किसी एक छुट्टी के दिन सुबह बिन बुलाये मेहमान घर आ जाने के कारण मुझे तनाव हो गया। तनाव इसलिए नहीं हुआ कि अतिथि की आवभगत किस तरह की जाए। तनाव इसलिए हुआ, क्योंकि घर पूरी तरह अव्यवस्थित था। किचन से लेकर बेड रूम तक सामान फैले हुए थे। उस दिन मुझे ऑफिस का भी एक छोटा-सा काम निपटाना था। इतनी सामान्य सी समस्या होने के बावजूद माथे पर चिंता की लकीरें उभर गईं। मुझे यह सोच कर घबराहट (Anxiety) होने लगी कि अतिथि की आवभगत के साथ-साथ घर और ऑफिस को काम को किस तरह निपटाया जाए। यह समस्या किसी भी महिला के साथ हो सकती है। मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि सामान्य-सी दिखने वाली समस्याएं भी एंग्जाइटी का कारण (common issues can cause anxiety) बन सकती हैं। कुछ उपाय इसे दूर कर सकते हैं।
सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. ईशा सिंह कहती हैं, ‘ यदि आपका घर अव्यवस्थित है और आपको कई काम पूरे करने हैं, तो यह एक तरह का दवाब बनाता है। इसके कारण बिना काम किये हुए भी थकान और उदास होने का अनुभव हो सकता है। यह पूरी तरह से मूड और कोर्टिसोल के डेली पैटर्न को प्रभावित कर देता है। इसके कारण कोर्टिसोल का स्तर अधिक हो जाता है। फिर तनाव, चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी जैसी नकारात्मक भावनाओं का जन्म होने लगता है। कोई बड़ी घटना या छोटी तनावपूर्ण जीवन स्थितियां भी एंग्जाइटी को जन्म दे सकती हैं। परिवार में मृत्यु, काम का तनाव या आर्थिक चिंता भी एंग्जायटी का कारण बन सकती है। यह सच है कि कुछ लोगों में दूसरों की तुलना में एंग्जायटी डिसऑर्डर का खतरा अधिक होता है।
अगर कॉमन इशुज की वजह से एंग्जाइटी हो गई है, तो सामान्य से लगने वाले काम भी आपकी घबराहट को दूर कर सकते हैं। यदि आपके साथ भी इस तरह की समस्या है, तो ये 5 उपाय आपकी मदद कर सकते हैं।
कुछ शोध बताते हैं कि सफाई से मानसिक स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। यदि दिमाग दोहराव वाली गतिविधि में संलग्न होता है, तो यह शांत हो पाता है। यह व्यक्ति के मूड में सुधार करता है और संतुष्टि भी देता है। ऑफिस में आप जिस जगह पर बैठ कर काम करती हैं, उस स्थान की धूल झाड़ने की कोशिश करें। घर में बिखरे पड़े सामन को व्यवस्थित करने से तनावमुक्त होने में मदद मिल सकती है। इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार, साफ-सुथरा घर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है।
जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड हयूमन बिहेवियर बताता है कि कोरोना पेंडेमिक के समय अवसाद से लड़ने में अपने काम खुद करना कारगर साबित हुआ। यहां तक कि बर्तन धोने से भी व्यक्ति कि एंग्जाइटी कम हुई। दरअसल, बर्तन धोते समय व्यक्ति को सचेत (consciousness) रहना पड़ता है, ताकि बर्तन में गंदगी न छूट जाए। कंशस रहने पर हार्मोन में संतुलन आ पाता है। एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन मस्तिष्क में ब्लड फ्लो में योगदान करते हैं, जो मेमोरी लॉस और डिमेंशिया से भी बचाव करते हैं।
यदि आप सामान्य कारणों से एंग्जाइटी की शिकार हो गई हैं, तो अपने बेड रूम की सफाई कर लें। साफ चादर बिछा लें। कमरे की सफाई कर लें और सामान को व्यवस्थित कर लें। साफ़-सुथरा बिस्तर अच्छी नींद दिलाता है और एंग्जाइटी दूर होता है।
किसी भी तरह की फिजिकल एक्सटिविटी जैसे कि सफाई से थकान भी कम महसूस हो सकती है और एकाग्रता में भी सुधार हो सकता है। दरअसल, किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी इसमें फायदेमंद है। फिजिकल एक्टिविटी समस्या से ध्यान हटा देती है। इससे तनाव और
एंग्जाइटी को कम करने में मदद मिलती है।
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