होली आने वाली है और घर पर गुजिया न बने ऐसा हो नहीं सकता। होली के त्यौहार की मिठास गुजिया के बिना अधूरी सी लगती है और हर किसी का मीठा खाने का दिल करता है। पर इस सबके बीच सेहत को भूल जाना ठीक नहीं है। गुजिया स्वादिष्ट तो होती हैं, पर इनकी मुख्य सामग्री मैदा आपकी सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है। मैदे की अधिक मात्रा शरीर को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाती है। इसलिए इस बार हम आपके लिए लेकर आए हैं आटे की गुजिया (Gujiya healthy recipe)।
मैदा असल में होल ग्रेन आटे का रिफाइन स्वरूप है। रिफाइन करने की प्रक्रिया में इसमें से महत्वपूर्ण फाइबर बाहर निकाल दिया जाता है। जो इसे चिकना स्वरूप प्रदान करता है। पर फाइबर के बिना ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है। इससे व्यंजन बनाना आसान हो जाता है और ये आपके पेट को देर तक भरे होने का अहसास देता है। जबकि संपूर्ण आटा फाइबर में समृद्ध होता है। जो आपकी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है।
आटा – 2 कप (250 ग्राम)
बादाम – 10 से 12 (बारीक कटे हुए)
काजू – 10 से 12 (बारीक कटे हुए)
सूखा नारियल – 1/3 कप (कद्दूकस किया हुआ)
किशमिश – 1 बड़ा चम्मच
घी – 1/4 कप (60 ग्राम)
मावा – 1/2 कप (125 ग्राम)
सूजी – 1/3 कप (60 ग्राम)
बूरा – 3/4 कप (150 ग्राम)
इलायची – 6 से 7
घी – तलने के लिए
सबसे पहले आटे के बीच में थोड़ी सी जगह बनाकर इसमें 1/4 कप घी (मोयन) मिला दीजिये। आटे में हल्का गुनगुना पानी डालकर पूड़ी के आटे से थोड़ा ज्यादा सख्त आटा गूंथकर तैयार कर लीजिये। इतना आटा गूंथने में 1/2 कप से भी कम पानी लगता है। अब गुंथे हुए आटे को ढककर 20 से 25 मिनट सेट होने के लिए रख दीजिये।
कढ़ाही गर्म कर लीजिये। अब इसमें 2 बड़े चम्मच घी डाल दीजिये। घी हल्का गर्म होने के बाद इसमें सूजी डाल दीजिये और इसे लगातार चलाते हुए सुनहरा होने तक धीमी आंच पर भून लीजिये। अब गैस को बंद कर दीजिए और सूजी को लगातार चलाते रहिये, जिससे वो कढ़ाही में लगे न। अब इसमें बूरा मिला लीजिये और मिश्रण को अलग बर्तन में निकाल लीजिये।
कढ़ाही में काजू और बादाम डालिए और इन्हें लगातार चलाते हुए हल्का सुनहरा होने तक भून लीजिये। अब नारियल को भी भून लीजिये और इन सभी सामग्रियों को एक साथ मिला दीजिये।
मावा को कढ़ाही में डाल दीजिए और लगातार चलाते हुए हल्का सुनहरा होने तक धीमी आंच पर भून लीजिये। अब भुने हुए मावा, किशमिश और इलायची को पीसकर सभी मिश्रण के साथ मिला दीजिये। आपकी स्टफिंग तैयार है!
आटे के सेट होने पर इसे थोडा सा मसल लें और अब गुजिया के लिए इससे छोटी-छोटी लोइयां तोड़ लीजिये। इन्हें ढककर रखिये ताकि ये सूखें न। तैयार की गयी लोइयों को 3 से 4 इंच के व्यास में पतला बेल लीजिये और ध्यान रहे कि ये सभी जगह से एक जैसी बेली गईं हों।
गुजिया बनाने का सांचा लीजिए और बेली हुई पूड़ी को इस पर रखिये। अब इसमें अपनी ज़रुरत अनुसार स्टफिंग बीच में रखिए और चारों ओर थोड़ा सा पानी लगाकर, सांचे को चारों तरफ से अच्छी तरह से बंद कर दीजिये।
अतिरिक्त आटे को तोड़कर हटा दीजिये और सांचे को खोलकर गुजिया निकालकर एक प्लेट में अलग रख लीजिये। जो अतिरिक्त आटा बचा है उसे बाकी आटे के साथ गुजिया बनाने में इस्तेमाल कर लीजिये। इसी तरह सभी गुजिया बनाकर तैयार कर लीजिये।
इन सभी गुजिया को लगभग एक घंटे तक एक लंबे कपड़े पर सुखने के लिए रख दीजिये. इसे दोनों तरफ से पलट कर अच्छे से सुखा लीजिये।
एक गहरी कढ़ाही में गुजिया तलने के लिए घी गर्म करें। हल्का गर्म होने पर इसे एक आटे की लोई डालकर चेक कर लें। अब आंच को धीमा करके अपने हिसाब से गुजिया डाल दें। धीमी आंच पर सुनहरा होने तक गुजिया को दोनों तरफ से पलट कर तलें। अब तली हुई गुजिया को कड़छी से छानकर निकाल लीजिये। आपकी गुजिया बनकर तैयार है!
होली स्पेशल आटे की गुजिया को ठंडा होने के बाद एक कंटेनर में डाल दीजिए। आप इन गुजिया को 15 दिन तक खा सकते है।
टिप : गुजिया को तलने के लिए रिफाइन ऑयल या अन्य किसी विकल्प की बजाए देसी घी का इस्तेमाल करें। ये आपके शरीर के लिए जरूरी हेल्दी फैट देता है। घबराइए नहीं, मॉडरेशन में खाने से इससे आपका वजन बढ़ने वाला नहीं है।
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