लहसुन एक बेहद खास सुपरफूड है जिसमें कई आवश्यक कंपाउंड्स मौजूद होते हैं। इन कंपाउंड्स का प्रभाव शरीर पर बेहद सकारात्मक माना जाता है और यह स्वास्थ्य संबंधी तमाम समस्याओं का एक उपचार हो सकते हैं। लहसुन का इस्तेमाल चिकित्सीय रूप से भी किया जाता है और मेडिकल स्टोर पर आपको गार्लिक सप्लीमेंट्स भी आसानी से मिल जाएंगे। हालांकि, जब आपके पास सीधे लहसुन को कंज्यूम करने का विकल्प उपलब्ध है तो सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल क्यों करना।
मेरी दादी सालों से खुद को स्वस्थ रखने के लिए लहसुन की कच्ची कलियां खाती आ रही हैं और वे आज भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। तो मैंने सोचा क्यों न इस पर अधिक शोध किया जाए। रिसर्च करने पर लहसुन के कई स्वास्थ्य लाभ सामने आए। इसी को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं लहसुन के कुछ खास स्वास्थ्य लाभ। साथ ही जानेंगे इसे डाइट में शामिल करने का सही तरीका (best way to add garlic in diet)।
हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन हृदय संबंधी समस्याओं का एक सबसे बड़ा कारण है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2020 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार लहसुन में ब्लड प्रेशर को कम करने का प्रभाव पाया गया। लहसुन की कलियों का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करता है।
शरीर में बढ़ता बेड कोलेस्ट्रोल का स्तर हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देता है, साथ ही यह कई अन्य परेशानियों का भी कारण बन सकता है। ऐसे में लहसुन का सेवन शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है, परंतु इन्हें सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। हालांकि, गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर इसका कोई भी प्रभाव सामने नहीं आया है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार लहसुन का सेवन इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है वहीं जुकाम जैसे संक्रमण से बचाव के लिए एक मजबूत इम्यूनिटी बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा लहसुन में पाए जाने वाले कंपाउंड में एंटीवायरल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो सर्दी जुकाम फैलाने वाले वायरस के प्रभाव को शरीर पर सीमित कर देते हैं। जिसकी वजह से शरीर के संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है।
फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाले ऑक्सीडेटिव डैमेज शरीर में एजिंग प्रोसेस को बढ़ावा देते हैं, जिसमें अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी मानसिक स्थितियां भी शामिल हैं। ऐसे में लहसुन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर में होने वाले ऑक्सीडेटिव डैमेज के प्रभाव को कम कर देती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की माने तो एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। जिससे कि अल्जाइमर की समस्या नहीं होती। अल्जाइमर डिमेंशिया का एक सबसे आम प्रकार है।
लहसुन में मौजूद सल्फर कंपाउंड बॉडी ऑर्गन्स को हैवी मेटल टाक्सीसिटी सेआ होने वाले डैमेज से प्रोटेक्ट करता है। इसके साथ ही लहसुन में एलिसिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जो ब्लड और ऑर्गन्स में लीड के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
लहसुन की एक बड़ी कली को छोटे-छोटे टुकड़ों में चौप कर लें और इसमें शहद की 5 से 6 बूंद मिलाएं। अब दोनों को एक साथ अच्छी तरह चबाकर खाएं। उसके बाद आप चाहे तो दो से तीन घूंट गुनगुना पानी पी सकती हैं।
1 कप पानी लें उसे गैस पर उबलने के लिए चढ़ा दें। अब लहसुन की 2 से 3 कलियों को मसल लें और पानी में डाल दें। फिर पानी को 3 से 4 मिनट तक उबलने दें। गैस से उतारे और पानी को छननी से छानकर कप में निकाल लें। इसमें 5 से 6 बूंद नींबू का रस और 1/2 चम्मच शहद मिलाएं और इसे एन्जॉय करें।
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कस्टमाइज़ करेंसबसे पहले लहसुन की कलियों को पानी में भिगोए उसके बाद इसके छिलके उतार ले। अब लहसुन को एक बाउल में निकाल लें फिर इसमें राई, मेथी दाना, सौंफ, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, हींग, नींबू का रस, सरसों का तेल और स्वाद अनुसार नमक डालें। सभी को एक साथ मिला लें और इसे एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें। नियमित रूप से इन्हें चपाती और चावल के साथ खाएं।
लहसुन के उचित फायदों के लिए आप लहसुन के तेल को डाइट में शामिल कर सकती हैं। लहसुन के तेल को कुकिंग के लिए इस्तेमाल करें, साथ ही साथ सलाद के ड्रेसिंग और अपनी सब्जी में फ्लेवर ऐड करने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। साथ ही साथ ब्रेड टोस्ट आदि पर भी गार्लिक ऑयल लगा सकती हैं।
गर्लिक ऑयल को घर पर तैयार करने के लिए 1 कप ऑलिव ऑयल या एवोकाडो ऑयल जैसे कुकिंग ऑयल को सॉसपैन में गैस पर चढ़ा दें। अब इसमें लहसुन की क्रश की हुई 10 से 12 कलियां डालें और इन्हें साथ में लगभग 10 मिनट तक पकाएं। तेल को छानकर अलग करने और हेर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें। रेफ्रिजरेटर में स्टोर करने पर आप इसे लगभग दो हफ्ते तक इस्तेमाल कर सकती हैं।
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