हार्ट को हेल्दी बनाए रखने के लिए लोग कई प्रकार की डाइट और व्यायाम का सहारा लेते हैं। मगर रसोईघर में इस्तेमाल किए जाने वाले तेल को अधिकतर लोग अवॉइड कर देते हैं। लंबे वक्त तक एक ही तेल का प्रयोग करना और खाने को तलने के लिए बार-बार वही ऑयल इस्तेमाल करना हृदय संबधी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देते हैं। तेल का अत्यधिक इस्तेमाल करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। स्वस्थ दिल के लिए खाने में तेल के इस्तेमाल को बंद करना बेहद आवश्यक है। जानते हैं ऑयल फ्री कुकिंग कैसे रखती है दिल का ख्याल (what is zero oil cooking and its benefits)।
दाल या सब्जी में मसाले भूनने के लिए तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी, प्याज या लहसुन जैसे मसाले जिन्हें कच्चा खाना या ऊपर से डालना खाने के स्वाद को खराब कर देता है। खासतौर से उन्हें बेहतर तरीके से पकाकर परोसने के लिए ऑयल का प्रयोग भारतीय रसोई में किया जाता है। हृदय संबधी समस्याओं के जोखिम से बचने के लिए ऑयल के अत्यधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए।
मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी के एक रिसर्च के अनुसार खाना पकाने के तेल पौधों, जानवरों या सिंथेटिक कंपाउंड से तैयार होते हैं। इन्हें फ्राइंग, बेकिंग और खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खाना पकाने के तेल में तीन लिपिड पाए जाते हैं। तेल में ट्राईसिलेग्लिसरॉल यानि ट्राइग्लिसराइड्स, फॉस्फोलिपिड्स और स्टेरोल्स पाए पाते हैं।
खाना पकाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला प्लांट बेस्ड तेल आमतौर पर जैतून, नारियल, एवोकैडो, सोयाबीन, सूरजमुखी या मूंगफली जैसे फलों या पौधों से बनाए जाते हैं। वहीं एनिमल बेस्ड ऑयल में बटर, लार्ड और टैलो का प्रयोग किया जाता है। इनके इस्तेमाल से खाना पकाने की विधि में हीट ट्रांसफर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। फिर चाहे बेकिंग हो, ग्रिलिंग हो या फ्राइंग। खाने में स्वाद को सम्मिलित करने के लिए तेल का प्रयोग होता है।
इस बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल नई दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ वनिता अरोड़ा का कहना है कि हृदय संबधी समस्याओं से बचने के लिए ऑयल को कम मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। नियमित तौर पर कुकिंग ऑयल का सेवन करने से शरीर में अनहेल्दी फैट्स जमा होने लगते हैं। इससे शरीर में ट्रांस फैट्स का स्तर बढ़ जाता है। रूम टेम्परेचर पर ये ठोस हो जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे मक्खन, पाम ऑयल, नारियल तेल, पनीर और लाल मांस जैसे खाद्य पदार्थों में संतृप्त वसा यानि सेचुरेटिड फैट की उच्च मात्रा पाई जाती है। आहार में बहुत अधिक संतृप्त वसा लेने से धमनियों यानि रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। इससे हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार तकरीबन 2 वर्षों तक संतृप्त वसा यानि सेचुरेटिड फैट्स का सेवन कम करने से हृदय की समस्याओं का खतरा 21 फीसदी तक कम हो जाता है। रिसर्च के अनुसार खाना फ्राई के लिए एक ही तेल का बार.बार इस्तेमाल टोटल पोलर कंपाउंड के स्तर को बढ़ाता है। इससे आर्टरीज़ में ब्लॉकेज की संभावना बढ़ने लगती है।
साइंस डायरेक्ट की एक स्टडी के अनुसार तेलों की खपत मुक्त कण यानि फ्री रेडिकल्स को प्रोडयूस उत्पन्न करती है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और हाई ब्लड प्रेशर, एंडोथेलियल डिसफंक्शन और वसक्यूलर इंफ्लामेशन का खतरा बढ़ने लगता है। इयसके चलते आर्टरीज़ में एथेरोस्क्लोरोटिक प्लेक बनने लगती है।
खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए अधिकतर लोग ऑयल का प्रयोग करते हैं। इस बारे में हेल्थशॉटस की टीम से बातचीत करते हुए क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई वर्षा गोरे ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त तेल शरीर में कोलेस्ट्रॉल, कैंसर, फैटी लीवर, मधुमेह और कई प्रकार की स्वासयि समस्याओं का कारण साबित होता है। तेल की अधिकता को अतिरिक्त कैलोरी में जोड़कर देखा जाता है। दिनभर में तीन चम्मच यानि 15 ग्राम तक तेल का उपयोग शरीर को हेल्दी बनाए रखता है। वे लोग जो हृदय संबंधी समस्याओं से घिरे हैं, उन्हें तेल में कटौती करने की आवश्यकता होती है।
ज़ीरो ऑयल से शरीर में वसा की मात्रा कम होने लगती है, जिससे हार्ट अटैक, सीने में दर्द और स्ट्रोक जैसी समस्याओं से राहत मिल जाती है। तेल का प्रयोग करने से शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ जाता है, जो हार्ट के लिए फैट डिपोजिशन बढ़ाता है। ज़ीरो ऑयल कुकिंग से शरीर में सेचुरेटिड और ट्रांस फैट का सेवन कम होने लगता है, जिससे हृदय संबधी समस्याएं हल होने लगती है। साथ ही शरीर हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे से भी बचा रहता है।
हार्ट को हेल्दी बनाए रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना बहुत आवश्यक है। ऐसे में ज़ीरो ऑयल कुकिंग के माध्यम से न केवल कैलोरी इनटेक कम होता है बल्कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होने गलती है। हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए ज़ीरो ऑयल कुकिंग पर स्विच करना बेहद फायदेमंद साबित होता है। इससे शरीर में ब्लॉकेज का खतरा कम हो जाता है।
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कस्टमाइज़ करेंतेल ब्लड में न जाने से कैलोरीज़ शरीर को मिलती है। 9 कैलोरी 1 ग्राम में होती है और 1 चम्मच में 45 कैलोरीज़ पाई जाती हैं। इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने से वेटलॉस में मदद मिलती है। खाने में तेल की मात्रा न होने से वेटगेन की समस्या दूर हो जाती है और शरीर में हेल्दी वेट मेंटेन रहता है।
ज़ीरो ऑयल कुकिंग के पैटर्न को अपनाकर शरीर को भरपूर पोषण की प्राप्ति होती है। इससे सब्जी का नेचुरल स्वाद टेस्ट बड्स को महसूस होने लगता है। इसके अलावा ऑयली फूड से शरीर को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है। सब्जी के अलावा सलाद में भी ऑयल को एड करने से बचें। इससे खाने का स्वाद बढ़ता है और स्वास्थ्य जोखिम कम हो जाते हैं।
सबसे पहले एक नॉन स्टिक कुकवेयर लें और उसे धीमी आंच पर रख दें। हल्का गर्म होने के बाद उसमें सब्जी को डालें।
अब आधा कप पानी डालकर उसे पकाएं और आवश्यकतानुसार सिरका भी एड कर सकते हैं।
बर्तन को ढककर पकाएं और कुछ देर पकने के बाद स्वादानुसार मसाले एड कर सकते हैं।
सूप, स्टू, दलिया, खिचड़ी समेत किसी भी प्रकार की वन पॉट मील को ज़ीरो ऑयल कुकिंग की मदद से तैयार कर सकते हैं।
खाने को तैयार होने के बाद हर्बस की मदद से उसमें स्वाद को एड कर सकते हैं और फिर सर्व करें।
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