scorecardresearch

Vaginal Tears : नॉर्मल डिलीवरी करवा रही हैं, तो जान लें क्या हैं वेजाइनल टियर्स और इससे कैसे बचना है

वेजाइनल बर्थ के दौरान योनि का फटना या वेजाइनल टियरिंग काफी दर्दनाक हो सकती है। इसके कारण न सिर्फ रक्तस्राव अधिक हो सकता है, बल्कि अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए नॉर्मल डिलीवरी से पहले आपको कुछ चीजों के बारे में जान लेना चाहिए।
Published On: 4 Jul 2023, 01:00 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
vaginal tears se ho skta hai dard
वेजाइनल टियरिंग से दर्द, रक्तस्राव और योनि संबंधी अन्य दिक्कतें भी हो सकती हैं। हालांकि हर महिला में इसके लक्षण और गंभीरता अलग-अलग हो सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

हर महिला मां बनने पर बेहद खुश होती है। इस ख़ुशी के साथ बहुत सारी चुनौतियां भी साथ आती हैं। वेजाइनल बर्थ (Vaginal Birth) या योनि से प्रसव को कई मामलों में बढ़िया माना जाता है। पर इसके साथ एक समस्या वेजाइनल टियरिंग या योनि का फटना ( Vaginal tears) भी जुड़ी हुई है। वेजाइनल टियरिंग से दर्द, रक्तस्राव और योनि संबंधी अन्य दिक्कतें भी हो सकती हैं। हालांकि हर महिला में इसके लक्षण और गंभीरता अलग-अलग हो सकते हैं। यहां यह जानना जरूरी है कि क्या इससे बचा जा सकता है? इसके बारे में जानने (( Vaginal tears) के लिए हेल्थ शॉट्स ने अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल (चिराग एन्क्लेव), नई दिल्ली में सीनियर कन्सल्टेंट (प्रसूति एवं स्त्री रोग) डॉ. युवक्षी जुनेजा के साथ बातचीत की।

पहले समझिए क्या है वेजाइनल टियरिंग ( Vaginal tears)

वेजाइनल टियरिंग या पेरिनियल लैकरेशन (Perineal Laceration) तब होती है, जब योनि नलिका के ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। डॉ. जुनेजा कहती हैं, ‘ज्यादातर लोग इसे बच्चे के जन्म से जोड़ते हैं, लेकिन यह सेक्स के दौरान भी हो सकता है। योनि लचीला और लोचदार अंग है। अत्यधिक बल या दबाव के कारण यह अपनी क्षमता से अधिक खिंच सकती है। जिससे योनि की दीवारों में दरारें आ जाती हैं। वेजाइनल टियरिंग की सीमा और गंभीरता विभिन्न कारकों पर निर्भर हो सकती है। बच्चे का आकार, मां की शारीरिक रचना और प्रसव की अवधि भी इसे प्रभावित करते हैं।

फोरसेप डिलीवरी बन सकता है कारण 

हल्के तौर पर योनि का फटना आम है। इसमें आम तौर पर पेरिनियल त्वचा या योनि म्यूकोसा शामिल होता है। आम तौर पर यह किसी विशेष उपचार के बिना अपने आप ठीक हो जाता है। जबकि गंभीर वेजाइनल टियरिंग को दूसरी डिग्री, तीसरी-डिग्री, या चौथी-डिग्री में बांटा जाता है। ऐसा कम होता है।
व्यापक तौर पर टियर या वेजाइनल टियरिंग इंस्ट्रूमेंटल डिलीवरी यानी वैक्यूम और फोरसेप डिलीवरी (instrumental delivery like vacuum and forceps delivery) के साथ देखा जाता है। इसके उपचार को बढ़ावा देने और जटिलताओं को रोकने के लिए प्रसव के बाद अधिक देखभाल और प्रबंधन की जरूरत पड़ती है।

नॉर्मल डिलीवरी के दौरान वेजाइनल टियरिंग से बचाव के उपाय (Prevention of Vaginal Tears) 

प्रसव के दौरान वेजाइनल टियरिंग को पूरी तरह से रोकना हमेशा संभव नहीं हो सकता है। जोखिम को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं।

1. पेरिनियल मसाज (Perineal massage)

डॉ. जुनेजा बताती हैं, ‘इसमें प्रसव से पहले के हफ्तों में वेजाइनल ओपनिंग के आसपास ऊतकों को धीरे से खींचना और मालिश करना शामिल है। इस तकनीक का उद्देश्य ऊतकों के लचीलेपन और लोच को बढ़ाना है। इससे इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है।

2. पेल्विक फ्लोर व्यायाम का अभ्यास (pelvic floor exercises)

पेल्विक फ्लोर व्यायाम पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। मजबूत पेल्विक फ्लोर बच्चे के जन्म के दौरान योनि के ऊतकों को बेहतर समर्थन प्रदान कर सकता है। इससे वेजाइनल टियरिंग की संभावना कम हो जाती है।

pelvic floor exercise
पेल्विक फ्लोर  व्यायाम से वेजाइनल टियरिंग की संभावना कम हो जाती है। चित्र : शटरस्टॉक

3. गर्म सिंकाई (Warm compresses)

प्रसव के दौरान चीर-फाड़ को रोकने में मदद के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। इनमें रक्त प्रवाह बढ़ाने और टिश्यू इलास्टिसिटी बढ़ाने के लिए पेरिनेम पर गर्म सेंक प्रदान करना शामिल हो सकता है

Pollपोल
पुरुषों में महिलाओं को सबसे ज्यादा क्या आकर्षित करता है?

डिलीवरी के बाद जरूरी है योनि की देखभाल (Vaginal Care) 

प्रसव के दौरान वेजाइनल टियरिंग से होने वाली जटिलताओं को रोकने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए योनि की उचित देखभाल करना जरूरी है।

योनि क्षेत्र को गर्म पानी और हल्के और बिना सुगंध वाले साबुन से धोकर स्वच्छता बनाए रखें।

हार्ड केमिकल या योनि को साफ करने से बचें, जो योनि के प्राकृतिक संतुलन को बाधित कर सकते हैं

vagina ka rakhen dhyan
योनि क्षेत्र को गर्म पानी और हल्के और बिना सुगंध वाले साबुन से धोकर स्वच्छता बनाए रखें। चित्र: शटरस्टॉक

पेरिनियल क्षेत्र में आइस पैक या गर्म सेंक लगाने से सूजन को कम करने और राहत देने में मदद मिल सकती है।

कभी-कभी पेरिनियल क्षेत्र को गर्म पानी में भिगोने से दर्द को ठीक करने और राहत देने में मदद मिल सकती है।

यह भी पढ़ें :-आपकी योनि के लिए संक्रमण के जोखिम बढ़ा देता है बरसात का मौसम, एक्सपर्ट दे रहीं हैं वेजाइनल केयर टिप्स

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
टीम हेल्‍थ शॉट्स
टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं।

अगला लेख