फ़र्ज़ कीजिए की आप कहीं बैठे या लेटे हुए है, फिर आप अचानक उठते है और आपका सिर घूम जाता है यानी आपको चक्कर आ जाता है। अगर आपको पहले भी इसी तरह की कोई समस्या हुई है, तो आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद सतर्क होने की आवश्यकता है। अचानक सिर दर्द, चक्कर आने जैसे लक्षणों का कारण ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन हो सकता है।
ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन एक प्रकार का निम्न रक्तचाप की अवस्था होती है, जो आमतौर पर बैठने, लेटने और उठने के बाद होती है। जिसके कारण व्यक्ति को अचानक से चक्कर आने की शिकायत होती है।
ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के बारे में और गहन जानकारी लेने के लिए हेल्थशॉट्स ने बेंगलुरु स्थित मणिपाल हॉस्पिटल के कंसल्टेंट वैस्कुलर सर्जन डॉ. वेंकटेश रेड्डी से संपर्क किया। डॉ. रेड्डी ने बताया कि ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन, जिसे पॉस्च्युरल हाइपोटेंशन के रूप में भी जाना जाता है, एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें जब कोई व्यक्ति बैठने या लेटने के बाद खड़े होने की स्थिति में आता है, तो उसके ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट आती हैं। ब्लड प्रेशर में गिरावट आने से चक्कर आना और बेहोशी होने जैसे लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं।
डॉ. रेड्डी के अनुसार ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन इसलिए होता है क्योंकि जब आप खड़े होते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण आपके शरीर के निचले छोरों में रक्त जमा हो जाता है, जिससे मस्तिष्क में खून का प्रवाह अस्थायी रूप से कम हो जाता है।
ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के तमाम कारणों के बारे में बताते हुए डॉ. रेड्डी ने कुछ पॉइंट्स सामने रखें हैं। उनके अनुसार ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के यह प्रमुख कारण है:
1 डीहाइड्रेशन: शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थ की कमी से शरीर के ब्लड लेवल में गिरावट आती है, जिसके कारण शरीर में होने वाले ब्लड फ्लो पर प्रभाव पड़ता है और उसी के कारण ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन की स्थिति पैदा होती है।
2 दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि कुछ एंटीहाइपरटेन्सिव, मूत्रवर्धक और एंटीडिप्रेसेंट, ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन का कारण बन सकती हैं या बढ़ा सकती हैं।
3 उम्र भी हो सकती है जिम्मेदार: ब्लड वेसल्स में आने वाले बदलावों और नर्वस सिस्टम के कमर होने के कारण बुज़ुर्गों में ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन की स्थिति देखने को मिलती है।
4 न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर: पार्किंसंस रोग, मल्टीपल सिस्टम एट्रोफी और ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी जैसी स्थितियां रक्तचाप को नियंत्रित करने की क्षमता को बाधित करती हैं, जिसके कारण व्यक्ति में ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन की स्थिति पैदा होती है।
5 लंबे समय तक बिस्तर पर आराम: लंबे समय तक बिस्तर पर पड़े रहने से खड़े रहने पर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में बनाए रखने की क्षमता कमजोर होती है, जिसके कारण चक्कर आना और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंडॉ. रेड्डी बताते है कि आमतौर पर इस बीमारी का मुख्य इलाज़ डॉक्टर से परामर्श करके ही संभव ही पायेगा। इसलिए यदि आपको गंभीर रूप की समस्या हो रही है तो डॉक्टर को अवश्य दिखाई। वहीं, अपनी जीवनशैली को में थोड़ा बदलाव करके आपको इस समस्या से थोड़ा आराम मिल सकता है।
1 ऊपर उठते समय सावधानी बरतें: यह सबसे महत्वपूर्ण है कि जब व्यक्ति बिस्तर से उठता है तो वह धीरे-धीरे खड़ा हो, जिससे शरीर में ब्लड प्रेशर की स्थिति जल्दी से न बदले और आपको आसपास की स्थितियों को समझने का मौका मिले।
2 योग और व्यायाम: आम तौर पर योग और व्यायाम करने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
3 मसालों का सेवन कम करें: आजकल होने वाली कई समस्याओं का मुख्य कारण आहार से संबंधित ही होता है। इसलिए आपकी आहार में ज्यादा मसालेदार खाने से आपको ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है और आपको चक्कर और बेहोशी हो सकती है।
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