गर्मी बढ़ने के साथ बढ़ते जा रहे हैं फूड पॉइजनिंग के मामले, जानिए क्या हैं इसके कारण और इससे निपटने के उपाय

फ़ूड पॉइज़निंग एक पाचन तंत्र में होने वाली जलन या संक्रमण है, जो किसी खाद्य या पेय पदार्थ के सेवन से होता है। यह आमतौर पर वायरस, पैरासाइट्स या बैक्टीरिया से दूषित खाद्य या पेय पदार्थों के कारण होता है। हालांकि, कई बार हानिकारक रसायन भी फ़ूड पॉइज़निंग का कारण बन सकते हैं।
food poisoning ke karan
मौसम में बढ़ने वाली उमस और तापमान में आने वाला बदलाव वातावरण में बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ा देता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 5 May 2024, 12:30 pm IST
  • 124

फूड पॉइजन (Food Poisoning) की समस्या गर्मियों में अधिक बूढ़ जाती है। इस मौसम में खाने की सड़ने की समस्या भी बहुत अधिक होने लगती है। फूड कंटैमिनेशन की समस्या भी इस मौसम में काफी अधिक बढ़ जाती है। गर्मियों के मौसम में बाहर का तला हुआ खाना शरीर के अंदर और अधिक गर्मी बढ़ा देता है जिसके कारण फूड पॉइजन की समस्या और अधिक बढ़ जाता है।

फूड पॉइजनिंग की समस्या खाद्य जनित बीमारी या फूड पॉइजन के साथ, आपके शरीर में एक बाहरी जीव या विष प्रवेश करता है। आप ऐसे लक्षणों का अनुभव करना शुरू करते हैं जो या तो हानिकारक रोगाणु से आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली की सीधी जलन या आपके शरीर द्वारा इसे बाहर निकालने की अपनी प्रतिक्रिया के कारण होते हैं।

क्या है फ़ूड पॉइज़निंग (What is Food Poisoning) 

हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार फ़ूड पॉइज़निंग एक पाचन तंत्र में होने वाली जलन या संक्रमण है, जो किसी खाद्य या पेय पदार्थ के सेवन से होता है। यह आमतौर पर वायरस, पैरासाइट्स या बैक्टीरिया से दूषित खाद्य या पेय पदार्थों के कारण होता है। हालांकि, कई बार हानिकारक रसायन भी फ़ूड पॉइज़निंग का कारण बन सकते हैं।

kyun or kaise hota hai food contamination
खराब हाथ की स्वच्छता से हाथों से भोजन में बैक्टीरिया का स्थानांतरण हो सकता है।

आम तौर पर, फ़ूड पॉइज़निंग के लक्षण तेजी से विकसित होते हैं और अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो जाते हैं, और अधिकांश व्यक्ति बिना किसी चिकित्सा के ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, फ़ूड पॉइज़निंग लंबे समय तक बनी रह सकती है या कुछ व्यक्तियों के लिए गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है।

खाद्य विषाक्तता यानी फूड पॉइजनिंग के लक्षण और कारण (Sign of Food Poisoning)

बेचैनी– पेट में दर्द होना और ऐसा महसूस होना कि आपको उल्टी हो सकती है।

उल्टी– आपने जे खाया है उसको बाहर निकलाने के लिए आपको उल्टी करने का मन हो सकता है।

दस्त– बार-बार, पानी जैसा मल त्याग होता है। इसमें आपको बार बार मल त्यागने की जरूरत हो सकती है।

पेट में दर्द और ऐंठन– आपके पेट में तेज या हल्का दर्द हो सकता है।

बुखार– शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जो अक्सर बैक्टीरिया के कारण होने वाले फूड पॉइजनिंग के साथ होता है।

कमजोरी और थकान– थका हुआ और सुस्त महसूस कर सकते है, जिसकी वजह से आपको कई काम करने में परेशानी हो सकती है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

भूख न लगना– भूख न लगना या खाने की इच्छा कम होना।

फूड पॉइजनिंग को कैसे ठीक करें (How to treat Food Poisoning)

हाइड्रेटेड रहें

उल्टी और दस्त से तरल पदार्थ की कमी के कारण डिहाइड्रेशन फ़ूड पॉइज़निंग की एक आम जटिलता है। बहुत सारा पानी, इलेक्ट्रोलाइट घोल या स्पोर्ट्स ड्रिंक पीकर खोए हुए तरल पदार्थों की पूरा करने की कोशिश करें। पूरे दिन धीरे-धीरे और बार-बार तरल पदार्थ पीने से डिहाइड्रेशन को रोकने और रिकवरी को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।

food Adulteration se kaise bachain
फ़ूड पॉइजनिंग के कारण पेट में ऐंठन, दस्त, जी मिचलाना, उल्टी करना आदि हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

आराम करें

भरपूर आराम करके अपने शरीर को आराम करने और ठीक होने दें। ज़ोरदार गतिविधियों से बचें और ऊर्जा बचाने और उपचार प्रक्रिया में सहायता के लिए आराम करने पर ध्यान दें। झपकी लेना और पर्याप्त नींद लेना आपके शरीर को संक्रमण से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद कर सकता है।

BRAT आहार का पालन करें

फ़ूड पॉइज़निंग से उबरने के शुरुआती चरणों के दौरान, BRAT आहार के रूप में जाना जाने वाला एक हल्का आहार लेने की सलाह दी जाती है, जिसका मतलब है केला, चावल, सेब का रस और टोस्ट। ये खाद्य पदार्थ पेट के लिए हल्के होते हैं और पचाने में आसान होते हैं, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी मार्ग में और अधिक जलन को कम करते हुए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

प्रोबायोटिक्स का सेवन करें

प्रोबायोटिक्स गुड बैक्टीरिया होते हैं जो गट के माइक्रोबायोटा में संतुलित करने और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। दही, केफिर, सौकरकूट या किमची जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स लेने से फ़ूड पॉइज़निंग के लक्षणों को कम करने और ठीक होने की प्रक्रिया में सहायता मिल सकती है।

ये भी पढ़े- पोषण की कमी भी बन सकती है मूड स्विंग का कारण, जानिए इस समस्या से कैसे उबरना है

  • 124
लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख