पोषण को लेकर हर बार लोगों के मत बदलते रहते हैं। मगर कुछ चीजें जो हमेशा एक सी रहती हैं, वो है शरीर के लिए जरूरी कुछ खास पोषक तत्व। सब्जियों और फलों को उनके फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए हमेशा खाया जाना चाहिए। आपके आहार में स्वस्थ वसा की मौजूदगी भी जरूरी है। जबकि प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण, आपकी त्वचा और बालों के साथ-साथ शरीर के कई महत्वपूर्ण फंक्शन्स के लिए जरूरी है। पर एक व्यक्ति को हर दिन कितने प्रोटीन की जरूरत होती है? आइए इस लेख में एक आहार विशेषज्ञ से जानते हैं।
प्रोटीन को लेकर यह आम धारण बनी हुई है कि इसका सेवन सिर्फ मसल्स बनाने के लिए जरूरी है। कई लोग ये भी सोचते हैं कि जो लोग जिम जाते हैं, केवल उन्हीं के लिए प्रोटीन का सेवन जरूरी है। किसे, कितने प्रोटीन की जरूरत होती है, और क्या हो सकता है उसका आहार स्रोत, इस बारे में अकसर सवाल पूछे जाते हैं।
हममें से कई लोग मांसपेशियों के निर्माण के संदर्भ में प्रोटीन के बारे में सोचते हैं, लेकिन यह कोशिकाओं को बनाए रखने और मरम्मत करने, प्रतिरक्षा कार्य के लिए आवश्यक एंटीबॉडी के उत्पादन और हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रोटीन तीन मुख्य प्रकार के मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है। दो अन्य मैक्रोन्यूट्रिएंट्स हैं वसा और कार्बोहाइड्रेट। प्रोटीन हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। जब हम सी फूड, अंडे और बीन्स जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो हम उनके प्रोटीन को उसके अलग-अलग अमीनो एसिड में तोड़ देते हैं। जिसका उपयोग हमारा शरीर अपनी मांसपेशियों के निर्माण सहित कई कामों के लिए करता है।
आहार में प्रोटीन को प्राथमिकता देने और वसा को कम करने से मांसपेशियों को संरक्षित करने, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करने में मदद मिलती है।
आपकी प्रोटीन की ज़रूरत उम्र, वजन, शरीर की संरचना के लक्ष्य, शारीरिक गतिविधि के स्तर और आप गर्भवती हैं या नहीं जैसे कई कारकों के आधार पर अलग-अलग होगी। आपकी ज़रूरतें कुछ हद तक आपके द्वारा खाए जा रहे प्रोटीन की गुणवत्ता पर भी निर्भर करेंगी। अगर आर आरडीए के सुझाव के अनुसार प्रोटीन लेते हैं, तो इससे आपको फायदा होगा। जो हर दिन शरीर के प्रति किलोग्राम वजन का 0.8 ग्राम है।
न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस कोच नेहा रंगलानी बताती हैं कि आप आरडीए के द्वारा बनाए गए प्रोटीन से थोड़ा अधिक ले सकते हैं। आरडीए 0.8 ग्राम/किग्रा है, इसलिए हमें लगता है कि आदर्श सीमा 1.2 और 1.6 ग्राम/किग्रा के बीच है।
वजन बनाए रखने के लिए आरडीए के जितना प्रोटीन लेना सही है। हालांकि, वजन घटाने के समय, मांसपेशियों के लिए और सक्रिय मेटाबॉलिक रेट बनाए रखने के लिए 1 से 1.4 ग्राम/किलोग्राम को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा सकता है।
जब भी हम कुछ खाते हैं, तो उसे पचाने में हमारा शरीर एक निश्चित मात्रा में ऊर्जा खर्च करता है। इसे भोजन के थर्मोजेनेसिस के रूप में जाना जाता है। प्रोटीन में सभी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की तुलना में सबसे अधिक थर्मिक प्रभाव होता है क्योंकि इसे अपने अमीनो एसिड में तोड़ने और फिर उन्हें आपके शरीर में अमीनो एसिड चेन में वापस बनाने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
प्रोटीन आपको काफी लंबे समय तक तृप्त रखता है। इसका मतलब यह है कि जब आप समान मात्रा में कार्ब्स या वसा का सेवन करते हैं तो प्रोटीन आपको अधिक तृप्त और संतुष्ट रखता है। जब आप अधिक थर्मोजेनेसिस का अनुभव करते हैं, तो आपका शरीर अधिक ऊर्जा खर्च कर रहा है और ऑक्सीजन की खपत बढ़ा रहा है।
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कस्टमाइज़ करेंजब आप अधिक प्रोटीन खाते है तो ये प्रोटीन संश्लेषण को भी उत्तेजित करती है, जो दुबले शरीर के निर्माण में मदद करती है। और आपकी मांसपेशियां जितनी अधिक लीन होगी, आराम करने पर आप स्वाभाविक रूप से उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न करेंगे।
यही कारण है कि कम कैलोरी या कम प्रोटीन वाला आहार चयापचय को नष्ट कर सकता है, क्योंकि अधिक भूख के दौरान सुरक्षा तंत्र के रूप में कैलोरी या ऊर्जा को संरक्षित करने के लिए शरीर मांसपेशियों को तोड़ना शुरू कर देगा।
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