देर तक हील्स पहनकर थिरकने और चलते चलते पैरों में असंतुलन के चलते पांव में मोच आ जाना एक आम समस्या है। हांलाकि इससे चलने फिरने और उठने बैठने में दिक्कत का अनुभव होने लगता है। डे टू डे लाइफ की इन समस्याओं से डील करने के लिए दवाओ और उपचार का सहारा लेना बेहद ज़रूरी है। अगर आप भी पैर मुड़ने और मोच आने की समस्या से परेशान हैं, तो जान लें कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं (Sprained ankle aka ankle twist)।
पैर में सूजन का अनुभव होने लगना
चलने फिरने में दिक्कत का होना
स्किन पर रैडनेस नज़र आती है
मांसपेशियों में दर्द महसूस होना
साइकोपीडिया के अनुसार मोच पैर की उस स्थिति को कहा जाता है, जिसमें अचानक पैर मुड़ने से लिगामेंट, टिशूज़ और मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होने लगती है। इस बारे में सीरियर कंसलटेंटए ऑर्थोपेडिक्स, डॉ नरेश अग्रवाल का कहना है कि कि पैर मे मोच आने पर उसका ख्याल रखना ज़रूरी है। चलते चलते ठोकर लगने या अचानक गिर जाने से मोच का जोखिम बढ़ जाता है। मोच आने पर आपको राइस थेरेपी को अपनाना चाहिए।
मोच आने के बाद कुछ देर के लिए पैर पर वज़न न डालें और चलने फिरने का प्रयास न करें। कुछ देर के लिए अवश्य रेस्ट करें और पैर को उपर की ओर टिका कर रखें।
पैर में मोच आने पर उस पर बर्फ की सिकाई करें। इससे पैर की मांसपेशियों को राहत प्राप्त होती है। इसके अलावा पैर में होने वाली सूजन से भी मुक्ति मिलने लगती है।
इसके लिए मोच वाले हिस्से पर पट्टी अवश्य बाधें। पट्टी बांधने से पैरों के दर्द से राहत मिल जाती है।
यदि आपके पैर में मोच आइ है, तो पैर को उंचा उठाकर रखें। इससे पैर में सूजन और दर्द कम होती है।
एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर लौंग का तेल चोटिल अंग को राहत दिलाने में मदद करता है। पैर में तेल की मालिश करने की जगह हल्के हाथों से तेल को पैरों पर लगाएं। उसके उपर कोइ्र्र कपड़ा बांध दें। इससे पैर को राहत मिलती है। इसके लिए दिन में दो बार तेल को पैर पर लगाएं। मगर मसाज करने से बचें।
संक्रमणों और सूजन को दूर करने में मददगार हल्दी हड्डियों को मज़बूती प्रदान करती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन तत्व मोच से होने वाले दर्द और ऐंठन से राहत दिलाता है। रात को सोने से पहले दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पीना शरीर के लिए फायदेमंद रहता है। इसका सेवन करने से शरीर डिटॉक्स हो जाता है।
3 से 4 चम्मच एप्सम साल्ट को आधा बाल्टी पानी में डालकर पैर को कुछ देर के लिए पानी में भिगोकर रखें। इससे पैर में होने वाले दर्द को राहत मिल जाती है। साथ ही ऐंठन भी दूर होने लगती है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम पैर में होने वाली सिहरन को दूर करता है। इससे आपको आराम महसूस होने लगता है।
इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अनिल बंसल का कहना है कि पैर में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए चूने का इस्तेमाल भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला केल्शियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट हड्डियों के लिए फायेदमंद रहता है। अगर आपको बार बार दर्द सता रहा है, तो चूने में पानी और एक चुटकी हल्दी मिलाकर उसका लेप मोच वाली जगह पर लगा लें। उसे 1 घण्टा लगा रहने दें।
अगर आपके पैर में मोच आई है, तो कुछ देर आराम करें। पैर को मोड़ने, चलने फिरने और मसाज करने से बचना चाहिए। मसाज करने से टिशू ब्रेक हो जाते हैं। इससे आराम नहीं मिल जाता ह।
पैर में मोच आने पर कुछ दिन के लिए एक्सरसाइज़ करने से बचें। इससे पैर में दर्द बढ़ सकता है। इसके अलावा सूजन की समस्या भी बढ़ने लगती है। आप चाहें, तो बैठकर आसान योगासन कर सकते हैं।
सामान्य दिनों के समान एंकल टिवस्ट होने पर बिना जुराबें पहने न चलें। इससे पैर का बैलेंस बिगड़ने का खतरा बना रहता है।
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