मगर संवेदनशील व्यक्ति के लिए किसी से रिश्ते से अलग होना भावनात्मक संकट के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जिसे हार्ट ब्रेक या दिल का टूटना कहा जाता है। इसका असर आपके पूरे स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। जो रिश्ता टूट चुका है, उसे वापस जोड़ना अगर मुश्किल है, तो सिचुएशन को स्वीकार करके आगे बढ़ना जरूरी है। हालांकि यह स्थिति दर्दनाक हो सकती है। पर इससे निकलने में ये कुछ टिप्स (how to deal with heartbreak) आपकी मदद कर सकते हैं।
बार-बार उनके साथ बिताए गए लम्हों को महसूस कर दुखी हो जाना, रोना और चिंता के कारण डिप्रेशन का शिकार हो जाने जैसी स्थिति गंभीर रूप से आपको प्रभावित कर सकती हैं। इस स्थिति में न केवल आपका मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक रूप से भी आप कमजोर हो जाती हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है की आप हार्टब्रेक से डील करने के लिए तैयार रहें। आज हेल्थ शॉट्स के इस लेख के माध्यम से जानेंगे आखिर किस तरह हार्टब्रेक से बाहर निकलना है।
हेल्थ शॉट्स ने हार्टब्रेक से डील करने के विषय पर जानकारी प्राप्त करने के लिए ऑथर, इमोशनल इंटेलिजेंस, लाइफ कोच शिवम से बातचीत की। तो चलिए जानते हैं इस पर क्या है उनकी राय।
किसी भी बुरी परिस्थिति से बाहर निकलने में थोड़ा वक्त लगता है, ऐसे में जल्दबाजी न करें। यदि आप दुखी हैं तो अपने दुख को खुलकर व्यक्त करें। यदि आपको रोना आ रहा है तो आप रोएं, यदि आप उदास हैं, गुस्से में हैं या अकेलापन महसूस कर रही हैं तो अपने इन भावनाओं को व्यक्त करें।
आपका मन किसी से बात करने का हो रहा है, किसी के सामने रोने का हो रहा है, तो खुलकर अपनी भावनाओं को प्रकट करें। ऐसा करने से आपको बेहतर महसूस होगा। यदि आप अंदर ही अंदर अपनी भावनाओं को नियंत्रित करती रहेंगी तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक रूप से हमला कर सकता है।
जब हम रिलेशनशिप में होते हैं तो कहीं न कहीं हमारे मूड को अपलिफ्ट करने के ज्यादातर विकल्प सामने वाले व्यक्ति से जुड़े होते हैं। इस स्थिति में हार्टब्रेक के बाद खुद को खुश रखने के लिए नए नए विकल्पों की तलाश करनी चाहिए और समझना चाहिए कि हमें किन चीजों में भाग लेकर या किन लोगों से मिलकर बेहतर महसूस होता है।
अपने नए फ्रीडम को खुलकर एंजॉय करें और नए-नए एक्सपेरिमेंट्स करें, जिससे कि आपको पता लग सके कि आप खुद को कैसे खुश रख सकती हैं।
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जब आप हार्टब्रेक से डील कर रही होती हैं, तो इस दौरान खुद पर ध्यान देना भूल जाती हैं। हार्टब्रेक के बाद मानसिक तनाव बढ़ जाता है जिसकी वजह से त्वचा काफी डल हो जाती है। वहीं आप त्वचा एवं बाल संबंधी समस्याओं से परेशान रह सकती हैं। ऐसे में खुद को एक रिफ्रेशिंग पार्लर ट्रिप देना अच्छा रहेगा।
सेल्फ केयर रूटीन को वापस से शुरू करें अपने बाल और त्वचा की देखभाल नियमित देखभाल करें और एक बेहतर स्किन प्राप्त करें। ऐसा करने से आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है जिससे आपको हार्टब्रेक से उभरने में आसानी होगी।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की मानें तो नियमित रूप से 2 घंटे घर के बाहर खुले वातावरण में बिताने से आपका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसलिए यदि आप हार्टब्रेक से गुजर रही हैं तो आपको पूरे दिन खुद को घर में कैद नहीं रखना चाहिए।
बाहर निकले खुले वातावरण में वॉक करें दोस्तों से मिलें। वहीं यदि आपके आसपास नदी झड़ना या फूल के बगीचे हैं, तो वहां जाकर कुछ वक्त बिताएं। इससे आपको तनाव दूर करने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ यह आपको नकारात्मकता को पीछे छोड़ सकारात्मक चीजों की ओर आकर्षित करेगा।
हार्टब्रेक होने पर यदि अकेलापन महसूस होता है तो खुद को अकेला न छोड़ें। आपके जीवन में कई ऐसे सकारात्मक लोग होंगे जिनके साथ आपको बेहतर महसूस होता होगा। जितना हो सके सकारात्मक लोगों से घिरे रहने की कोशिश करें। ऐसे व्यक्ति के साथ वक्त बिताएं जिनके साथ आप खुलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकती हैं।
करीबी दोस्त, परिवार के सदस्य, भाई-बहन या कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसके साथ आपको बेहतर महसूस होता हो। यदि दिन का पूरा वर्क साथ बिताना मुमकिन नहीं है तो कम से कम वक्त निकालकर 2 से 3 घंटा साथ में जरूर बिताएं।
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