Uncertainty : जिंदगी में कुछ चीजें निश्चित नहीं होती, अनिश्चितता से तालमेल बैठाने में मददगार होंगे ये 5 उपाय

प्रोफेशनल लाइफ हो या पर्सनल, अनिश्चितता का माहौल कहीं भी हो सकता है। असुरक्षा के इस भाव से हर कोई बचना चाहता है। अनिश्चितता के भाव के साथ तालमेल बिठाने के लिए 5 उपाय किये जा सकते हैं।
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वर्तमान स्थिति का विरोध करने से हमें उबरने, सीखने, बढ़ने या बेहतर महसूस करने में मदद नहीं मिल सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 2 Mar 2024, 06:30 pm IST
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हमारे चारों ओर अनिश्चितता का माहौल है। करियर हो या घर, आगे क्या होगा यह अनिश्चित है। फिर भी हम सुरक्षा चाहते हैं। हम सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं। भय और अनिश्चितता दूर कर तनाव खत्म करना चाहते हैं। हमारे लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस भाव से त्रस्त हम अकेले नहीं हैं। हममें से कई लोग एक ही नाव में हैं। हम कितना भी निराश महसूस करें, ऐसे कुछ उपाय हैं जो अनिश्चितता की चिंता को कम करने और आत्मविश्वास जगाने में मदद कर सकते (cope with uncertainty) हैं।

सीखना होगा अनिश्चितता से निपटना (cope with uncertainty)

ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ साईंकियेट्री के अनुसार, हम इसे स्वीकार करना नहीं चाहेंगे, लेकिन अनिश्चितता जीवन का स्वाभाविक हिस्सा है। हमारा कई चीजों पर नियंत्रण है, पर हम अपने साथ होने वाली हर चीज को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। हमने देखा कि कोरोनोवायरस महामारी के कारण जीवन बहुत तेज़ी से और बहुत अप्रत्याशित रूप से बदला। एक दिन चीजें ठीक हो सकती हैं, अगले दिन हम अचानक बीमार पड़ सकते हैं या नौकरी खोने का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमें अनसर्टेनिटी या अनिश्चितता से लड़ना सीखना होगा।

यहां हैं 5 उपाय जो अनिश्चितता से लड़ने में मदद कर सकते हैं (5 ways to cope with uncertainty)

1. विरोध नहीं करें (Don’t resist to cope with uncertainty)

ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ साईंकियेट्री के अनुसार, इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम किसी चुनौतीपूर्ण समय से गुजर सकते हैं। लेकिन वर्तमान स्थिति का विरोध करने से हमें उबरने, सीखने, बढ़ने या बेहतर महसूस करने में मदद नहीं मिल सकती है। प्रतिरोध महसूस किये जाने वाले चुनौतीपूर्ण भावनाओं को बढ़ाकर दर्द और कठिनाई को बढ़ा देता है। विरोध करने की बजाय हम स्वीकृति का अभ्यास कर सकते हैं।

स्वीकृति हमें वर्तमान क्षण में स्थिति की वास्तविकता को देखने की अनुमति देती है। यह हमें अनिश्चितता, भय या पंगु बने रहने की बजाय आगे बढ़ने के लिए मुक्त करती है। स्थिति स्वीकार करने से आगे बढ़ने के कई उपाय नज़र आ सकते हैं।

2. खुद को दें मजबूती (Self strength to cope with uncertainty)

जर्नल ऑफ़ मेन्टल हेल्थ के अनुसार, हम अपने शरीर, दिमाग या आत्मा पर कम ध्यान देते हैं। जबकि यहां पर हमें सबसे ज्यादा निवेश करना चाहिए। जब हम थके हुए होते हैं, तो हमें पर्याप्त नींद और आराम चाहिए। ख़ुशी के लिए मौज-मस्ती और खेल में समय बिताने की जरूरत पड़ती है। ठीक इसी तरह किसी विषम परिस्थिति के कारण अनिश्चितता का भाव सामने आये, तो सबसे पहले खुद को मजबूत करना चाहिए। खुद पर ध्यान देना चाहिए। सेल्फ केयर स्वार्थी होना नहीं है, बल्कि इसमें दूसरों की भलाई छिपी है। खुद मजबूत रहने पर ही हम दूसरों के लिए काम कर सकते हैं।

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सबसे पहले खुद को मजबूत करना चाहिए। चित्र: शटरस्टॉक

3. हेल्दी तरीके से आराम करें (rest in a healthy way to cope with uncertainty)

जर्नल ऑफ़ मेन्टल हेल्थ के अनुसार, जब हम अनिश्चित या असुरक्षित महसूस करते हैं, तो हमारा मस्तिष्क हमारे डोपामाइन सिस्टम को सक्रिय करके हमें बचाने की कोशिश करता है। यह डोपामाइन हमें खुश रहने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसका मतलब साफ़ है कि मस्तिष्क भी रिलैक्स होना चाहता है। आराम करने के लिए आप कोई भी काम जो आपको खुशी देती हो, कर सकती हैं। मनपसंद भोजन, रुचि का खेल या रुचि का कोई क्रिएटिव वर्क भी मस्तिष्क को आराम दे सकता है। इसके लिए जंक फ़ूड या वाइन की तरफ जाना नेगेटिव इफेक्ट दे सकता है।

4. पॉजिटिव सोचें (think positive to cope with uncertainty)

अनिश्चितता तनाव देता है। तनाव कम करने की सबसे जरूरी टिप्स है, जो कुछ भी आप नेगेटिव सोचें, उस पर विश्वास न करें। अनिश्चित समय में उन विचारों पर विश्वास न करें, जो सबसे खराब स्थिति का एहसास दिलाते हैं।
सबसे खराब स्थिति पर विचार करना हमारे लिए मददगार हो सकता है, ताकि हम जोखिमों का आकलन कर सकें और सक्रिय रूप से उससे निपटने का उपाय कर सकें।

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नेगेटिव की बजाय हमेशा पॉजिटिव सोचें। चित्र : अडोबी स्टॉक

जब हम तनावपूर्ण विचारों पर विश्वास करते हैं, तो हम भावनात्मक रूप से खुद को बहुत कमजोर पाते हैं। हम उन चीज़ों के लिए भी परेशान हो जाते हैं, जिन्हें हमने वास्तव में खोया नहीं है। उन घटनाओं पर हम प्रतिक्रिया करते हैं, जो वास्तव में घटित नहीं हो रही हैं। इससे हमें डर और असुरक्षा महसूस होता है। इसलिए नेगेटिव की बजाय हमेशा पॉजिटिव सोचें।

5. अपनी सांसों पर ध्यान लाएं (bring your attention to your breathing)

अनिश्चितता का विपरीत निश्चितता नहीं है। किसी डरावने और अज्ञात भविष्य की कल्पना करने की बजाय हम अपना ध्यान अपनी सांसों पर ला सकती हैं। इसके माध्यम से हम स्वयं की जांच कर सकते हैं। साथ ही रोजमर्रा के किसी भी काम को करते समय खुद पर ध्यान दे सकती हैं। हर बार जब हम अपने हाथ धोते हैं, तो हम खुद से पूछ सकते हैं कि आप इस समय कैसी हैं? इससे मन में बढ़िया भाव आते हैं। खुद से खुद का हालचाल लेने पर अनिश्चितता के माहौल से बाहर निकलने में मदद मिल सकती है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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