कोविड और वैश्विक छंटनी के बाद युवाओं में बढ़े हैं जॉब सर्च डिप्रेशन के मामले, जानिए इससे कैसे डील करना है

जॉब सर्च डिप्रेशन लंबे समय तक नौकरी की तलाश और असफलता के कारण पैदा होने वाली भावनात्मक निराशा है। इससे आप तनाव का शिकार हो सकते हैं। दुनिया भर में युवाओं में यह समस्या आम होती जा रही है।
job search depression kya hai
जॉब सर्च डिप्रेशन, जिसे जॉब सर्च बर्नआउट या जॉब सर्च-संबंधित तनाव के रूप में भी जाना जाता है, चित्र : शटरस्टॉक
संध्या सिंह Updated: 11 Oct 2023, 10:55 am IST
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जिस तरह देश में बेरोजगारी का आलम है उसे हम सब आए दिन देखते है। इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है कि सरकारी नौकरी की एक वकैंसी निकलती है और उसमें 1 लाख से ज्याद लोग आवेदन करते हैं। इसके कारण न जाने कितने लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो रहे है। ये भी एक कारण है जिसकी वजह से हमारा देश वर्ल्ड हैप्पीनेस इंंडेक्स में 136 देशों में से 126 वे नंबर पर आता है। ये बात आज हम इसलिए कर रहें है, क्योंकि आज मेंटल हेल्थ डे (Mental health day 2023) है और जॉब सर्च डिप्रेशन (Job search depression) आज बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। जानिए इस समस्या से कैसे डील (How to deal with job search depression) करना है।

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (world mental health day)

दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले लोगों के समर्थन में प्रयास करने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। 2013 से हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के लिए एक वैश्विक अभियान आयोजित करता है। वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (डब्ल्यूएफएमएच) ने वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 2022 के लिए थीम की घोषणा की, जो ‘सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य को वैश्विक प्राथमिकता बनाने’ की थी।

Depression ko dur kar sakte hain
समझें कि नौकरी खोजना एक चुनौतीपूर्ण और समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

क्या होता है जॉब सर्च डिप्रेशन (job search depression)

जॉब सर्च डिप्रेशन, जिसे जॉब सर्च बर्नआउट या जॉब सर्च-संबंधित तनाव के रूप में भी जाना जाता है, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तनाव को संदर्भित करता है जो नौकरी की तलाश करते समय लगने वाले समय से आ सकता है। यह उन व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है जो सक्रिय रूप से रोजगार की तलाश कर रहे हैं और कुछ मामलों में निराशा, हताशा, चिंता और यहां तक कि ​​अवसाद की भावनाओं की विशेषता हो सकती है।

इस बारे में ज्यादा जानकारी दी सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव ने। डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बतात है कि यह भावनात्मक स्थिति कठिन हो सकती है और अक्सर निराशा, आत्म-संदेह की भावनाओं के साथ होती है, खासकर कई साक्षात्कारों और अस्वीकृति ईमेल के बाद।

जॉब सर्च डिप्रेशन से कैसे बचें (How to deal with job search depression)

1 सच्ची अपेक्षाएं निर्धारित करें

समझें कि नौकरी खोजना एक चुनौतीपूर्ण और समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है। समयसीमा और परिणामों के लिए यथार्थवादी अपेक्षाएं निर्धारित करें, और पहचानें कि अस्वीकृति प्रक्रिया का एक सामान्य हिस्सा है।

2 एक दिनचर्या बनाए रखें

दैनिक या साप्ताहिक दिनचर्या पर कायम रहें जिसमें नौकरी खोजने, नेटवर्किंग और सेल्फ केयर एक्टिविटी के लिए समय शामिल हो। एक अच्छी और निर्धारित दिनचर्या उद्देश्य और नियंत्रण की भावना बनाए रखने में मदद कर सकती है।

3 प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करें

हम में से कई लोग किसी बड़ी को पाने को ही उपल्बधि मानते है लेकिन आपको अपने लिए छोटे छोटे लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और उसकी ही खुशी मनानी चाहिए। अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाएं, चाहे वह एक निश्चित संख्या में आवेदन भेजना हो या नए कनेक्शन बनाना हो।

4 खुद को व्यवस्थित रखें

अपने एप्लिकेशन, फ़ॉलो-अप और नेटवर्किंग प्रयासों पर नज़र रखने के लिए स्प्रेडशीट, कैलेंडर या नौकरी का तलाश करने वाले ऐप्स जैसे टूल का उपयोग करें। संगठित रहने से तनाव कम हो सकता है और आपकी कार्यक्षमता बढ़ सकती है।

depression se jang aapko behtar aur mazboot banati hai
जितना संभव हो, नौकरी ढूंढने की प्रक्रिया के दौरान अपने प्रति दयालु और समझदार बनने का प्रयास करें। चित्र:शटरस्टॉक

5 खुद के प्रति करुणा का भाव रखें

जितना संभव हो, नौकरी ढूंढने की प्रक्रिया के दौरान अपने प्रति दयालु और समझदार बनने का प्रयास करें। खुद की आलोचना या नकारात्मक चर्चा को सीमित करें। अपने आप को याद दिलाएं कि असफलताएं और अस्वीकृति आम हैं और ये आपके मूल्य या क्षमताओं को परिभाषित नहीं करते हैं।

6 नए स्किल सीखें

जब आप नौकरी ढूंढ रहें हो तो उस समय का उपयोग नए कौशल या सर्टिफिकेट प्राप्त करने पर विचार करें जो आपकी योग्यता को बढ़ा सकते हैं। इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ सकता है और आप अधिक प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार बन सकते हैं।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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