सामान्य तौर पर लोगों के जीभ गुलाबी रंग के होते हैं। गुलाबी रंग दर्शाता है कि आपकी जीभ पूरी तरह से स्वस्थ है। पर कई लोगों की जीभ समय के साथ पीली पड़ने लगती है, जिसे कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। ये आमतौर पर एक खराब ओरल हाइजीन का संकेत है। कुछ लोगों के जीभ के ऊपर की परत पीली (yellow tongue) पड़ जाती है, तो कुछ लोगों में पीले पीले छोटे धब्बे नजर आना शुरू हो जाते हैं। हालांकि, आमतौर पर लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, परंतु असल में हमें इन्हें नजरअंदाज करने से बचना चाहिए। क्योंकि यह कई स्थितियों के संकेत होते हैं, जो हमारे लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं। इसलिए सभी को इस विषय पर उचित जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है।
हमारी जीभ की उपरी परत पपिल्लाए (papillae) नाम के फूड रिसेप्टर से कवर होती है। ये छोटे-छोटे बंप की तरह नजर आते हैं। ऐसे में खाना खाने के बाद खाद्य पदार्थ इनमें फस जाते हैं और जीभ पर जमा हो जाते हैं। जिसकी वजह से जीभ गांधी और पीली नजर आती है, वहीं इससे सांसों की बदबू भी बढ़ती है, इसलिए इन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ थॉट्स ने इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर तुषार
तायल से बात की। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर अधिक विस्तार से।
स्मोकिंग
तंबाकू चबाना
ओरल हाइजीन के प्रति ध्यान न देना
डिहाईड्रेशन
नकली दांत लगाना
नियमित रूप से शराब का अधिक सेवन
अत्यधिक चाय और कॉफी पीने से
जौंडिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा जीभ और आंखें पीली पड़ जाती हैं। इस स्थिति में आपके लीवर में सूजन आ जाता है, और वे सही रूप से कार्य नहीं कर पाती। जिसकी वजह से जीभ के अंदरूनी हिस्सों में पीलापन आ जाता है। ऐसे में जौंडिस ठीक होने के बाद यह पीलापन खुद-ब-खुद कम हो जाता है।
कुछ प्रकार की मेडिसिंस जैसे कि एंटीमलेरियल ड्रग, ओरल कांट्रेसेप्टिव और एचआईवी ड्रग्स की वजह से जीभ के रंग में बदलाव देखने को मिल सकता है। खासकर यह पीली पड़ जाती हैं।
सलाइवा के प्रोडक्शन में कमी आने से ड्राई माउथ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में मुंह के अंदर बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है, जो साइड इफेक्ट के रूप में जीभ पर पीले रंग के पैचेज छोड़ देते है। डायबिटीज, रेडिएशन और कीमोथेरेपी माउथ ड्राइनेस का कारण बन सकती है।
ओरल थ्रस कैंडिडा ईस्ट द्वारा फैलाए जाने वाला एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है। इस स्थिति में जीभ और मुंह के अन्य हिस्सों में ऑफ व्हाइट और पीले रंग के पैचेज नजर आना शुरू हो जाते हैं। साथ ही दर्द और कसाव महसूस होता है और किसी भी खाद्य पदार्थ का टेस्ट महसूस नहीं होता। इस स्थिति को ट्रीट करने में एंटीफंगल मेडिसिन आपकी मदद कर सकती हैं।
जीभ के पीलेपन को दूर करने और इससे बचाव का एक सबसे अच्छा तरीका है, प्रॉपर ओरल हाइजीन मेंटेन करना। अपने दांत को दिन में कम से कम दो-दो मिनट के लिए दो बार जरूर ब्रश करें। इसके अलावा दिन में एक बार फ्लॉस का इस्तेमाल करें। यही नहीं आपको अपने जीव को भी साफ करना है, जिसके लिए टंग स्क्रैपर और सॉफ्ट ब्रिस्टल टूथब्रश का इस्तेमाल करें। इससे दांतों पर जमे बैक्टीरिया और अन्य कीटाणु बाहर निकल आते हैं। साथ ही जीभ पर जमा खाना भी साफ हो जाता है, जिससे कि जीभ की प्राकृतिक रंगत बरकरार रहती है।
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जीभ का पीलापन कम करने का सबसे अच्छा तरीका है स्मोकिंग छोड़ देना। यदि आप स्मोकिंग नहीं करती हैं, तो बहुत अच्छी बात है परंतु यदि स्मोकिंग करती है और आपके जीभ पीले पड़ रहे हैं, तो आपको इसे छोड़ देना चाहिए। ऐसा करना न केवल आपके जीभ से पीलापन कम करता है, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगा। इसपर विचार जरूर करें।
उचित मात्रा में फाइबर युक्त आहार लेने से सलाइवा के प्रोडक्शन को स्टिम्युलेट करने में मदद मिलती है, जो आपके जीव को साफ और मॉयस्ट रखते हैं। साथ ही माउथ ड्राइनेस की स्थिति उत्पन्न नहीं होती और जीभ की रंगत में किसी प्रकार का बदलाव नहीं आता। दिन में कम से कम 25 से 35 ग्राम तक फाइबर लेने का प्रयास करें। अपनी डाइट में आवश्यकता अनुसार फल, सब्जियां, अनाज और दाल को शामिल करने से फाइबर की मात्रा को पूरा करने में मदद मिलेगी।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। ये आपके मुंह में जमे हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती हैं। इस प्रकार आपका ओरल हाइजीन मेंटेन रहता है और जीभ पीले नहीं पड़ते। पांच भाग पानी में एक भाग हाइड्रोजन पेरोक्साइड डालें और इसे अपने पूरे मुंह में 30 सेकंड तक अच्छी तरह घुमाएं और फिर बाहर निकाल दे। नियमित रूप से इसे एक बार जरूर दोहराएं।
नोट: यदि आपकी इस कंडीशन के पीछे किसी तरह की मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार है, तो इसके लिए आपको सबसे पहले उन कंडीशंस को लेकर डॉक्टर की उचित सलाह और ट्रीटमेंट लेने की आवश्यकता होती है। ट्रीटमेंट लेने से जैसे ही आपकी प्रॉब्लम ठीक होती है वैसे ही जीभ का पीलापन भी कम हो जाता है।
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