जैसे जैसे तापमान में बढ़ोतरी होती है, शरीर में भी उसी प्रकार के परिवर्तन आने लगते है। गर्मी बढ़ने जहां अधिकतर लोगों को लो एपिटाइट, निर्जलीकरण और सन बर्न का सामना करना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार के हीट हैडेक यानि गर्मी के कारण सिरदर्द की समस्या से दो चार होना पड़ता है। इसके चलते व्यक्ति के सिर में दर्द बढ़ जाता है और वो थका हुआ महसूस करने लगता है। जानते हैं गर्मी के कारण बढ़ने वाले सिरदर्द का कारण और उससे बचने के उपाय भी।
नेशनल मेडिकल जर्नल ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में तापमान 40 से 43 डिग्री तक बना रहता है, जिससे हीट हैडेक का सामना करना पड़ता है। गर्मी के कारण बढ़ने वाली सिरदर्द की समस्या के दौरान व्यक्ति को चक्कर आना, जी मचलाना, मसल क्रैंप्स और बार बार प्यास लगने की संभावना बढ़ जाती है। हीट एक्सपोज़र और नॉइज़ एक्सपोज़र सिरदर्द की समस्या को बढ़ा देते हैं।
गर्मी के मौसम में ज्यादा समय तक किसी भी कार्य के लिए बाहर रहना शरीर में डिहाइड्रेशन का कारण साबित होता है। इससे शरीर में मिनरल्स की कमी बढ़ने लगती है। बॉडी टिशूज के अलावा ब्रेन में भी फ्लूइड कम होने लगता है। इसके चलते मस्तिष्क के टिशूज श्रिंक होने लगते हैं और दर्द शुरू होने लगता है। पानी का नियमित मात्रा में सेवन करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंसिंग में मदद मिलती है। इससे सिरदर्द की समस्या भी हल होने लगती है।
एनआईएच के अनुसार सन की डायरेक्ट लाइट में कुछ देर तक खेलने या घूमने से सिरदर्द की शिकायत का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को फोटोफोबिया भी कहा जाता है। ऐसे में व्यक्ति असुविधा महसूस करने लगता है। इस न्यूरोलॉजिकलडिसऑर्डर में आंख और ब्रेन प्रभावित होने लगते हैं। दरअसल, रोशनी को माइंड तक पहुंचाने वाला आंख का हिस्सा आंख से देखने वाले हिस्से से अलग होता है। इसके चलते ब्लाइंड लोग भी फोटोफोबिया से ग्रस्त हो जाते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार सिरोटोनिन शरीर में तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करता है। मगर गर्मी के चलते शरीर में सिरोटोनिन के स्तर में गिरावट आने से ब्लड वेसल्स प्रभावित होती है, जिससे सिरदर्द की समस्या बढ़ने लगती है। दरअसल, सिरोटोनिन का लेवल कम होने से ब्लड वेसल्स थिन होने लगती हैं, जिससे दर्द बढ़ना है।
एयर प्रेशर लेवल को बैरोमीटर प्रेशर कहा जाता है। इसके चलते गर्मी के मौसम में लू के थपेड़े बैरोमीटर प्रेशर में बदलाव लेकर आते हैं। इसके चलते एयर प्रेशर कम हो जाता है, जो सिरदर्द की समस्या का कारण साबित होता है। हवा का दबाव उचित रहने से शरीर भी स्वस्थ बना रहता है।
शरीर को सिरदर्द और निर्जलीकरण से बचाने के लिए पानी उचित मात्रा में पीएं। इससे शरीर में वॉटर बैलेंस मेंटेन रहता है, जिससे शरीर एक्टिव और एनर्जी से भरपूर बना रहता है। पानी के अलावा हेल्दी पेय पदार्थों को भी मील में शामिल करें।
वे लोग जो आउटडोर एक्टीविटी के लिए धूप में निकलते हैं, उन्हें इसे इनडोर से रिप्लेस कर लेना चाहिए। इससे शरीर सनएक्सपोज़र से बचा रहता है, जो सिरदर्द से राहत दिलाने के साथ त्वचा के लिए भी आवश्यक है।
बार बार आने वाले पसीने और लू से बचने के लिए हल्के और ब्रीथएबल कपड़ों को ही पहनें। इससे गर्मी से बचने में मदद मिलेगी। साथ ही पसीना आना, एलर्जी होना और सिरदर्द की समस्या भी नहीं सताएगी।
देर तक काम करने के बाद कुछ पल आराम के लिए निकालें। इसमें पंखे, कूलर और एसी से कमरे के तापमान को उचित बनाए, जिससे शरीर में बढ़ने वाली गर्मी को कम किया जा सकता है। धेप में निकलने से पहले सिर को ढ़ककर बाहर जाएं। इसके लिए टोपी और स्कार्फ ओढ़ें।
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