Janmashtami 2023 : जन्माष्टमी के दही हांडी आयोजन देते हैं सफल जीवन के लिए ये 4 सबक

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दही हांडी का भी आयोजन किया जाता है। श्री कृष्ण इसके माध्यम से तनाव मुक्त जीवन जीने और सामजिक संवाद बनाये रखने की सीख देते हैं। इस सीख से मन खुशहाल हो सकता है और जीवन में सफलता भी मिल सकती है।
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समाज में रहने वाले लोगों से संवाद स्थापित होता है। कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि सामजिक संवाद मेंटल हेल्थ की कई प्रॉब्लम को दूर रखते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 17 Oct 2023, 05:07 pm IST
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कर्मयोगी बनने की सीख देने वाली किताब भगवद-गीता (Bhagwadgeeta) के रचयिता हैं श्री कृष्ण (Shree Krishna)। अपना लक्ष्य पाने के लिए उन्होंने स्वयं जीवन भर संघर्ष किया। संघर्ष के बावजूद कभी वे तनाव ग्रस्त नहीं हुए। उन्होंने अपने तनाव को दूर भगाने के लिए दही हांडी और लोगों को साथ लेकर चलने की युक्ति अपनाई। इस युक्ति में श्री कृष्ण के छिपे संदेश को जानने से आप और आपके परिवार जन भी तनाव मुक्त रह सकते हैं। अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो सकते हैं। श्री कृष्ण के इसी संदेश को जीवंत करने के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shree Krishna Janmashtami ) के अवसर पर दही हांडी का आयोजन किया जाता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shree Krishna Janmashtami 7 September 2023)

पारंपरिक रूप से श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को मनाया जाता है। मंदिर-घर की साफ़-सफाई के अलावा पत्तों और फूलों से सजाया भी जाता है। श्री कृष्ण को माखन चोर और कान्हा भी कहा जाता है। बाल कान्हा को दही और मक्खन विशेष रूप से प्रिय हैं। वे दूसरों के घरों में छुपकर मक्खन खाने के लिए जाते हैं। इस क्रम में उनसे मटकी या हांडी फूट भी जाती है। उनकी इस बाल सुलभ लीला को याद करने के लिए लोग समूह में हंसते-गाते हुए दही या माखन की हांडी या मटकी फोड़ने (Dahi Handi) का आयोजन करते हैं। इसलिए यह त्योहार (Shree Krishna Janmashtami) समाज के साथ संवाद स्थापित करने और तनाव मुक्त जीवन जीने की सीख देता है।

समाज में संवाद की कमी बन रही है अवसाद का कारण (Depression causes)

नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे (2015-16) के अनुसार भारत में हर 20 में से 1 वयस्क डिप्रेशन का शिकार है। वहीं इंडियन जर्नल ऑफ़ सायकिएट्री (Indian Journal Of Psychiatry) के अनुसार, भारत में अवसाद के मामले (Causes of depression) इसलिए बढ़ रहे हैं, क्योंकि लोगों ने सामाजिक स्तर पर मिलना-जुलना छोड़ दिया। पास-पड़ोस और समाज के लोगों से संवाद करना छोड़ दिया। महानगरों में तो स्थिति भयावह है। व्यस्त जीवनशैली के कारण लोग अपने पड़ोस के लोगों को पहचानते तक नहीं हैं, बातचीत करना तो दूर की बात है।

जन्माष्टमी और दही हांडी के आयोजन देते हैं जीवन के लिए ये 4 सबक (Shree Krishna Janmashtami dahi handi 4 lessons)

1 सामाजिक संवाद बढ़ायें (social communication)

जन्माष्टमी का त्योहार अकेले नहीं मनाया जा सकता है। यह त्योहार दही-हांडी (Dahi Handi) के बाद ही संपन्न माना जाता है। इसके लिए दही की हांडी को बहुत ऊपर बांधा जाता है। फिर 50-100 की संख्या में लोग पिरामिड आकार की रचना कर हांडी को फोड़ने की कोशिश करते हैं। इस सामजिक परंपरा का निर्वाह बिना आपस में बोले-बतियाये नहीं हो सकता। इससे समाज में रहने वाले लोगों से संवाद स्थापित होता है। कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि सामजिक संवाद मेंटल हेल्थ की कई प्रॉब्लम को दूर रखते हैं।

2 मित्रता है मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी (friendship for mental health)

दही हांडी (Dahi Handi) में बिना किसी भेदभाव के लोग शामिल होते हैं। उस समय न कोई छोटा होता है और न बड़ा। न कोई बॉस और न कोई एम्प्लोई। सभी एक दूसरे से घुलमिल जाते हैं। लोगों के बीच इतनी मित्रता स्थापित हो जाती है कि लोग अपनी परेशानियां भूल जाते हैं और गले मिल जाते हैं। श्री कृष्ण ने भी हमेशा इसी बात का अनुसरण किया।

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ने किसी ख़ास दिन ही नहीं तनाव दूर भगाने के लिए लंबे समय के लिए मित्रता जरूरी है। चित्र :अडोबी स्टॉक

सुदामा के साथ उनका रिश्ता इसका आदर्श उदाहरण है। राजा होने के बावजूद गरीब सुदामा से उतना ही स्नेह करते हैं, जितना छात्र जीवन में उन्होंने सुदामा से प्रेम किया था। वे अपने दोस्तों के लिए अपमान भी सह जाते हैं। दही हांडी के जरिये श्री कृष्ण यह सन्देश देना चाहते हैं कि किसी ख़ास दिन ही नहीं तनाव दूर भगाने के लिए लंबे समय के लिए मित्रता जरूरी है।

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3 संतुलन और धैर्य है सफलता का मंत्र (Patience and balance)

श्री कृष्ण के अनुसार, किसी भी प्रकार की चिंता, क्रोध असफलता का मुख्य कारण है। इनके कारण हमारे द्वारा लिया गया निर्णय भी सही नहीं हो पाता है। अगर हम तनाव मुक्त होकर काम करें, तो सफलता मिलनी तय है। हम सभी ने देखा होगा कि दही हांडी के समय यदि कोई प्रतियोगी थोड़ी सी भी जल्दबाजी या एंग्जाइटी दिखाता है, वह हांडी फोड़ने में विफल हो जाता है। वह धड़ाम से नीचे गिर जाता है

वहीं जो प्रतियोगी तनाव मुक्त और स्थिरचित्त होकर कोशिश करता है, तो वह हांडी फोड़ने में सफल हो जाता है। हमें भी सफल प्रोफेशनल लाइफ (successful professional life) के लिए ऐसा ही करना चाहिए

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अगर हम तनाव मुक्त होकर काम करें, तो सफलता मिलनी तय है। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 चुनौतियों की गणना करें (Calculate your challenges)

दही हांडी के समय प्रतियोगी यह देखते हैं कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वे इस बात का सटीक अनुमान लगाते हैं कि किस दिशा की तरफ से ऊपर की ओर बढ़ने से सफलता मिल सकती है। इसके आधार पर हमें यह संदेश मिलता है कि लक्ष्य की ओर बढ़ने से पहले चुनौतियों की गणना कितनी जरूरी है।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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