इन दिनों शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन तेजी से बढ़ा है। इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी एक निश्चित अवधि तक कैलोरी को कंट्रोल करने के लिए फास्ट रखना। इससे व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक ऊर्जा बढ़ सकती है। बीमारी से लड़ने में मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली मददगार हो सकती है। फास्टिंग से हमारी एनर्जी भी प्रभावित होती है। जिस अवधि में हम कुछ नहीं खा रहे होते, तब हम लो फील कर सकते हैं। कुछ उपाय अपनाकर इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खुद को एनर्जेटिक बनाया (how to avoid weakness during intermittent fasting) जा सकता है।
फास्ट रखने पर हमारा मन कहता है कि कहीं न कहीं कि हम भूखे हैं। इससे शरीर में भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन का स्तर बढ़ सकता है। तृप्ति की भावना पैदा करने वाला लेप्टिन हार्मोन का स्तर कम हो सकता है। यही वजह है कि लो एनर्जी फील हो सकती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब खुद को भूखा रखना नहीं होता है। एक दिन में उतनी ही कैलोरी खाई जा सकती है, जितनी ली जा सकती है। इसमें जरूरी बात यह है कि कम समय में कैलोरी का उपभोग कर लिया जाता है। इससे शरीर को लगातार पचाने से आराम मिल जाता है। इससे वास्तव में उपयोग की जाने वाली कैलोरी का उपयोग करने का मौका मिल जाता है।
हम उन्हें वसा के रूप में संग्रहीत करने की बजाय ऊर्जा के लिए उपभोग कर लेते हैं। यह तब होता है जब हम पूरे दिन और सोते समय तक खाते हैं। इसलिए इस उपवास के दौरान खुद को एनर्जेटिक बनाये रखने के लिए कुछ विशेष बातों पर ध्यान देना होता है।
सोशल मीडिया, स्ट्रीमिंग सेवा, पॉडकास्ट और ईमेल के निरंतर आवा-जाही के फायदे तो बहुत अधिक हैं, लेकिन इससे नींद में खलल पड़ सकती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में बहुत अधिक जरूरी है कि नींद पूरी की जा सके। नींद की कमी के कारण लो फील हो सकता है। ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए नींद को प्राथमिकता देना बहुत जरूरी (how to avoid weakness during intermittent fasting) है। इसलिए साउंड स्लीप के लिए कोशिश करें ।
ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए हाइड्रेशन जरूरी है। शरीर में 1-2% पानी की कमी या डीहाइड्रेशन से मानसिक और शारीरिक थकान हो सकती है।इसलिए पूरे दिन तरल पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। इलेक्ट्रोलाइट वाले ड्रिंक शामिल करना जरूरी है। सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर के कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ये हाइड्रेशन को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। यदि आप डायबिटिक या प्री डायबिटिक हैं, तो कोई भी पेय पदार्थ पीने से पहले उसमें शुगर की मौजूदगी को जांच लें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में भले ही एक निश्चित अंतराल तक उपवास करने पर जोर देता है। लेकिन यह खाने के दौरान पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ लेने की भी सलाह देता है। चाहे आप केटोजेनिक आहार का पालन कर रहे हों या डाइट आहार का, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों, प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट को प्राथमिकता देने से आप बेहतर महसूस कर सकती हैं।
भोजन में एवोकाडो, आलू, क्रूसिफेरस सब्जियां, मछली, सी फ़ूड, साबुत अनाज, नट्स और फर्मेन्टेड फ़ूड लेने से दिन भर एनर्जेटिक बना रहा जा सकता है।
यदि आप अपने उपवास के दौरान थकान महसूस कर रही हैं, तो कैफीन का सेवन ऊर्जा बढ़ाने के लिए आपको समाधान की तरह लग सकता है। यहां यह समझना जरूरी है कि शरीर आमतौर पर इन समाधानों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है। यह क्विक एनर्जी तो दे सकता है, लेकिन शाम को यह नींद के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इससे अगले दिन थकान बढ़ जाएगी। रात में सोने के समय कभी-भी कॉफी का सेवन नहीं (how to avoid weakness during intermittent fasting) करें।
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