योग दिन भर एनर्जेटिक बने रहने में मदद करता है। यह शरीर और प्राण के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह मन और शरीर के बीच संतुलन साधता है। कुछ मुद्राएं हमारे ख़ास अंगों पर ख़ास प्रभाव डालती हैं। योनि मुद्रा महिला प्रजनन अंग या गर्भाशय की सेहत के लिए फायदेमंद बताई जाती है। यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करती है। इस मुद्रा का अभ्यास महिलाओं के लिए एक बेहतरीन व्यायाम माना जाता है। बशर्ते इसे सही तरीके (how to do yoni mudra) से किया जाए। आइये जानते हैं इस ख़ास मुद्रा के बारे में सब कुछ।
यह गर्भाशय के लिए लाभकारी योग है। यह प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करता है और महिला की प्रजनन प्रणाली के कामकाज में सुधार करता है। यह मुद्रा आंतरिक ऊर्जा से जुड़ने में मदद करती है। शरीर और प्राण के बीच सामंजस्य बिठाकर महिलाओं को रीजुवेनेट करने में मदद करता है।
यह मन और शरीर को शांत करता है। यह तनाव मुक्त करने में मदद करता है और अस्थिरता को कम करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर हाई बीपी को नियंत्रित करता है।
पीरियड के दौरान होने वाले क्रैम्प से बचाव कर सकता है। यह पीरियड फ्लो को सुचारू कर सकता है।
सबसे पहले योग मैट पर बैठ जायें। यदि फर्श पर नहीं बैठ पा रही हैं, तो कुर्सी पर बैठ कर भी इसे कर सकती (how to do yoni mudra) हैं।
ध्यान वाले आसन जैसे पद्मासन, वज्रासन या सुखासन में बैठ जायें।
कंधों को ऊपर उठाकर या किसी दीवार के सामने सीधे बैठकर रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
अंगूठे और इन्डेक्स फिंगर के सिरों को जोड़कर गर्भ क्षेत्र (Womb Area) पर एक ट्राएंगल बनाएं। इसमें उंगलियां नीचे की ओर हों। यह नीचे की ओर नमस्ते करने जैसा लग सकता है।
हाथ को इस तरह मोड़ें कि उस पर गर्भ जैसी आकृति बन जाए।
नीचे की ओर ‘ए’ आकार या गर्भ द्वार का निर्माण करने के लिए इंडेक्स फिंगर और दोनों अंगूठों के सिरों को मिलाएं। अन्य तीन उंगलियां छेद के माध्यम से स्पष्ट रूप से दिखाई देंगी।
आंखें बंद कर लें। इसके दौरान प्राणायाम को शामिल कर सकती हैं।
शांति के साथ अपनी सांस पर ध्यान दें। सांस लेने के दौरान पेट, पसलियां (rib cage) और छाती (Chest) पूरी तरह से शामिल हों। हाथों और शरीर की मुद्राओं पर थोड़ी देर तक ध्यान देकर इसका अभ्यास करें।
मन अन्य विचारों की ओर भटक सकता है। धीरे से उसे वापस ध्यान में लाएं। लगातार सांसों पर ध्यान दें।
इस मुद्रा से बाहर आने के लिए मुड़ी हुई उंगलियों को फैलाएं और सीधा करें।
सभी उंगलियों को धीरे से मिलाएं। हाथों को छाती के पास लाकर नमस्ते मुद्रा में आ जाएं।
ओम का उच्चारण करते हुए इस आसन को समाप्त किया जा सकता है।
जुड़े हुए हाथों को छोड़ें और आराम करें।
नोट : योनि मुद्रा का लाभ पाने के लिए सुबह या दिन के समय इस मुद्रा (how to do yoni mudra) का अभ्यास करें। जब तक संभव हो मन शरीर पर केंद्रित रखें।
किसी योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में इस आसन का अभ्यास करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे लोगों को इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए।
किसी भी व्यक्ति को अपनी सुविधानुसार किसी भी समय इन योग आसनों का अभ्यास नहीं करना चाहिए। योनि मुद्रा का अभ्यास सुबह के समय करना चाहिए।
इस आसन को शांत वातावरण (how to do yoni mudra) में करना चाहिए। सेल्फ केयर के लिए यह आसन सभी महिलाओं को जरूर करना चाहिए।
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