दिनभर दो कदम यहां से वहां मीलों तय कर लेते हैं। ऐसे में पैरों में दर्द का होना सामान्य है। कई बार टाइट या ज्यादा हील वाले फुटवियर्स भी दर्द का कारण साबित होते हैं। वहीं कई बार देर तक पैर लटकाकर बैठने या जमीन पर बैठने से भी टांगों और पैरों में स्टिफलेस (stiffness) बढ़ने लगती है। पैरों में दर्द की समस्या का अंत करने के लिए इन आसान उपायों को अपनाएं। जानते हैं वो टिप्स जिनकी मदद से आपको मिल सकती है पैरों के दर्द से राहत (sore feet remedies) ।
पैरों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए सरसों के तेल में लहसुन की कलियों को कुछ देर पकाएं और फिर उस तेल को पैरों के तलवों से लेकर एड़ियों तक मसाज (massage) करें। इससे पैरों में होने वाली सिहरन व दर्द से राहत मिलने लगती है। पैर की उंगलियों के मध्य भी तेल ज़रूर लगाएं। इससे पैरों का रूखापन दूर होता है और क्रैक्स की समस्या भी हल हो जाती है।
सिलेंडर की बनावट वाले फुट रोलर्स को पैरों के तलवों पर रगड़े। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) नियमित होने लगता है। साथ ही दर्द भी दूर हो जाता है। देर तक एक पोज़िशन में बैठने से पैरों में ऐंठन बढ़ने लगती है। इस समस्या से निपटने के लिए फुट रोलर्स का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। 2 से 3 मिनट तक इन्हें पैरों पर चलाएं। दिन में दो बार फुट रोलर्स का इस्तेमाल करें।
पैरों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए आइसपैक (ice pack) का प्रयोग भी कारगर साबित होता है। पैरों पर आइसपैक को कुछ देर के लिए लगाकर रखें। इसके अलावा रूमाल में बर्फ लपेटकर भी आप पैरों पर रगड़ सकते हैं। इससे पैरों का ठण्डक और दर्द से राहत मिलती है।
शरीर को मज़बूत बनाए रखने के लिए कुछ वक्त एक्सरसाइज़ के लिए अवश्य निकालें। आप वॉकिंग, रनिंग, स्विमिंग और मॉडरेट एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। इससे पैर समेत शरीर के अन्य अंगों में आने वाली ऐंठन से बचा जा सकता है। इससे आपके शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है, जो आपको फिट रहने में मददगार साबित होता है। रोज़ाना कुछ देर एक्सरसाइज़ करने से शरीर के बाकी अंगों के अलावा खासतौर से पैरों को मज़बूती मिलती है।
दिनभर इधर से उधर दौड़ने वाले पैरों को कुछ वक्त आराम देना भी ज़रूरी है। इसके लिए आधा बकेट पानी में एप्सम सॉल्ट डालकर पैरों को उसमें डिप कर लें। 10 से 15 मिनट तक पैरों को उसमें डालकर रखें। ध्यान रखें कि पानी हल्का गुनगुना हो। इससे पैरों में होने वाले दर्द से राहत मिलने लगती है। इसके अलावा धीरे धीरे आराम मिलने लगता है।
शरीर का वज़न अगर लगातार बढ़ रहा है, तो ये भी पैरों में दर्द और सूजन का कारण बन सकता है। दरअसल, शरीर का वज़न घुटनों पर पड़ता है, जिससे जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में पैरों के दर्द को दूर करने के लिए वज़न पर नियंत्रण रखना ज़रूरी है।
पैरों का दर्द किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। खासतौर से वे लोग जो डायबिटीज़ के शिकार है। उन लोगों के पैरों में दर्द की शिकायत रहती है। दरअसल, हड्डियों में कमज़ोरी के चलते दर्द की समस्या धीरे धीरे बढ़ने लगती है। इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना भी इसका कारण साबित हो सकता है।
क्रानिक ऑस्टियोआर्थराइटिस से भी पीड़ित लोग पैरों में दर्द की शिकायत करते हैं। ऐसे में रूटीन चेकअप के अलावा पैरों में होने वाले दर्द का तुरंत उपचार करवाना चाहिए। इससे शरीर में होने वाली समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। दरअसल, जोड़ों में होने वाले दर्द का प्रभाव पैरों और एड़ियों पर भी नज़र आने लगता है। ऐसे में डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
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