थकान और चक्कर आना हो सकते हैं डिहाइड्रेशन के संकेत, बदलते मौसम के साथ अपनाएं ये 7 अच्छी आदतें

गर्म मौसम में अक्सर बड़ी तादाद में लोग चक्कर और उल्टी आने की समस्या का सामना करते हैं। लो ब्लड प्रेशर, निर्जलीकरण या एनीमिया भी चक्कर आना या थकान को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे लोगों को कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए।
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लो ब्लड प्रेशर, निर्जलीकरण या एनीमिया भी चक्कर आना या थकान को ट्रिगर कर सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 22 Mar 2024, 09:30 am IST
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क्या आपको भी ऐसा लगता है कि धरती आपके आसपास गोल गोल चक्कर लगा रही है, तो ज़रा ठहरिए। क्यों की आप ऐसे अकेले शख्स नहीं हैं, जो इस समस्या का सामना कर रहे हैं। अक्सर बड़ी तादाद में लोग चक्कर आने की समस्या का सामना करते हैं और उन्हें उल्टी की समस्या से भी दो चार होना पड़ता है। दरअसल, चक्कर आना कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है। आमतौर पर ये लो ब्लड प्रेशर, मोशन सिकनेस, ओवर हीटिंग, एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर और निर्जलीकरण की समसया को दर्शाते हैं। वे लोग जो चक्कर आने की समस्या का सामना करते हैं, उन्हें कुछ बातों का ख्याल रखने की खास ज़रूरत है (how to overcome Dizziness)।

जानते हैं चक्कर आने के कारण

कान संबधी समस्याएं जैसे वेस्टिबुलर डिसऑर्डर या मेनिएयर रोग शरीर के संतुलन को बाधित कर देते हैं।

लो ब्लड प्रेशर, निर्जलीकरण या एनीमिया भी चक्कर आना या थकान को ट्रिगर कर सकता है।

माइग्रेन या एंग्जाइटी जैसी स्थितियांं में भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा कई रोगों की दवाएं भी कारण साबित होने लगती हैं।

न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे कि मल्टीपल स्केलेरोसिस या स्ट्रोक मेंटल हेल्थ का प्रभावित करते हैं।

इसके अलावा नींद की कमी, तनाव और अनहेल्दी डाइट डिज़ीनेस को बढ़ाने का काम करती है।

Dizziness kaise badh jaati hai
नींद की कमी, तनाव और अनहेल्दी डाइट डिज़ीनेस को बढ़ाने का काम करती है। चित्र : शटरस्टॉक

इस समस्या से बचने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें

1. हाइड्रेटेड रहें

शरीर में पानी की कमी के चलते निर्जलीकरण का खतरा बना रहता है। वे लोग जो डिहाइड्रेशन का शिकार होते हैं, उन्हें चक्कर आने की समस्या का सा मना करना पड़ता है। इस बारे में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ मधुकर भारद्वाज कहते हैं कि दिनभर में पानी की नियमित मात्रा लें। इससे गर्म मौसम में शरीर को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे शरीर में एनर्जी भी पर्याप्त मात्रा में रहती है। साथ ही अत्यधिक कैफीन और अल्कोहल इनटेक से बचें।

2. हेल्दी डाइट लें

शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए आहार में अनियमितताओं से बचे। मील्स में कार्ब्स, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और कैल्शियम की उचित मात्रा होने से चक्कर आने की समस्या को हल किया जा सकता है। इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने के लिए साबुत अनाज, नट्स और फ्रूटस को आहार में शामिल करें।

Healthy diet kyu hai jaruri
मील्स में कार्ब्स, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और कैल्शियम की उचित मात्रा होने से चक्कर आने की समस्या को हल किया जा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. तनाव के स्तर को करें कम

अचानक से बढ़ने वाला तनाव और एंग्जाइटी बार बार चक्कर आने का कारण साबित होते हैं। ऐसे में शरीर को रिलैक्स रखने के लिए डीप ब्रीदिंग, मेडिटेशन और योग मुद्राओं का अभ्यास करें। इसके अलावा सेल्फ केयर के लिए पसंदीदा एक्टीविटीज़ को चुनें, जिससे मेंटन हेल्थ बूस्ट होने लगती है।

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4. नियमित एक्सरसाइज़ करें

मांसपेशियों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इससे शरीर का संतुलन बना रहता है। साथ ही मसल्स हेल्दी रहते हैं और उनमें लचीलापन बना रहता है। डॉ भारद्वाज के अनुसार अपने रूटीन में वॉकिंग, स्वीमिंग, साइकलिंग और स्ट्रेचिंग का शामिल करें। इसकी शुरूआत धीरे.धीरे करें और फिर तीव्रता को बढ़ाएं। इससे व्यक्ति की फिटनेस के स्तर में सुधार आने लगता है।

5. शरीर को ठण्डक प्रदान करें

गर्मी की शुरूआत के साथ शरीर के तापमान में भी परिवर्तन आने लगता है। इसके लिए पंखों और एअरकंडीशनर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा सूरज की किरणों से शरीर को प्रोटेक्ट करने के लिए ब्रीथएबल व कॉटन के कपड़े पहनें। इसके अलावा स्कार्फ और छाता भी अपने साथ कैरी करें।

Chakkar aane ki samasya ka kaise saamna karein
गर्मी की शुरूआत के साथ शरीर के तापमान में भी परिवर्तन आने लगता है। इसके लिए पंखों और एअरकंडीशनर का इस्तेमाल करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

6. ट्रिगर्स की करें पहचान

बार बार चक्कर आने की समस्या से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखे। शोर, सुगंध और तेज़ रोशनी जैसी चीजों को अवॉइड करें। इन ट्रिगर्स की पहचान करके चक्कर आने की समस्या से बचा जा सकता है।

7. सही पोश्चर अपनाएं

शरीर का खराब पोश्चर ब्लड सर्कुलेशन की समस्या को बढ़ा सकता है। इसके चलते गर्दन और पीठ में तनाव की समस्या का जोखिम बढ़ने लगता है। लंबे वक्त तक काम करते समय अपने बॉडी पोश्चर को सही बनाए रखें और समय समय पर ब्रेक लें। इससे शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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