फरवरी और मार्च के महीने 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए बहुत ही तनावपूर्ण होते हैं। इस समय उनकी बोर्ड का परिक्षाएं होती हैं, जिसके कारण वे खुद को घरोंं में बंद करके किताबों में खो जाते हैं। इस तनाव के नीचे वो इतना दब जाते हैं कि अपनी परीक्षाओं की तैयारी भी ठीक से नहीं कर पाते। बच्चे इन दिनों परीक्षा को अपने जीवन में सब कुछ समझने लगते हैं। उन्हें लगता है कि इसके आगे उनका जीवन नहीं है। इसलिए परीक्षा का तनाव (Exam stress) उन पर और भी ज्यादा हावी हो जाता है। अगर आपके परिवार में भी कोई इस तरह के तनाव से गुजर रहा है, तो जानिए इससे कैसे उबरना है।
परीक्षा का तनाव छात्रों में एंग्जाइटी और डिप्रेशन का कारण बन सकता है। कभी-कभी बच्चे इसका इतना अधिक तनाव ले लेते हैं, कि वे अपेक्षा से कम परिणाम आने पर अपने आप को नुकसान पहुंचाने से भी नहीं चूकते। छात्रों और उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बढ़ती एंग्जाइटी ने इस बात पर सभी का ध्यान केंद्रित किया है कि तनाव को कैसे कम किया जाए।
कुछ छात्रों के लिए, परीक्षा के दबाव से निपटना असंभव लगता है। जबकि अन्य के लिए यह आसान होता है। यदि आपको परीक्षा के तनाव से निपटना मुश्किल लगता है तो याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तनाव आपको केवल परेशान करेगा और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देने से रोकेगा।
बच्चों में परिक्षा के दौरान तनाव को कैसे कम करना है इसके बारे में पेरेंट कोच सुर्भी ने अपने इंस्टाग्राम पर जानकारी दी है।
परीक्षा शुरू होने से काफी पहले ही पढ़ाई शुरू कर दें। इससे आप हड़बड़ी किए बिना ही अपने स्लेबस को पूरा कर पाएंगे। अपने स्लेबस के आपको छोटे और मैनेजेबल सेशन में बाटना है जिससे आप इसे आसानी से खत्म कर पाएंगे। सभी विषयों के लिए एक स्लॉट बनाएं और ये सुनिश्चित करें कि आप सभी को समान समय दें। अपनी तैयारी को जानने के लिए मॉक टेस्ट, प्रैक्टिस पेपर को सॉल्व करें।
अपनी पढ़ाई और परीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें। अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें और तैयारी प्रक्रिया के दौरान मोटिवेटिड रहें।
अपने मन और शरीर को शांत करने के लिए गहरी सांंस लेने के व्यायाम करें। धीरे और गहरी सांसें लें, अपनी नाक से सांस लें और अपने मुंह से सांस छोड़ें। हर दिन ध्यान लगाने के लिए कुछ समय निकालें। अपने विचारों को बिना किसी नाकारात्मक सोच के आने और जाने दें। योग का अभ्यास तनाव को कम करने और आराम को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अपनी दिनचर्या में योग मुद्राएं शामिल करें, जैसे कि चाइल्ड पोज, सीटिड फॉरवर्ड पोज। प्रत्येक पोज में आगे बढ़ते समय अपनी सांसों पर ध्यान लगाएं, जिससे आप अच्छा महसूस कर सकें।
परीक्षा की तैयारी के दौरान लास्ट समय की एंग्जाइटी को कम करने के लिए व्यवस्थित रहना बहुत जरूरी है। फोकस और उत्पादकता को अधिकतम करने के लिए पढ़ने की सामग्री, नोट्स और संसाधनों को सभाल कर रखें। जब आपकी चीजें ज्यादा अव्यवस्थित रहती है तो आपका ध्यान अधिक भटक सकता है। अच्छी तरह से चीजों को ऑर्गेनाइज करने से आपका समय बचता है, जिससे आप ब्रेक ले सकते है और बर्नआउट से बच सकते है।
किसी भी विषय को रटने की कोशिश न करे, ये आदत छोड़ दें। इसकी जगह आपको एक्टिव लर्निंग करनी चाहिए। नोट्स लेने, दूसरों को सिखाने और खुद के साथ प्रशन उत्तर करने के माध्यम से आप चीजों को बेहतर ढंग से कर सकते है। एक्टिव लर्निंग करने से आप में सोचने और समझने की प्रवृति आती है जिससे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन होता है और विषय वस्तु पर आप कहीं अधिक समझ और महारत हासिल करते है।
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